"प्रयोग:राधिका सोनी": अवतरणों में अंतर
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राधिका सोनी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{ | {गुप्तकालीन ग्रंथों प्रयुक्त ‘काप्ति’शब्द से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न975) | ||
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+ प्रचलित दर से अधिक ब्याजदर | + प्रचलित दर से अधिक ब्याजदर | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
{निम्नलिखित मे से किसकी रचना वराहामिहिर ने नही की थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न977) | {निम्नलिखित मे से किसकी रचना वराहामिहिर ने नही की थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न977) | ||
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- पंचसिद्धान्तिका | - पंचसिद्धान्तिका | ||
- वृहत्संहिता | - वृहत्संहिता | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 27: | ||
{निम्नलिखित कथनों में से असत्य कथन इंगित कीजिए- (यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न978) | {निम्नलिखित कथनों में से असत्य कथन इंगित कीजिए- (यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न978) | ||
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- सिंन्धु नदी के मुहाने पर बारवोरिक एंव इसके दक्षिण में पत्तल का बन्दरगाह था। | - सिंन्धु नदी के मुहाने पर बारवोरिक एंव इसके दक्षिण में पत्तल का बन्दरगाह था। | ||
- वैजंयती की पहचान बिजाड्रोंग से की गयी है। | - वैजंयती की पहचान बिजाड्रोंग से की गयी है। | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 34: | ||
{निम्न्लिखित बन्दरगाहों में से कौन अत्यन्त महत्वपूर्ण रोमन व्यापार से जुड़े हुए है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न979) | {निम्न्लिखित बन्दरगाहों में से कौन अत्यन्त महत्वपूर्ण रोमन व्यापार से जुड़े हुए है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न979) | ||
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- अरिकमेडु | - अरिकमेडु | ||
- मुजरिस | - मुजरिस | ||
पंक्ति 41: | पंक्ति 41: | ||
{महरौली के लौह स्तंभ के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्ये है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न981) | {महरौली के लौह स्तंभ के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्ये है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न981) | ||
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- यह 28 फुट लम्बा, 16.4 इंच व्यास वाला एंव 6 टन वजन का है। | - यह 28 फुट लम्बा, 16.4 इंच व्यास वाला एंव 6 टन वजन का है। | ||
- यह गुप्तकालीन शिस्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। | - यह गुप्तकालीन शिस्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। | ||
पंक्ति 48: | पंक्ति 48: | ||
{निम्न्लिखित में से किस गुप्त सम्राट तक सोने की शुद्धता उनके सिक्को में पूर्ववत् रही-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न982) | {निम्न्लिखित में से किस गुप्त सम्राट तक सोने की शुद्धता उनके सिक्को में पूर्ववत् रही-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न982) | ||
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- समुद्रगुप्त | - समुद्रगुप्त | ||
- चंद्रगुप्त-II | - चंद्रगुप्त-II | ||
पंक्ति 56: | पंक्ति 56: | ||
{गुप्तकालीन ग्रंथो में ‘भ्रष्ट्रामिंध’ शब्द प्रयुक्त हुआ है, | {गुप्तकालीन ग्रंथो में ‘भ्रष्ट्रामिंध’ शब्द प्रयुक्त हुआ है, | ||
जिसका आशय है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न983) | जिसका आशय है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न983) | ||
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+ खाना पकाने वाला | + खाना पकाने वाला | ||
- लोहे का काम करने वाला | - लोहे का काम करने वाला | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 63: | ||
{गुप्तकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त हिन्न सिप से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न984) | {गुप्तकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त हिन्न सिप से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न984) | ||
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- शिकारी | - शिकारी | ||
- मजदूर | - मजदूर | ||
पंक्ति 70: | पंक्ति 70: | ||
{गुप्तकाल के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य कहा जा सकता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न985) | {गुप्तकाल के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य कहा जा सकता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न985) | ||
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- गुप्त के सोने के सर्वाधिक सिक्के जारी किए। | - गुप्त के सोने के सर्वाधिक सिक्के जारी किए। | ||
-गुप्तकाल में वस्तु विनिमय का माध्यम कौड़ी था। | -गुप्तकाल में वस्तु विनिमय का माध्यम कौड़ी था। | ||
पंक्ति 77: | पंक्ति 77: | ||
{श्रेणियों के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न986) | {श्रेणियों के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न986) | ||
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-श्रेणियों के अपने चिन्ह, पाताकायें एंव ध्वज थे। | -श्रेणियों के अपने चिन्ह, पाताकायें एंव ध्वज थे। | ||
- राजनीति में उनका हस्तक्षेप बहुत कम था। | - राजनीति में उनका हस्तक्षेप बहुत कम था। | ||
पंक्ति 84: | पंक्ति 84: | ||
{निम्नलिखित में से किस शासक ने वीणा-वादन प्रकार की मुद्राएँ चलाईं-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न987) | {निम्नलिखित में से किस शासक ने वीणा-वादन प्रकार की मुद्राएँ चलाईं-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न987) | ||
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- चंद्रगुप्त | - चंद्रगुप्त | ||
+ समुंद्रगुप्त | + समुंद्रगुप्त | ||
पंक्ति 91: | पंक्ति 91: | ||
{निम्नलिखित में से किस राज्य को रोम के साथ व्यापार का सर्वाधिक लाभ हुआ-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न988) | {निम्नलिखित में से किस राज्य को रोम के साथ व्यापार का सर्वाधिक लाभ हुआ-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न988) | ||
