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-[[अमीर खुसरो]]
-[[अमीर खुसरो]]
-[[बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ]]
-[[बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ]]
||[[संगीत]] सम्राट [[तानसेन]] (जन्म- संवत 1563, बेहट ग्राम; मृत्यु- संवत 1646) की गणना [[भारत]] के महान गायकों एवं संगीतज्ञों में की जाती है। तानसेन का नाम [[अकबर]] के प्रमुख संगीतज्ञों की सूची में सर्वोपरि है। तानसेन दरबारी कलाकारों का मुखिया और [[अकबर के नवरत्न|समाट के नवरत्नों]] में से एक था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तानसेन]]
||[[चित्र:Akbar-Tansen-Haridas.jpg|100px|right|[[तानसेन]]]][[संगीत]] सम्राट [[तानसेन]] (जन्म- संवत 1563, बेहट ग्राम; मृत्यु- संवत 1646) की गणना [[भारत]] के महान गायकों एवं संगीतज्ञों में की जाती है। तानसेन का नाम [[अकबर]] के प्रमुख संगीतज्ञों की सूची में सर्वोपरि है। तानसेन दरबारी कलाकारों का मुखिया और [[अकबर के नवरत्न|समाट के नवरत्नों]] में से एक था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तानसेन]]




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-जैमिनी राय
-जैमिनी राय
-सतीश गुजराल
-सतीश गुजराल
||रबीन्द्रनाथ ठाकुर (जन्म- [[7 मई]], [[1861]], [[कोलकाता|कलकत्ता]], [[पश्चिम बंगाल]]; मृत्यु- [[7 अगस्त]], [[1941]], कलकत्ता) एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। भारतीय [[संस्कृति]] के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से [[भारत]] का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]
||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.jpg|right|100px|[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]]]रबीन्द्रनाथ ठाकुर (जन्म- [[7 मई]], [[1861]], [[कोलकाता|कलकत्ता]], [[पश्चिम बंगाल]]; मृत्यु- [[7 अगस्त]], [[1941]], कलकत्ता) एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। भारतीय [[संस्कृति]] के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से [[भारत]] का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]




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-[[शाहजहाँ]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[औरंगजेब]]
-[[औरंगजेब]]
[[नूरुद्दीन सलीम [[जहाँगीर]] का जन्म [[फ़तेहपुर सीकरी]] में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से [[30 अगस्त]], 1569 ई. को हुआ था। अकबर सलीम को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था। सलीम का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया। 1612 ई. में जहाँगीर इसको निगाह-ए-दश्त कहता है। उसने एक आदर्श प्रेमी की तरह 1615 ई. में [[लाहौर]] में संगमरमर की एक सुन्दर कब्र बनवायी, जिस पर एक प्रेमपूर्ण अभिलेख था, “यदि मै अपनी प्रेयसी का चेहरा पुनः देख पाता, तो क़यामत के दिन तक अल्लाह को धन्यवाद देता रहता।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जहाँगीर]]
[[[[चित्र:Jahangir.jpg|right|100px|[[जहाँगीर]]]]नूरुद्दीन सलीम [[जहाँगीर]] का जन्म [[फ़तेहपुर सीकरी]] में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से [[30 अगस्त]], 1569 ई. को हुआ था। अकबर सलीम को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था। सलीम का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया। 1612 ई. में जहाँगीर इसको निगाह-ए-दश्त कहता है। उसने एक आदर्श प्रेमी की तरह 1615 ई. में [[लाहौर]] में संगमरमर की एक सुन्दर कब्र बनवायी, जिस पर एक प्रेमपूर्ण अभिलेख था, “यदि मै अपनी प्रेयसी का चेहरा पुनः देख पाता, तो क़यामत के दिन तक अल्लाह को धन्यवाद देता रहता।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जहाँगीर]]




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-[[असम]]
-[[असम]]
-[[केरल]]
-[[केरल]]
||[[मेघालय]] [[भारत]] के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण [[असम]] के अंतर्गत [[2 अप्रैल]], [[1970]] को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। पूर्ण राज्‍य मेघालय [[21 जनवरी]], 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं।
||[[चित्र:View-Of-Meghalaya.jpg|100px|right|[[मेघालय]] का एक दृश्य]][[मेघालय]] [[भारत]] के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण [[असम]] के अंतर्गत [[2 अप्रैल]], [[1970]] को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। पूर्ण राज्‍य मेघालय [[21 जनवरी]], 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मेघालय]]


{पालाधार रघु का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?
{पालाधार रघु का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?
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-वीणा
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-[[तबला]]
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-[[बांसुरी]]
-[[बांसुरी]]


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-जयपुर शैली
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+किशनगढ़ शैली
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-कांगड़ा शैली
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-बूंदी शैली
-बूंदी शैली


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-वायलिन
-वायलिन
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-[[सितार]]
-सितार
||[[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right|100px|उस्ताद ज़ाकिर हुसेन]]आधुनिक काल में गायन, वादन तथा [[नृत्य कला|नृत्य]] की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के पूर्व यही स्थान पखावज अथवा मृदंग को प्राप्त था । कुछ दिनों से तबले का स्वतन्त्र-वादन भी अधिक लोक-प्रिय होता जा रहा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तबला]]


