"साँचा:सूक्ति और कहावत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| सूक्ति और कहावत
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| सूक्ति और कहावत
|-
|-
{{मुखपृष्ठ-05}}
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>

13:49, 11 मई 2011 का अवतरण

सूक्ति और कहावत
  • तिलक-गीता का पूर्वार्द्ध है ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, और उसका उत्तरार्द्ध है ‘स्वदेशी हमारा जन्मसिद्ध कर्तव्य है’। स्वदेशी को लोकमान्य बहिष्कार से भी ऊँचा स्थान देते थे। -महात्मा गाँधी
  • अंतर्राष्ट्रीयता तभी पनप सकती है जब राष्ट्रीयता का सुदृढ़ आधार हो। - श्यामाप्रसाद मुखर्जी .... और पढ़ें