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+ सातवाहन | + सातवाहन | ||
- चोला | - चोला | ||
पंक्ति 98: | पंक्ति 98: | ||
{रेशम मार्ग की कुल तीन शाखाएँ थीं, निम्नलिखित में से कौन सत्य नही है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न989) | {रेशम मार्ग की कुल तीन शाखाएँ थीं, निम्नलिखित में से कौन सत्य नही है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न989) | ||
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- मर्व से फरात नदी से होकर रुम सागर तक का मार्ग। | - मर्व से फरात नदी से होकर रुम सागर तक का मार्ग। | ||
- भारत से लाल सागर तक जाने वाला मार्ग्। | - भारत से लाल सागर तक जाने वाला मार्ग्। | ||
पंक्ति 105: | पंक्ति 105: | ||
{निम्नलिखित में से किसका साम्राज्य अंतर्राष्टीय था-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न990) | {निम्नलिखित में से किसका साम्राज्य अंतर्राष्टीय था-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न990) | ||
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+ कुषाण | + कुषाण | ||
- अशोक | - अशोक | ||
पंक्ति 112: | पंक्ति 112: | ||
{निम्नलिखित में से किनके द्वारा श्रेणियाँ अपने सदस्यों पर नियंत्रण रखती थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न991) | {निम्नलिखित में से किनके द्वारा श्रेणियाँ अपने सदस्यों पर नियंत्रण रखती थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न991) | ||
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- शक्ति द्वारा | - शक्ति द्वारा | ||
+ श्रेणीन्यालय द्वारा | + श्रेणीन्यालय द्वारा | ||
पंक्ति 119: | पंक्ति 119: | ||
{गुप्तोतर काल के बारे में क्या असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1000) | {गुप्तोतर काल के बारे में क्या असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1000) | ||
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- इस काल मे गाँव भी अपनी मुद्रा जारी करने लगे। | - इस काल मे गाँव भी अपनी मुद्रा जारी करने लगे। | ||
- ग्रामीण समुदाओ के भूमि संबंधि अधिकारीयों का ह्रास हुआ। | - ग्रामीण समुदाओ के भूमि संबंधि अधिकारीयों का ह्रास हुआ। | ||
पंक्ति 126: | पंक्ति 126: | ||
{किस इतिहास ने गुत्तोतरकालीन सामाजिक आर्थिक संगढन एंव संरचना के लिये सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1001) | {किस इतिहास ने गुत्तोतरकालीन सामाजिक आर्थिक संगढन एंव संरचना के लिये सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1001) | ||
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- ए. एस. अल्तेकर | - ए. एस. अल्तेकर | ||
+ आर. एस. शर्मा | + आर. एस. शर्मा | ||
पंक्ति 133: | पंक्ति 133: | ||
{गुप्त काल के 18 करो में वह प्रमुख कर कौन-सा था जो 16 से 25 प्रतिशत तक वसूला जाता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1002) | {गुप्त काल के 18 करो में वह प्रमुख कर कौन-सा था जो 16 से 25 प्रतिशत तक वसूला जाता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1002) | ||
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- भोग | - भोग | ||
- भूतवातप्रत्याय | - भूतवातप्रत्याय | ||
पंक्ति 140: | पंक्ति 140: | ||
{गुपप्तोत्तरकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त “ आभ्यान्तर सिद्ध” से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1004) | {गुपप्तोत्तरकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त “ आभ्यान्तर सिद्ध” से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1004) | ||
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+ फौजदारी एंव दीवनी मामले | + फौजदारी एंव दीवनी मामले | ||
- समंतो को कार्य प्रणाली | - समंतो को कार्य प्रणाली | ||
पंक्ति 147: | पंक्ति 147: | ||
{निम्नलिखित ग्रंथो में से किसके गुप्तोत्तरकालिन भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नही पड़्त-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1005) | {निम्नलिखित ग्रंथो में से किसके गुप्तोत्तरकालिन भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नही पड़्त-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1005) | ||
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- हर्षचरित | - हर्षचरित | ||
- अपराजितपृच्छा | - अपराजितपृच्छा | ||
- राजतरंगिणी | - राजतरंगिणी | ||
+ काव्यादर्श | + काव्यादर्श | ||
{गुप्त्कालीन भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1006) | {गुप्त्कालीन भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1006) | ||
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- गुप्त्काल मे भूमि ‘हस्ते’ से नापी जाती थी। | - गुप्त्काल मे भूमि ‘हस्ते’ से नापी जाती थी। | ||
- हस्त से बड़ी इकाई धनु थी। | - हस्त से बड़ी इकाई धनु थी। | ||
पंक्ति 160: | पंक्ति 161: | ||
{गुप्तोत्तरकालीन करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1007) | {गुप्तोत्तरकालीन करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1007) | ||
|type="()”} | |||
- परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रुप मे लिखा जाता था। | - परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रुप मे लिखा जाता था। | ||
- राजकीय भूमि पर कृषि कर सीता कहलाता था। | - राजकीय भूमि पर कृषि कर सीता कहलाता था। | ||
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{गुप्त काल में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागत स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1008) | {गुप्त काल में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागत स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 232प्रश्न1008) | ||
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+ भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम। | + भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम। | ||
- विषय, भुक्ति, पेठ, ग्राम। | - विषय, भुक्ति, पेठ, ग्राम। |
06:22, 1 सितम्बर 2016 का अवतरण
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