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{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र
{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र
|चित्र=Nana-Fadnavis.jpg
|चित्र=blankimage.jpg
|चित्र का नाम=नाना फड़नवीस
|चित्र का नाम=राघोबा
|पूरा नाम=
|पूरा नाम=राघोबा
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|अन्य नाम=रघुनाथराव
|जन्म=[[12 फरवरी]] 1742 ई.
|जन्म=[[18 अगस्त]], 1734 ई.
|जन्म भूमि=
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|मृत्यु तिथि=[[13 मार्च]] 1800 ई.
|मृत्यु तिथि=[[11 दिसम्बर]], 1783 ई.
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|पिता/माता=[[पेशवा बाजीराव प्रथम]]
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|उपाधि=[[पेशवा]]
|शासन=
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|धार्मिक मान्यता=
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|राज्याभिषेक=
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|युद्ध=1775 से 1783 ई. तक [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के विरुद्ध [[आंग्ल मराठा युद्ध प्रथम|प्रथम मराठा युद्ध]] तथा 1784 ई. में नाना फड़नवीस ने [[मैसूर]] के शासक [[टीपू सुल्तान]] से लोहा लिया था। 
|युद्ध=[[मराठा युद्ध]], (1775 ई. से 1783 ई.)
|प्रसिद्धि=नाना फड़नवीस अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिये बहुत प्रसिद्ध था।
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|शासन काल=1774 ई.-1800 ई.
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|संबंधित लेख=[[शिवाजी]], [[शाहजी भोंसले]], [[शम्भाजी|शम्भाजी पेशवा]], [[बालाजी विश्वनाथ]], [[बाजीराव प्रथम]], [[बाजीराव द्वितीय]], [[राजाराम शिवाजी]], [[ग्वालियर]], [[नाना फड़नवीस]], [[दौलतराव शिन्दे]], [[सालबाई की सन्धि]], [[टीपू सुल्तान]], [[मैसूर युद्ध]], [[आंग्ल-मराठा युद्ध]]     
|संबंधित लेख=[[शिवाजी]], [[शाहजी भोंसले]], [[शम्भाजी|शम्भाजी पेशवा]], [[बालाजी विश्वनाथ]], [[बाजीराव प्रथम]], [[बाजीराव द्वितीय]], [[राजाराम शिवाजी]], [[ग्वालियर]], [[नाना फड़नवीस]], [[दौलतराव शिन्दे]], [[सालबाई की सन्धि]], [[टीपू सुल्तान]], [[सूरत की सन्धि]], [[आंग्ल-मराठा युद्ध]], [[पेशवा]]     
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|अन्य जानकारी=राज्य में विरोधियों के होते हुए भी नाना फड़नवीस अपनी चतुराई से समस्त विरोधों के बावजूद अपनी सत्ता बनाये रखने में सफल रहा। 1775 ई. से 1783 ई. तक उसने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के विरुद्ध [[आंग्ल मराठा युद्ध प्रथम|प्रथम मराठा युद्ध]] का संचालन किया। [[सालबाई की सन्धि]] से इस युद्ध की समाप्ति हुई थी।
|अन्य जानकारी=रघुनाथराव की समस्त देशभक्ति कुण्ठित हो गई और उसने [[बम्बई]] जाकर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] से सहायता की याचना की तथा 1775 ई. में उनसे सन्धि कर ली, जो कि [[सूरत की सन्धि]] के नाम से प्रसिद्ध है।
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नवनीत2
राघोबा
राघोबा
पूरा नाम राघोबा
अन्य नाम रघुनाथराव
जन्म 18 अगस्त, 1734 ई.
मृत्यु तिथि 11 दिसम्बर, 1783 ई.
पिता/माता पेशवा बाजीराव प्रथम
उपाधि पेशवा
युद्ध मराठा युद्ध, (1775 ई. से 1783 ई.)
संबंधित लेख शिवाजी, शाहजी भोंसले, शम्भाजी पेशवा, बालाजी विश्वनाथ, बाजीराव प्रथम, बाजीराव द्वितीय, राजाराम शिवाजी, ग्वालियर, नाना फड़नवीस, दौलतराव शिन्दे, सालबाई की सन्धि, टीपू सुल्तान, सूरत की सन्धि, आंग्ल-मराठा युद्ध, पेशवा
अन्य जानकारी रघुनाथराव की समस्त देशभक्ति कुण्ठित हो गई और उसने बम्बई जाकर अंग्रेज़ों से सहायता की याचना की तथा 1775 ई. में उनसे सन्धि कर ली, जो कि सूरत की सन्धि के नाम से प्रसिद्ध है।