{कारागम धार्मिक लोकनृत्य किस राज्य से सम्बन्धित है?
{कारागम धार्मिक लोकनृत्य किस राज्य से सम्बन्धित है?
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-[[केरल]] से
-[[केरल]] से
+[[तमिलनाडु]] से
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-[[आन्ध्र प्रदेश]] से
-[[आन्ध्र प्रदेश]] से
-[[कर्नाटक]] से
-[[कर्नाटक]] से
 
||[[चित्र:Vivekananda-Rock-Memorial.jpg|right|100px|[[विवेकानन्द रॉक मेमोरियल]], [[कन्याकुमारी]]]]ब्रिटिश शासनकाल में यह प्रांत [[मद्रास]] प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। स्वतंत्रता के बाद मद्रास प्रेसिडेंसी को कई भागों में बांट दिया गया, जिसके फलस्वरूप मद्रास तथा अन्य राज्यों का उदय हुआ। 1968 में मद्रास प्रांत का नाम बदलकर [[तमिलनाडु]] कर दिया गया। तमिलनाडु शब्द तमिळ भाषा के तमिल तथा नाडु (நாடு) जिसका शाब्दिक अर्थ घर या वास, स्थान, से मिलकर बना है जिसका अर्थ है तमिलों का घर या तमिलों का देश है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तमिलनाडु]]


{[[अमीर खुसरो]] किसके शिष्य थे?
{[[अमीर खुसरो]] किसके शिष्य थे?
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-सैफुद्दीन महमूद
-सैफुद्दीन महमूद
+निज़ामुद्दीन औलिया
+निज़ामुद्दीन औलिया
-असदुल्ला बेग
-असदुल्ला बेग
-मुईनुद्दीन चिश्ती
-मुईनुद्दीन चिश्ती


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-त्यागराज
-त्यागराज
-[[तानसेन]]
-[[तानसेन]]
+रहीम सेन
+रहीम सेन
-पुरंदर दास  
-पुरंदर दास  

13:36, 19 मई 2011 का अवतरण

कला

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान

1 पण्डित भीमसेन जोशी के क्रियाकलाप का क्षेत्र क्या रहा है?

साहित्य
शास्त्रीय संगीत
शिक्षा
पत्रकारिता

2 बेगम अख्तर का नाम किससे सम्बद्ध है?

शास्त्रीय वादन संगीत
सूफी गज़ल
शास्त्रीय गज़ल व ठुमरी
शास्त्रीय नृत्य

3 शास्त्रीय संगीत के सिद्धांत की विवेचना कहाँ की गई है?

ऋग्वेद में
अथर्ववेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में

4 'कर्नाटक संगीत के जनक' के नाम से कौन प्रसिद्ध है?

संत कनकदास
संत पुरन्दर दास
संत त्यागराज
संत दीक्षितर

5 वर्तमान समय में हिन्दुस्तानी संगीत की सर्वाधिक लोकप्रिय गायन शैली कौनसी है?

ध्रुपद
खयाल
ठुमरी
टप्पा

6 निम्न में से कौनसा वाद्य सुषिर वाद्य है?

सरोद
बाँसुरी
तबला
संतूर

7 सितार का जनक निम्नलिखित में से किसे माना जाता है?

तानसेन
बैजू बावरा
अमीर खुसरो
बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ

8 प्रातःकाल में गाया जाने वाला राग कौनसा है?

टोड़ी राग
दरबारी राग
भोपाली राग
भीमपलासी राग

9 'औरत' नामक चित्र का चित्रांकन किसने किया है?

नन्दलाल बोस
रवीन्द्रनाथ ठाकुर
जैमिनी राय
सतीश गुजराल

10 कौनसा मुग़ल शासक चित्रकारों का सबसे बड़ा संरक्षक था?

अकबर
जहाँगीर
शाहजहाँ
औरंगजेब

11 भारत के किस भाग में बम्बू नृत्य प्रसिद्ध है?

नागालैंड
मेघालय
असम
केरल

12 पालाधार रघु का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?

वीणा
तबला
मृदंग
बांसुरी

13 सुप्रसिद्ध चित्र 'बनी-ठनी' किस शैली पर आधारित है?

जयपुर शैली
किशनगढ़ शैली
कांगड़ा शैली
बूंदी शैली

14 बाल मुरली कृष्ण का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?

सरोद
सितार
वायलिन
तबला

15 गुदई महाराज का सम्बन्ध किस वाद्य यंत्र से है?

वायलिन
संतूर
तबला
सितार

16 कारागम धार्मिक लोकनृत्य किस राज्य से सम्बन्धित है?

केरल से
तमिलनाडु से
आन्ध्र प्रदेश से
कर्नाटक से

17 अमीर खुसरो किसके शिष्य थे?

सैफुद्दीन महमूद
निज़ामुद्दीन औलिया
असदुल्ला बेग
मुईनुद्दीन चिश्ती

18 संगीत की दुनिया में 'सितार के जादूगर' नाम से किसे जाना जाता है?

त्यागराज
तानसेन
रहीम सेन
पुरंदर दास