|
|
पंक्ति 21: |
पंक्ति 21: |
| |बाहरी कड़ियाँ=[http://www.tn.gov.in/ अधिकारिक वेबसाइट] | | |बाहरी कड़ियाँ=[http://www.tn.gov.in/ अधिकारिक वेबसाइट] |
| |अद्यतन= | | |अद्यतन= |
| |emblem=Tamilnadu-Logo.jpg | | |emblem=amilnadu-Logo.gif |
| }} | | }} |
| ब्रिटिश शासनकाल में यह प्रांत मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। स्वतंत्रता के बाद मद्रास प्रेसिडेंसी को कई भागों में बांट दिया गया, जिसके फलस्वरूप मद्रास तथा अन्य राज्यों का उदय हुआ। 1968 में मद्रास प्रांत का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया। | | ब्रिटिश शासनकाल में यह प्रांत मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। स्वतंत्रता के बाद मद्रास प्रेसिडेंसी को कई भागों में बांट दिया गया, जिसके फलस्वरूप मद्रास तथा अन्य राज्यों का उदय हुआ। 1968 में मद्रास प्रांत का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया। |
पंक्ति 27: |
पंक्ति 27: |
| तमिलनाडु शब्द [[तमिल भाषा|तमिळ भाषा]] के तमिल तथा नाडु (நாடு) जिसका शाब्दिक अर्थ घर या वास, स्थान, से मिलकर बना है जिसका अर्थ है तमिलों का घर या तमिलों का देश है। | | तमिलनाडु शब्द [[तमिल भाषा|तमिळ भाषा]] के तमिल तथा नाडु (நாடு) जिसका शाब्दिक अर्थ घर या वास, स्थान, से मिलकर बना है जिसका अर्थ है तमिलों का घर या तमिलों का देश है। |
| ==इतिहास== | | ==इतिहास== |
| तमिलनाडु का इतिहास बहुत पुराना है। यद्यपि प्रारंभिक काल के संगम ग्रंथों में इस क्षेत्र का इतिहास का अस्पष्ट उल्लेख मिला है, किंतु तमिलनाडु का लिखित इतिहास [[पल्लव]] राजाओं के समय से ही उपलब्ध हैं। यह कुछ स्थानों में से एक है जो प्रागैतिहासिक काल से आज तक आबाद है। प्रारम्भ में यह तीन प्रसिद्ध राजवंशों की कर्मभूमि रही है - [[चेर वंश|चेर]], [[चोल राजवंश|चोल]] तथा पांडय। | | तमिलनाडु का इतिहास बहुत पुराना है। यद्यपि प्रारंभिक काल के संगम ग्रंथों में इस क्षेत्र का इतिहास का अस्पष्ट उल्लेख मिला है, किंतु तमिलनाडु का लिखित इतिहास [[पल्लव]] राजाओं के समय से ही उपलब्ध हैं। यह कुछ स्थानों में से एक है जो प्रागैतिहास |
| [[चित्र:Vellore-Fort.jpg|thumb|left|250px|वेल्लोर क़िला, तमिलनाडु]]
| |
| तमिलनाडु के प्राचीन साहित्य में, यहाँ के राजाओं, राजकुमारों तथा उनके प्रशंसक कवियों का विवरण मिलता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह साहित्य ईसा के बाद की कुछ प्रारंभिक सदियों का है। तमिलनाडु में स्थित [[उत्तरमेरुर तमिलनाडु|उत्तरमेरुर]] ग्राम, जहां से पल्लव एवं चोल काल के लगभग दो सौ [[अभिलेख]] मिले हैं। चोल, पहली [[सदी]] से लेकर चौथी सदी तक मुख्य अधिपति रहे। इनमें प्रमुख नाम करिकाल चोल है, जिसने अपने साम्राज्य का विस्तार [[कांचीपुरम]] तक किया। चौथी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में पल्लवों का वर्चस्व कायम हुआ। उन्होंने ही द्रविड़ शैली की प्रसिद्ध मंदिर वास्तुकला का सूत्रपात किया। अंतिम पल्लव राजा अपराजित थे, जिनके राज्य में लगभग दसवीं शताब्दी में चोल शासकों ने विजयालय और आदित्य के मार्गदर्शन में अपना महत्व बढ़ाया। ग्यारहवीं शताब्दी के अंत में तमिलनाडु पर [[चालुक्य]], चोल, पांडय जैसे अनेक राजवंशों का शासन रहा। इसके बाद के 200 वर्षो तक [[दक्षिण भारत]] पर [[चोल साम्राज्य]] का आधिपत्य रहा। तमिल का [[संगम साहित्य]] चेर, [[चोल वंश]] और पांडय वंशों के शासनकाल में [[पचाईमलाई पहाड़ियाँ|पचाईमलाई पहाड़ियों]] में फला और फूला है।
