"चित्र:Virupraksha-Temple-2.jpg": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
कविता बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{चित्र सूचना | |||
|विवरण=[[विरुपाक्ष मन्दिर]], [[पट्टदकल]] | |||
|चित्रांकन=[https://www.flickr.com/people/dalbera/ Jean-Pierre Dalbéra] | |||
|दिनांक= | |||
|स्रोत=www.flickr.com | |||
|प्रयोग अनुमति= | |||
|चित्रकार= | |||
|उपलब्ध=[https://www.flickr.com/photos/dalbera/14211313068/in/photolist-nDNGg7-fZLvw8-fZMsyH-nY5uWZ-fZLMYN-fZL9dM-qT4VQx-qQWcZE-2hv7AE-2hvHC9-2hvBiE-2hrrH4-2hv9yS-2hvAQq-2hr53v-2hvwS3-2hqFET-2hvyNU-2hvu8A-2hvzrS-2hqS9K-2hqA4v-2hvne1-2hqCbe-2hqZ98-2hr6x2-2hqKvz-2hvxXj-2hrnQa-2hvdVE-2hqWyD-2hvnKu-2hqHjK-2hr1oz-2hqzxR-2hr48V-2hqUFP-2hqZCg-2hqxYT-2hvp4N-2hrs5K-2hv1EC-2hvs4o-2hvvCA-2hv4zf-2hv8BQ-2hrqoP-2hvws5-ES5Qeu-nXjSz6 Les temples de Virupaksha et de Kashivishvanath (Pattadakal, Inde)] | |||
|प्राप्ति स्थान= | |||
|समय-काल= | |||
|संग्रहालय क्रम संख्या= | |||
|आभार=[https://www.flickr.com/photos/dalbera/ Jean-Pierre Dalbéra photostream ] | |||
|आकार= | |||
|अन्य विवरण=विरुपाक्ष मन्दिर को पंपापटी मंदिर भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। हम्पी के कई आकर्षणों में से यह मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। भगवान विठाला या भगवान [[विष्णु]] को यह मंदिर समर्पित है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में एक है। | |||
}} | |||
{{CCL | |||
|Attribution={{Attribution}} | |||
|Noncommercial= | |||
|Share Alike= | |||
|No Derivative Works= | |||
}} | |||
__INDEX__ |
12:59, 9 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | विरुपाक्ष मन्दिर, पट्टदकल |
चित्रांकन (Author) | Jean-Pierre Dalbéra |
स्रोत (Source) | www.flickr.com |
उपलब्ध (Available) | Les temples de Virupaksha et de Kashivishvanath (Pattadakal, Inde) |
आभार (Credits) | Jean-Pierre Dalbéra photostream |
अन्य विवरण | विरुपाक्ष मन्दिर को पंपापटी मंदिर भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। हम्पी के कई आकर्षणों में से यह मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। भगवान विठाला या भगवान विष्णु को यह मंदिर समर्पित है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में एक है। |
यह चित्र क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के अंतर्गत उसके 'उपयोग के अधिकारों' का हनन किए बिना उपयोग किया गया है। कृपया चित्र के उपयोग अधिकार देखे बिना उनका उपयोग न करें। इससे चित्रों से संबधित अधिकारों के उल्लंघन होने की संभावना है। |
![]()
![]() |
This file is used under the Creative Commons license. |
![]() | ||
चित्र का इतिहास
फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।
दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
---|---|---|---|---|---|
वर्तमान | 12:51, 9 सितम्बर 2017 | ![]() | 1,600 × 1,200 (772 KB) | कविता बघेल (वार्ता | योगदान) |
आप इस चित्र को ओवर्राइट नहीं कर सकते।
चित्र का उपयोग
यह पृष्ठ इस चित्र का इस्तेमाल करता है: