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*बीना ने गवर्नर को मारने का बीड़ा उठाया। | *बीना ने गवर्नर को मारने का बीड़ा उठाया। जैसे ही गवर्नर भाषण पढ़ने के लिए खड़े हुए, बीना ने विद्यार्थियों की पंक्ति में से खड़े होकर गवर्नर पर गोली चला दी, परंतु दुर्भाग्य से निशाना चूक गया और वे गिरफ्तार कर ली गई। | ||
*1939 ई. में उन्हें आम क्षमादान के तहत रिहाई मिली। | *1939 ई. में उन्हें आम क्षमादान के तहत रिहाई मिली। | ||
*इसके बाद वे राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई और विधान सभा की सदस्या भी बनीं। | *इसके बाद वे राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई और विधान सभा की सदस्या भी बनीं। | ||
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- बीना दास का जन्म सन 1912 में हुआ था।
- बीना दास बंगाल के एक उच्च घराने की लड़की थीं।
- कलकत्ता के बैथुन कॉलेज में पढ़ते हुए वे क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आई।
- 6 फ़रवरी 1932 ई. को बंगाल के गवर्नर को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को दीशांत समारोह में उपाधियाँ बाँटनी थीं।
- बीना ने गवर्नर को मारने का बीड़ा उठाया। जैसे ही गवर्नर भाषण पढ़ने के लिए खड़े हुए, बीना ने विद्यार्थियों की पंक्ति में से खड़े होकर गवर्नर पर गोली चला दी, परंतु दुर्भाग्य से निशाना चूक गया और वे गिरफ्तार कर ली गई।
- 1939 ई. में उन्हें आम क्षमादान के तहत रिहाई मिली।
- इसके बाद वे राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई और विधान सभा की सदस्या भी बनीं।
- 1946 ई. में वे साम्प्रादायिक दंगे के समय नोआखाली यात्रा में महात्मा गाँधी के साथ गईं।
- 1986 ई. में ऋषिकेश में उनका देहावसान हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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