"प्रयोग:कविता बघेल 3": अवतरणों में अंतर
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रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) ('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> {शारीरिक शिक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
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{शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान कहां स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-1 | {शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान कहां स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-1 | ||
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-पटियाला | -[[पटियाला]] | ||
-चंडीगढ़ | -[[चंडीगढ़]] | ||
-दिल्ली | -[[दिल्ली]] | ||
+ग्वालियर | +[[ग्वालियर]] | ||
||शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान अगस्त, 1957 में 'लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन' (LCPE) के नाम से | ||शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान [[अगस्त]], [[1957]] में 'लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन' (LCPE) के नाम से ग्वालियर, [[मध्य प्रदेश]] में स्थापित किया गया था। इसे वर्तमान में 'लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजीकल एजुकेशन' (LNIPE) के नाम से जाना जाता है। | ||
{भोजन के मुख्य कार्य हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-1 | {भोजन के मुख्य कार्य हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-1 | ||
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+नई कोशिकाएं बनाना व टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करना | +नई [[कोशिका|कोशिकाएं]] बनाना व टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करना | ||
-रक्त का निर्माण करना | -[[रक्त]] का निर्माण करना | ||
-उपर्युक्त दोनों | -उपर्युक्त दोनों | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||भोजन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं- 1.यह शरीर के अलग-अलग क्रिया-कलापों के लिए ऊर्जा व ताकत प्रदान करता है। 2.यह शरीर को नए ऊतक (टिशू) विकसित करने व पुराने एवं खराब टिशू बदलने में मदद देता है। 3.इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो कि शरीर के आंतरिक कार्यों पर नियंत्रण रखते हैं एवं शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। | ||भोजन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं- 1.यह शरीर के अलग-अलग क्रिया-कलापों के लिए [[ऊर्जा]] व ताकत प्रदान करता है। 2.यह शरीर को नए [[ऊतक|ऊतक (टिशू)]] विकसित करने व पुराने एवं खराब टिशू बदलने में मदद देता है। 3.इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो कि शरीर के आंतरिक कार्यों पर नियंत्रण रखते हैं एवं शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। | ||
{'[[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]]' किसको दिया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-10 | {'[[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]]' किसको दिया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-10 | ||
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-राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | -राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | ||
+अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | +अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | ||
-राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | -[[राज्य]] स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | ||
-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को। | -सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को। | ||
||भारत सरकार की नई संशोधित योजना के तहत अर्जुन अवॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता फरवरी, 2015 में जारी हुए नए नियम के अनुसार है, इसके पूर्व तीन वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता थी)। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष 1961 में हुआ था। | ||भारत सरकार की नई संशोधित योजना के तहत अर्जुन अवॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता फरवरी, 2015 में जारी हुए नए नियम के अनुसार है, इसके पूर्व तीन वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता थी)। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष 1961 में हुआ था। | ||
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+उपर्युक्त सभी | +उपर्युक्त सभी | ||
||शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य शारीरिक विकास, मानसिक विकास एवं सर्वांगीण विकास निर्धारित करना है। अत: विकल्प (d) सही उत्तर है। | ||शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य शारीरिक विकास, मानसिक विकास एवं सर्वांगीण विकास निर्धारित करना है। अत: विकल्प (d) सही उत्तर है। | ||
{आदर्श धावन पथ....माना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-200 मीटर | |||
+400 मीटर | |||
-600मीटर | |||
-300 मीटर | |||
||धावकों के लिए 400 मीटर पथ को आदर्श धावन पथ माना जाता है। 400 मीटर का धावन पथ 36.50 मीटर अर्द्धवृत्तों का बना होता है। 400 मीटर रेस में पुरुष वर्ग का वर्ल्ड रिकॉर्ड वेड वैन नीकर्क (43.03 सेकंड) के नाम है वहीं महिला वर्ग में मारिटा कोध (47.60 सेकंड) शीर्य पर है। | |||
{शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-69 | |||
|type="()"} | |||
-मनुष्य का मानसिक विकास | |||
-मनुष्य का सामाजिक विकास | |||
+मनुष्य का सर्वागीण विकास | |||
-मनुष्य का शारीरिक विकास | |||
||शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य का सर्वांगीत विकास करना है और इस विकास के प्रमुख चार क्षेत्र हैं- (i) स्वास्थ्य, (ii) चरित्र (iii) नागरिकता और (iv) मनोरंजन शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समस्त उद्देश्यों को प्राप्त करना आवश्यक है। | |||
{गामक गुण निम्नलिखित में से किसका आधारभूत माने गए हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-215 प्रश्न-121 | |||
|type="()"} | |||
-व्यवहार | |||
-प्रवृत्तियां | |||
+क्रीड़ा कौशल | |||
-संचारी कौशल | |||
||बालन के गामक विकास में अनेक कारक प्रभावशाली होते हैं। गामक सीखने का उद्देश्य किसी शारीरिक क्रिया में सिद्धहस्त होना होता है। गामक गुण क्रीड़ा कौशल के आधारभूत माने गए हैं। बाल्यावस्था में गामक-नियंत्रण स्थापित हो जाने से ही बालक बड़ा होकर साइकिल चलाना, मोटर साइकिल चलाना इत्यादि जटिल गामक क्रियाओं को कर सकता है। | |||
{जल चिकित्सा का अर्थ है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-तरंगों से उपचार | |||
+पानी से उपचार | |||
-तेल से उपचार | |||
-गर्मी से उपचार | |||
||हाइड्रोथेरैपी का अर्थ पानी से उपचार है। थेरैपी विद वेव का अर्थ तरंगों से उपचार है। थेरैपी विद ऑयल का अर्थ तेल से उपचार है। थेरैपी विद हीट का अर्थ गर्मी से उपचार है। | |||
{हेपेटाइटिस-बी वायरस शरीर के किस अंग को प्रभावित करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-167 | |||
|type="()"} | |||
+यकृत | |||
-मस्तिष्क | |||
-हृदय | |||
-गुर्दा | |||
||हेपेटाइटिस-बी तीव्र संक्रामक रोग है जो जिगर या यकृत की खराबी के कारण हेपेटाइटिस-बी वायरस से फैलता है। यह डी.एन.ए. वायरस है तथा विषाक्तता का मुख्य स्त्रोत मनुष्य ही है। | |||
{प्रयास (बल) और टेक के बीच भार (प्रतिरोध) वाले लीवर--किस के लीवर कहलाते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-111 | |||
|type="()"} | |||
-श्रेणी-I | |||
+श्रेणी-II | |||
-श्रेणी-II | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||श्रेणी-II या द्वितीय प्रकार के उत्तोलक प्रतिरोध, शक्ति या बल तथा अक्ष के बीच में होता है। जब एक व्यक्ति अपने पंजों पर खड़ा होता है, तो पैर की लंबाई, उत्तोलक की बाजू होती है, पैर की बॉल धुरी के रूप में कार्य करती है तथा एचिलिस टेंडन व पिण्डलियां शक्ति प्रदान करती हैं। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
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11:37, 15 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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