"प्रवचन": अवतरणों में अंतर

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*प्रवचन का अर्थ मौखिक शिक्षा है।<ref>(शत.ब्रा.11.5.7.1)</ref> धर्म में प्रवचन का बड़ा महत्त्व है।  
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*[[गीता भवन ऋषिकेश]] में प्रवचन और कीर्तन मंदिर की नियमित क्रियाएँ हैं।  
*[[गीता भवन ऋषिकेश]] में प्रवचन और कीर्तन मंदिर की नियमित क्रियाएँ हैं।  
*आचार्य अथवा गुरु के मुख से जो वचन निकलते हैं उन्हें प्रवचन कहते हैं।  
*आचार्य अथवा गुरु के मुख से जो वचन निकलते हैं उन्हें प्रवचन कहते हैं।  

12:14, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

  • प्रवचन का अर्थ मौखिक शिक्षा है।[1] धर्म में प्रवचन का बड़ा महत्त्व है।
  • गीता भवन ऋषिकेश में प्रवचन और कीर्तन मंदिर की नियमित क्रियाएँ हैं।
  • आचार्य अथवा गुरु के मुख से जो वचन निकलते हैं उन्हें प्रवचन कहते हैं।
  • उनका सीधा प्रभाव श्रोता पर पड़ता है।
  • अत: प्राय: सभी सम्प्रदायों में प्रवचन की प्रणाली प्रचलित है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शत.ब्रा.11.5.7.1)