"साँचा:साप्ताहिक सम्पादकीय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
| style="background:transparent;"| | | style="background:transparent;"| | ||
{| style="background:transparent; width:100%" | {| style="background:transparent; width:100%" | ||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय | |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 14 अप्रॅल 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | ||
|- | |- | ||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | {{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | ||
{| style="background:transparent; width:100%" align="left" | {| style="background:transparent; width:100%" align="left" | ||
|- valign="top" | |- valign="top" | ||
| [[चित्र: | | [[चित्र:Sea-pirate.jpg|100px|border|right|link=भारतकोश सम्पादकीय 14 अप्रॅल 2012]] | ||
<poem> | <poem> | ||
[[भारतकोश सम्पादकीय | [[भारतकोश सम्पादकीय 14 अप्रॅल 2012|एक महान डाकू की शोक सभा]] | ||
वो ज़माना ही ऐसा था... उस ज़माने में डक़ैती डालने में एक लगन होती थी... एक रचनात्मक दृष्टिकोण होता था। जो आज बहुत ही कम देखने में आता है। | |||
मुझे भी कई बार मूलाजी के साथ डक़ैतियों पर जाने का अवसर मिला। आ हा हा! क्या डक़ैती डालते थे मूलाजी। कम से कम ख़र्च में एक सुंदर डक़ैती डालना उनके बाँए हाथ का खेल था। [[भारतकोश सम्पादकीय 14 अप्रॅल 2012|पूरा पढ़ें]] | |||
</poem> | </poem> | ||
<center> | <center> | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 18: | ||
|- | |- | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 7 अप्रॅल 2012|सत्ता का रंग]] · | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 31 मार्च 2012|उकसाव का इमोशनल अत्याचार]] | ||
|}</center> | |}</center> | ||
|} | |} | ||
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> | |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> |
16:11, 14 अप्रैल 2012 का अवतरण
|