"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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-[[बकासुर]] | -[[बकासुर]] | ||
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||बर्बरीक [[पाण्डव]] [[भीम]] के पुत्र [[घटोत्कच]] और [[नाग]] कन्या अहिलवती के पुत्र थे। बाल्यकाल से ही वे बहुत वीर और महान यौद्धा थे। उन्होंने युद्ध कला अपनी माँ से सीखी थी। भगवान [[शिव]] की घोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और तीन अभेद्य [[बाण अस्त्र|बाण]] प्राप्त किये और 'तीन बाणधारी' का प्रसिद्ध नाम प्राप्त किया। [[अग्नि देव]] ने प्रसन्न होकर उन्हें [[धनुष अस्त्र|धनुष]] प्रदान किया, जो कि उन्हें तीनो लोकों में विजयी बनाने में समर्थ था। [[महाभारत]] का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य अपरिहार्य हो गया था, यह समाचार [[बर्बरीक]] को प्राप्त हुआ तो उनकी भी युद्ध में सम्मिलित होने की इच्छा जाग्रत हो उठी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बर्बरीक]] | |||
{[[अंजनपर्वा]] का वध किसके हाथों हुआ? | {[[अंजनपर्वा]] का वध किसके हाथों हुआ? | ||
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-[[कर्ण]] | -[[कर्ण]] | ||
-[[अधिरथ]] | -[[अधिरथ]] | ||
||अंजनपर्वा वीर [[पाण्डव]] [[भीमसेन]] का पौत्र तथा [[घटोत्कच]] का पुत्र था। [[महाभारत]] के युद्ध में [[अंजनपर्वा]] ने भी पाण्डवों को सहयोग प्रदान किया था। [[अश्वत्थामा]] से युद्ध करते हुए वह कभी [[आकाश]] से पत्थर, पेड़ों की वर्षा करता, कभी माया का प्रसार करता और कभी आमने-सामने रथ पर चढ़कर प्रसार युद्ध करता। अश्वत्थामा के हाथों इस वीर का वध हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंजनपर्वा]] | |||
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13:21, 2 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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