| |
| | |
| चोल राजाओं ने वर्तमान [[तंजावुर ज़िला]] और [[तिरुचिरापल्ली ज़िला|तिरुचिरापल्ली ज़िले]] तक अपने राज्य का विस्तार किया। इस काल में चोल राजाओं ने दक्षिण में [[श्रीलंका]] तथा उत्तर में अपना प्रभुत्व स्थापित किया। तीसरी सदी में कालभ्रों के आक्रमण से चोल राजाओं का पतन हो गया। कालभ्रों को छठी सदी तक, उत्तरी भाग में पल्लवों तथा दक्षिण भाग में पांडयों ने हराकर भगा दिया ।
| |
| | |
| ==भूगोल==
| |
| तमिलनाडु राज्य प्राकृतिक रूप से पूर्वी तट पर समतल प्रदेश तथा उत्तर और पश्चिम में पहाड़ी क्षेत्रों के बीच विभाजित है। पूर्वी मैदान का सबसे चौड़ा हिस्सा उपजाऊ [[कावेरी नदी|कावेरी]] के डेल्टा पर है और आगे दक्षिण में रामनाथपुरम और [[मदुरै]] के शुष्क मैदान हैं। राज्य के समूचे पश्चिमी सीमांत पर पश्चिमी घाट की ऊँची श्रृंखला फैली हुई है। पूर्वी घाट की निचली पहाड़ियाँ और सीमांत क्षेत्र, जो स्थानीय तौर पर जावडी, कालरायण और शेवरॉय कहलाते हैं, प्रदेश के मध्य भाग की ओर फैले हैं।
| |
| [[चित्र:Shore-Temple-Mamallapuram.jpg|thumb|left|250px|[[शोर मंदिर]], [[महाबलीपुरम]]]]
| |
| महत्त्वपूर्ण नदियों में [[कावेरी नदी|कावेरी]], पोन्नैयार, [[पलार नदी|पलार]], वैगई और तांब्रपर्णी शामिल हैं, ये सभी नदियों अंतर्स्थलीय पहाड़ियों से पूर्व की ओर बहती हैं। कावेरी और इसकी सहायक नदियाँ तमिलनाडु के [[जल]] एवं [[विद्युत]] का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
| |
| | |
| नदियों के डेल्टा की जलोढ़ [[मिट्टी]] की प्रचुरता के साथ-साथ यहाँ की मुख्य मिट्टियों में चिकनी मिट्टी, दोमट मिट्टी, रेतीली और लाल मिट्टी<ref>आयरन ऑक्साइड और एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड की प्रचुरता वाली मिट्टी</ref> पाई जाती है। [[कपास]] उत्पादक काली मिट्टी 'रेगूर' (रेगड़) के नाम से जानी जाती है और यह पश्चिम में सेलम व [[कोयंबत्तुर]], दक्षिण में रामनाथपुरम व [[तिरुनेल्वेली]] तथा मध्य में [[तिरुचिराप्पल्ली]] के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।
| |
|
| |
| तमिलनाडु राज्य के लगभग 15 प्रतिशत हिस्से में वन हैं। पश्चिमी घाट के उच्चतम शिखरों वाले पर्वत- [[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि]], [[अन्नामलाई पहाड़ियाँ|अन्नामलाई]] और [[पालनी पहाड़ियाँ]] - उपाआल्पीय वनस्पतियों को सहारा देते हैं। पश्चिम घाट के पूर्व की ओर तथा उत्तरी एवं मध्यवर्ती ज़िलों की पहाड़ियों की वनस्पतियों में [[सदाबहार]] व पर्णपाती वृक्षों के मिश्रित वन हैं; जिनमें से कुछ शुष्क परिस्थितियों के काफ़ी अनुकूल हैं। वनों से प्राप्त काष्ठ उत्पाद में [[चंदन]], पल्पवुड (लुगदी बनाने योग्य काष्ठ) और [[बांस]] शामिल हैं। रबर भी एक महत्त्वपूर्ण वनोपज है। यहाँ के जलीय पक्षियों का प्रतिनिधित्व वेदांतांगल स्थित पक्षी अभयारण्य करता है, जबकि अन्य वन्य प्राणियों को मुदामलाई स्थित आखेट अभयारण्य में देखा जा सकता है।
| |
| ====जलवायु====
| |
| तमिलनाडु राज्य की जलवायु मूलत: उष्णकटिबंधीय है। ग्रीष्मकाल में [[तापमान]] यदा-कदा ही 43° से. से ऊपर और शीत ऋतु में 18-24° से. से नीचे जाता है। [[दिसंबर]] और [[जनवरी]] में न्यूनतम तथा [[अप्रैल]] और [[जून]] में अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया जाता है। औसत वार्षिक [[वर्षा]] दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वोत्तर मॉनसून पर निर्भर है तथा यह मुख्यतः [[अक्टूबर]] से दिसंबर के बीच और प्रतिवर्ष 635 मिमी से 1,905 मिमी के बीच होती है। अधिकांश वर्षा [[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि]] व अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में और सबसे कम रामनाथपुरम तथा तिरूनेल्वली ज़िलों में होती है।
