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||बाणभट्ट की लेखनी से अनेक ग्रन्थ रत्नों का लेखन हुआ है किन्तु बाणभट्ट का महाकवित्व केवल 'हर्षचरित' और 'कादम्बरी' पर प्रधानतया आश्रित है। इन दोनों गद्य काव्यों के अतिरिक्त मुकुटताडितक, चण्डीशतक और पार्वती-परिणय भी बाणभट्ट की रचनाओं में परिगणित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाणभट्ट]] | ||बाणभट्ट की लेखनी से अनेक ग्रन्थ रत्नों का लेखन हुआ है किन्तु बाणभट्ट का महाकवित्व केवल '[[हर्षचरित]]' और '[[कादम्बरी]]' पर प्रधानतया आश्रित है। इन दोनों गद्य काव्यों के अतिरिक्त मुकुटताडितक, चण्डीशतक और पार्वती-परिणय भी बाणभट्ट की रचनाओं में परिगणित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाणभट्ट]] | ||
{भीमबेतरा किसके लिए प्रसिद्ध है? | {भीमबेतरा किसके लिए प्रसिद्ध है? | ||
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-[[लार्ड कैनिंग]] | -[[लार्ड कैनिंग]] | ||
-[[लार्ड विलियम बैंटिक]] | -[[लार्ड विलियम बैंटिक]] | ||
||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|लॉर्ड डलहौज़ी|100px|right]]डाक विभाग में सुधार करते हुए डलहौज़ी ने 1854 ई. में नया ‘पोस्ट ऑफ़िस एक्ट’ पास किया। इस एक्ट के तहत तीनों प्रेसीडेंसियों में एक-एक महानिदेशक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। देश के अन्दर 2 पैसे की दर से पत्र भेजने की व्यवस्था की गई। पहली बार डलहौज़ी ने भारत में डाक टिकटों का प्रचलन प्रारम्भ किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लार्ड डलहौजी]] | ||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|लॉर्ड डलहौज़ी|100px|right]]डाक विभाग में सुधार करते हुए डलहौज़ी ने 1854 ई. में नया ‘पोस्ट ऑफ़िस एक्ट’ पास किया। इस एक्ट के तहत तीनों प्रेसीडेंसियों में एक-एक महानिदेशक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। देश के अन्दर 2 पैसे की दर से पत्र भेजने की व्यवस्था की गई। पहली बार डलहौज़ी ने [[भारत]] में [[डाक टिकट|डाक टिकटों]] का प्रचलन प्रारम्भ किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लार्ड डलहौजी]] | ||
{[[हैदर अली]] की मृत्यु (1782 ई.) किस युद्ध के दौरान हुई थी? | {[[हैदर अली]] की मृत्यु (1782 ई.) किस युद्ध के दौरान हुई थी? |
12:19, 14 अक्टूबर 2011 का अवतरण
इतिहास
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