"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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+नत्थन पीरबक्श | +नत्थन पीरबक्श | ||
-कादरबक्श | -कादरबक्श | ||
{[[तबला]] वादन में 'दिल्ली घराने' की नींव किसने रखी थी? | {[[तबला]] वादन में 'दिल्ली घराने' की नींव किसने रखी थी? | ||
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+कालिंगड़ा | +कालिंगड़ा | ||
-भीमपलासी | -भीमपलासी | ||
{'किराना घराना' की उत्पत्ति का श्रेय किस [[मुग़ल]] बादशाह को है? | |||
|type="()"} | |||
-[[औरंगज़ेब]] | |||
-[[अकबर]] | |||
-[[शाहजहाँ]] | |||
+[[जहाँगीर]] | |||
||[[चित्र:Jahangir.jpg|right|120px|जहाँगीर]]जहाँगीर के चरित्र में एक अच्छा लक्षण था- प्रकृति से ह्रदय से आनंद लेना तथा फूलों को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य, बोधात्मक रुचि से सम्पन्न। स्वयं चित्रकार होने के कारण [[जहाँगीर]], [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। 'किराना घराने' की उत्पत्ति का मुख्य श्रेय जहाँगीर को ही दिया जाता है। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। जहाँगीर ने एक आदर्श प्रेमी की तरह 1615 ई. में [[लाहौर]] में संगमरमर की एक सुन्दर क़ब्र बनवायी, जिस पर एक प्रेमपूर्ण अभिलेख था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] | |||
{'ब्रह्म ताल' कितनी मात्रा का होता है? | {'ब्रह्म ताल' कितनी मात्रा का होता है? | ||
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-[[लखनऊ]] | -[[लखनऊ]] | ||
-[[आगरा]] | -[[आगरा]] | ||
||[[चित्र:Anandha-Bhawan-Allahabad.jpg|right|120px|आनन्द भवन, इलाहाबाद]]मुख्यतः शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्र होने के साथ-साथ [[इलाहाबाद]] में कुछ उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण व विनिर्माण) भी हैं। [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] (1887 ई.) से संबद्ध अनेक महाविद्यालयों के साथ-साथ यहाँ एक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी है। 'प्रयाग संगीत समिति' आज [[भारत]] का जाना पहचाना नाम है। यहाँ पर [[संगीत]] की शिक्षा ग्रहण करने के लिए देश-विदेश से हज़ारों की संख्या में विद्यार्थी आते हैं। यहाँ पर और भी कई अन्य प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी हैं। | ||[[चित्र:Anandha-Bhawan-Allahabad.jpg|right|120px|आनन्द भवन, इलाहाबाद]]मुख्यतः शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्र होने के साथ-साथ [[इलाहाबाद]] में कुछ उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण व विनिर्माण) भी हैं। [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] (1887 ई.) से संबद्ध अनेक महाविद्यालयों के साथ-साथ यहाँ एक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र भी है। 'प्रयाग संगीत समिति' आज [[भारत]] का जाना पहचाना नाम है। यहाँ पर [[संगीत]] की शिक्षा ग्रहण करने के लिए देश-विदेश से हज़ारों की संख्या में विद्यार्थी आते हैं। यहाँ पर और भी कई अन्य प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इलाहाबाद]] | ||
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-[[बैजू बावरा]] | -[[बैजू बावरा]] | ||
-पुण्डरिक विट्ठल | -पुण्डरिक विट्ठल | ||
||[[चित्र:Akbar-Tansen-Haridas.jpg|right|120px|तानसेन और हरिदास]]तानसेन के गायन से रानी मृगनयनी बड़ी प्रभावित हुई थीं। उन्होंने अपने [[संगीत]]-मंदिर में शिक्षा पाने वाली 'हुसैनी' ब्राह्मणी नामक एक सुमधुर गायिका लड़की के साथ [[तानसेन]] का [[विवाह]] कर दिया। हुसैनी का वास्तविक नाम 'प्रेमकुमारी' था। हुसैनी के [[पिता]] सारस्वत [[ब्राह्मण]] थे, किंतु बाद में यह सपरिवार [[इस्लाम धर्म]] में दीक्षित हो गए। प्रेमकुमारी का इस्लामी नाम हुसैनी रखा गया। ब्राह्मणी कन्या होने के कारण सभी उसे हुसैनी ब्राह्मणी कहकर पुकारते थे, इसी से तानसेन का घराना '''हुसैनी घराना''' कहा जाने लगा था। | ||[[चित्र:Akbar-Tansen-Haridas.jpg|right|120px|तानसेन और हरिदास]]तानसेन के गायन से रानी मृगनयनी बड़ी प्रभावित हुई थीं। उन्होंने अपने [[संगीत]]-मंदिर में शिक्षा पाने वाली 'हुसैनी' ब्राह्मणी नामक एक सुमधुर गायिका लड़की के साथ [[तानसेन]] का [[विवाह]] कर दिया। हुसैनी का वास्तविक नाम 'प्रेमकुमारी' था। हुसैनी के [[पिता]] सारस्वत [[ब्राह्मण]] थे, किंतु बाद में यह सपरिवार [[इस्लाम धर्म]] में दीक्षित हो गए। प्रेमकुमारी का इस्लामी नाम हुसैनी रखा गया। ब्राह्मणी कन्या होने के कारण सभी उसे हुसैनी ब्राह्मणी कहकर पुकारते थे, इसी से तानसेन का घराना '''हुसैनी घराना''' कहा जाने लगा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तानसेन]] | ||
{'किराना घराना' के संस्थापक कौन हैं? | |||
|type="()"} | |||
-[[पं. भीमसेन जोशी]] | |||
-हीराबाई बड़ोदकर | |||
+उस्ताद बन्दे अली ख़ाँ | |||
-गंगुबाई हंगल | |||
</quiz> | </quiz> | ||
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15:10, 6 अगस्त 2011 का अवतरण
कला
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