"प्रयोग:दीपिका3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
+ए.वी. डायसी को | +ए.वी. डायसी को | ||
-हेरोल्ड लास्की को | -हेरोल्ड लास्की को | ||
||[[भारतीय संविधान]] का अनुछेद 14 उपबंधित करता है कि "भारत राज्य-क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से राज्य द्वारा वंचित से लिया गया"। 'विधि के समक्ष समता' वाक्यांश ब्रिटिश संविधान से लिया गया है जिसे प्रोफेसर ए.वी. डायसी 'विधि शासन' (Rule of Law) कहते हैं। | ||[[भारतीय संविधान]] का अनुछेद 14 उपबंधित करता है कि "भारत राज्य-क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से राज्य द्वारा वंचित से लिया गया"। 'विधि के समक्ष समता' वाक्यांश ब्रिटिश संविधान से लिया गया है जिसे प्रोफेसर ए.वी. डायसी 'विधि के शासन' (Rule of Law) कहते हैं। | ||
{जब 1967 में आसियान की स्थापना हुई निम्नलिखित में से कौन-सा देश इसका सदस्य नहीं था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-17 | {जब 1967 में आसियान की स्थापना हुई तब निम्नलिखित में से कौन-सा देश इसका सदस्य नहीं था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मलेशिया]] | -[[मलेशिया]] | ||
पंक्ति 44: | पंक्ति 44: | ||
+अक्षमता | +अक्षमता | ||
-अनामता | -अनामता | ||
||स्थायित्व, तटस्थता तथा अनामता नौकरशाही की विशेषताएं हैं | ||स्थायित्व, तटस्थता तथा अनामता नौकरशाही की विशेषताएं हैं जबकि अक्षमता नौकरशाही का लक्षण नहीं है। | ||
{ब्रिटिश युग में कौन-सा प्रशासनिक सुधार आयोग नहीं बना? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-20 | {ब्रिटिश युग में कौन-सा प्रशासनिक सुधार आयोग नहीं बना? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-20 | ||
पंक्ति 52: | पंक्ति 52: | ||
+माउंटबेटन आयोग | +माउंटबेटन आयोग | ||
-इस्लिंगटन आयोग | -इस्लिंगटन आयोग | ||
||[[भारत]] में प्रशासनिक सुधार के दृष्टिकोण से ब्रिटिश शासन के दौरान ऐचिसन आयोग (1886), ली आयोग (1923) तथा इस्लिंगटन आयोग (1912) बनाए गए जबकि माउंटबेटन योजना वर्ष 1947 में भारत विभाजन से संबंधित है। | ||[[भारत]] में प्रशासनिक सुधार के दृष्टिकोण से ब्रिटिश शासन के दौरान ऐचिसन आयोग (1886), ली आयोग (1923) तथा इस्लिंगटन आयोग (1912) बनाए गए जबकि [[माउंटबेटन योजना]] वर्ष 1947 में भारत विभाजन से संबंधित है। | ||
{'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-17 | {'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-17 | ||
पंक्ति 62: | पंक्ति 62: | ||
||'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस': दि स्ट्रगल फॉर पॉवर एंड पीस' हैंस मार्गेन्थाउ (Hans Morgenthau) द्वारा लिखित है, जो वर्ष 1948 में प्रकाशित हुई। | ||'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस': दि स्ट्रगल फॉर पॉवर एंड पीस' हैंस मार्गेन्थाउ (Hans Morgenthau) द्वारा लिखित है, जो वर्ष 1948 में प्रकाशित हुई। | ||
{"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है"। इस | {"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है"। इस उद्धरण के लेखक कौन है?(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-42 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्लेटो | -प्लेटो | ||
+अरस्तू | +[[अरस्तू]] | ||
-अज्ञात यूनानी विचारक | -अज्ञात यूनानी विचारक | ||
-सोफिस्ट | -सोफिस्ट | ||
||"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है" इस उद्धरण के लेखक [[अरस्तू]] हैं। आत्म-निर्भर जीवन का आशय राज्य या राजनीतिक समुदाय का लक्ष्य उच्चतम आदेशों की प्राप्ति से है। | ||"राज्य परिवारों और गांवों का संगठन है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन प्रदान करना है" इस उद्धरण के लेखक [[अरस्तू]] हैं। आत्म-निर्भर जीवन का आशय राज्य या राजनीतिक समुदाय का लक्ष्य उच्चतम आदेशों की प्राप्ति से है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[अरस्तू]] | ||
{विधिक संप्रभुता और राजनीतिक संप्रभुता में अंतर बतलाया है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-17 | {विधिक संप्रभुता और राजनीतिक संप्रभुता में अंतर किसन्व बतलाया है?- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जॉन लॉक ने | -जॉन लॉक ने | ||
-जॉन ऑस्टिन ने | -जॉन ऑस्टिन ने | ||
+ए. | +ए.वी. डायसी ने | ||
-हैरोल्ड जे. लास्की ने | -हैरोल्ड जे. लास्की ने | ||
||सर्वप्रथम ए. | ||सर्वप्रथम ए.वी. डायसी ने विधिक संप्रभुता एवं राजनीतिक संप्रभुता में अंतर, लोकतंत्रीय शासन प्रणाली के संदर्भ में बताया, जहां विधिक संप्रभु (संसद) राजनीतिक संप्रभु (निर्वाचक-गणों) की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। | ||
{निवेश, निर्गम और पुनर्निवेश शब्दों का प्रयोग किसकी व्याख्या में होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-27 | {निवेश, निर्गम और पुनर्निवेश शब्दों का प्रयोग किसकी व्याख्या में होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-27 |
11:51, 10 जनवरी 2018 का अवतरण
|