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'''बिहारशरीफ़ / Biharsharif'''
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==स्थापना==
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यह पाल राजवंश (10वीं शताब्दी) की राजधानी रहा था। यहाँ पर पाँचवीं शताब्दी का गुप्त काल का एक स्तंभ है। और बाद की कई मसजिदें और मक़बरे हैं। समीप ही एक विशाल बौद्ध बिहार (बौद्ध ग्यान प्रतिष्ठान) ओदंतपुरी है, जिस पर बिहार का नाम पड़ा है। 1869 में इसका नगरपालिका के रूप में गठन हुआ था।   
यह पाल राजवंश (10वीं शताब्दी) की राजधानी रहा था। यहाँ पर पाँचवीं शताब्दी का गुप्त काल का एक स्तंभ है। और बाद की कई मसजिदें और मक़बरे हैं। समीप ही एक विशाल बौद्ध बिहार (बौद्ध ग्यान प्रतिष्ठान) ओदंतपुरी है, जिस पर बिहार का नाम पड़ा है। 1869 में इसका नगरपालिका के रूप में गठन हुआ था।   
[[पटना]] से  लगभग 50 किमी दूर स्थित बिहारशरीफ़ प्राचीन काल में [[मगध]] की राजधानी था। यहाँ पर भगवान [[बुद्ध]] ने उपदेश दिए थे। इसके निकट ही यहाँ बौद्ध काल का प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय था जहाँ दूर-दूर के देशों के लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए आया करते थे।
[[पटना]] से  लगभग 50 किमी दूर स्थित बिहारशरीफ़ प्राचीन काल में [[मगध]] की राजधानी था। यहाँ पर भगवान [[बुद्ध]] ने उपदेश दिए थे। इसके निकट ही यहाँ बौद्ध काल का प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय था जहाँ दूर-दूर के देशों के लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए आया करते थे।
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
यहाँ पर प्रमुख सड़क और रेलमार्ग भी है।
यहाँ पर प्रमुख सड़क और रेलमार्ग भी है।
==उद्योग और व्यापार==
==उद्योग और व्यापार==
यह शहर कृषि उत्पादों का व्यावसायिक केंद्र है।
यह शहर कृषि उत्पादों का व्यावसायिक केंद्र है।

12:36, 12 मई 2010 का अवतरण

बिहारशरीफ़ / Biharsharif

स्थापना

बिहारशरीफ़ शहर, मध्य बिहार राज्य, पूर्वोत्तर भारत में, गंगा की सहायक नदी पैमार के पूर्व में स्थित है।

इतिहास

यह पाल राजवंश (10वीं शताब्दी) की राजधानी रहा था। यहाँ पर पाँचवीं शताब्दी का गुप्त काल का एक स्तंभ है। और बाद की कई मसजिदें और मक़बरे हैं। समीप ही एक विशाल बौद्ध बिहार (बौद्ध ग्यान प्रतिष्ठान) ओदंतपुरी है, जिस पर बिहार का नाम पड़ा है। 1869 में इसका नगरपालिका के रूप में गठन हुआ था। पटना से लगभग 50 किमी दूर स्थित बिहारशरीफ़ प्राचीन काल में मगध की राजधानी था। यहाँ पर भगवान बुद्ध ने उपदेश दिए थे। इसके निकट ही यहाँ बौद्ध काल का प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय था जहाँ दूर-दूर के देशों के लोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए आया करते थे।

यातायात और परिवहन

यहाँ पर प्रमुख सड़क और रेलमार्ग भी है।

उद्योग और व्यापार

यह शहर कृषि उत्पादों का व्यावसायिक केंद्र है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ पर बोध गया के मगध विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं।

जनसंख्या

बिहारशरीफ़ शहर की जनसंख्या (2001) 2,31,972 है।

पर्यटन

यहाँ पर कई मसजिदें और मक़बरे हैं। इसके समीप ही एक विशाल बौद्ध बिहार (बौद्ध ग्यान प्रतिष्ठान) ओदंतपुरी है।