"प्रयोग:नवनीत2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) No edit summary |
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
|धार्मिक मान्यता= | |धार्मिक मान्यता= | ||
|राज्याभिषेक= | |राज्याभिषेक= | ||
|युद्ध= | |युद्ध=1775 से 1783 ई. तक [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के विरुद्ध [[आंग्ल मराठा युद्ध प्रथम|प्रथम मराठा युद्ध]] तथा 1784 ई. में नाना फड़नवीस ने [[मैसूर]] के शासक [[टीपू सुल्तान]] से लोहा लिया था। | ||
|प्रसिद्धि=नाना फड़नवीस अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिये बहुत प्रसिद्ध था। | |प्रसिद्धि=नाना फड़नवीस अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिये बहुत प्रसिद्ध था। | ||
|निर्माण= | |निर्माण= |
12:50, 11 मई 2016 का अवतरण
नवनीत2
| |
जन्म | 12 फरवरी 1742 ई. |
मृत्यु तिथि | 13 मार्च 1800 ई. |
प्रसिद्धि | नाना फड़नवीस अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिये बहुत प्रसिद्ध था। |
युद्ध | 1775 से 1783 ई. तक अंग्रेज़ों के विरुद्ध प्रथम मराठा युद्ध तथा 1784 ई. में नाना फड़नवीस ने मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से लोहा लिया था। |
शासन काल | 1774 ई.-1800 ई. |
संबंधित लेख | शिवाजी, शाहजी भोंसले, शम्भाजी पेशवा, बालाजी विश्वनाथ, बाजीराव प्रथम, बाजीराव द्वितीय, राजाराम शिवाजी, ग्वालियर, नाना फड़नवीस, दौलतराव शिन्दे, सालबाई की सन्धि, टीपू सुल्तान, मैसूर युद्ध, आंग्ल-मराठा युद्ध |
अन्य जानकारी | राज्य में विरोधियों के होते हुए भी नाना फड़नवीस अपनी चतुराई से समस्त विरोधों के बावजूद अपनी सत्ता बनाये रखने में सफल रहा। 1775 ई. से 1783 ई. तक उसने अंग्रेज़ों के विरुद्ध प्रथम मराठा युद्ध का संचालन किया। सालबाई की सन्धि से इस युद्ध की समाप्ति हुई थी। |