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*'''[[कबीरदास]]''' [[हिन्दी साहित्य]] के [[भक्ति काल]] के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
*'''[[कबीर|कबीरदास]]''' [[हिन्दी साहित्य]] के [[भक्ति काल]] के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
*कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कबीर पन्थियों की मान्यता है कि कबीर का जन्म [[काशी]] में लहरतारा तालाब में उत्पन्न [[कमल]] के मनोहर [[पुष्प]] के ऊपर बालक के रूप में हुआ।  
*कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कबीर पन्थियों की मान्यता है कि कबीर का जन्म [[काशी]] में लहरतारा तालाब में उत्पन्न [[कमल]] के मनोहर [[पुष्प]] के ऊपर बालक के रूप में हुआ।  
*“चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार एक ठाठ ठए।
*“चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार एक ठाठ ठए।

12:23, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण

एक व्यक्तित्व
कबीर
कबीर
  • कबीरदास हिन्दी साहित्य के भक्ति काल के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
  • कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कबीर पन्थियों की मान्यता है कि कबीर का जन्म काशी में लहरतारा तालाब में उत्पन्न कमल के मनोहर पुष्प के ऊपर बालक के रूप में हुआ।
  • “चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार एक ठाठ ठए।
जेठ सुदी बरसायत को पूरनमासी तिथि प्रगट भए॥” ... और पढ़ें

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