| |
| | |
| ==अर्थव्यवस्था==
| |
| {{राज्य मानचित्र|float=right}}
| |
| ====कृषि====
| |
| तमिलनाडु की ग्रामीण जनसंख्या के लगभग तीन-चौथाई हिस्से के जीवन का आधार [[कृषि]] है। तमिलनाडु में मुख्य व्यवसाय कृषि है। राज्य में 2007-08 में कुल खेती योग्य क्षेत्र 56.10 मिलियन हेक्टेयर था। प्रमुख खाद्यान्न फ़सलें [[चावल]], ज्वार और [[दाल|दालें]] हैं। प्रमुख व्यापारिक फ़सलों में [[गन्ना]], [[कपास]], [[सूरजमुखी]], [[नारियल]], काजू, मिर्च, झिंझेली और [[मूँगफली]] हैं। अन्य पौध फ़सलें हैं - [[चाय]], [[कॉफी]], [[इलायची]] और रबर। मुख्य वन उत्पाद हैं - इमारती लकड़ी, [[चंदन]] की लकड़ी, पल्पवुड और जलाने योग्य लकड़ी जैव उर्वरकों के उत्पादन और इस्तेमाल में तमिलनाडु का प्रमुख स्थान है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि तकनीक में सुधार किया जा रहा है। 2007-08 में यहाँ का वार्षिक अनाज उत्पादन 100.35 लाख टन से अधिक रहा। आरंभिक काल से ही तमिल किसानों ने कम मात्रा में होने वाले [[वर्षा]] जल को छोटे और बड़े सिंचाई जलाशयों या तालाबों में कुशलतापूर्वक संरक्षित किया है। सरकारी नहर, नलकूप और [[कुआँ|कुएँ]] भी सिंचाई प्रणाली का हिस्सा हैं। चूँकि विभिन्न नदी घाटी परियोजनाएँ पानी के लिए अन अनियमित पूर्वोत्तर मानसून पर निर्भर हैं, इसलिए प्रशासन भूमिगत जल स्रोतों के अधिकतम उपयोग का प्रयास कर रहा है।
| |
| | |
| 1950 से कृषि पद्धति में अत्यधिक सुधार आया है। बहु-फ़सल प्रणाली, [[चावल]], [[कपास]], चीनी और ज्वार-बाजरा की नई व बेहतर क़िस्मों का प्रयोग तथा रासायनिक उर्वरक के उपयोग को विस्तृत रूप से अपनाया गया है। [[1967]] तक राज्य खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था।
| |
| | |
| ====उद्योग और खनिज====
| |
| राज्य के प्रमुख उद्योग हैं - सूती कपडा, भारी वाणिज्यिक वाहन, ऑटो कलपुर्जे, रेल के डिब्बे, विद्युतचालित पंप, चमडा उद्योग, सीमेंट, चीनी, [[काग़ज़]], ऑटोमोबाइल और माचिस। तमिलनाडु के औद्योगिक परिदृश्य में सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी जैसे ज्ञान आधारित उद्योगों को विशेष महत्व दिया गया है। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, टाइडैल की स्थापना थारामणि, चेन्नई में की गई है। वर्ष 2006-07 में राज्य से, 20,700 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ जो 2007-08 में 25,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। नोकिया, मोटोरोला, फॉक्सकॉम, फ्लैक्सट्रॉनिक और डैल जैसी बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार कंपनियां यहाँ उत्पादन कर रही हैं।
| |
| ;अंतर्राष्ट्रीय ऑटो कंपनी
| |
| अंतर्राष्ट्रीय ऑटो कंपनी हुंडई मोटर्स, फोर्ड, हिंदुस्तान मोटर्स और मित्सीबिशी ने तमिलनाडु में उत्पादन इकाइयां शुरू की हैं। अशोक लेलैंड और ताफे ने [[चेन्नई]] में विस्तार संयंत्र लगाए हैं।
| |
| [[चित्र:Saltern-Tuticorin-Tamil-Nadu.jpg|thumb|250px|left|[[नमक]] का कारख़ाना, [[टुटिकोरिन]]]]
| |
| ;खनिज संपदा
| |
| ग्रेनाइट, लिग्नाइट और चूना पत्थर राज्य की प्रमुख [[खनिज]] संपदा है। राज्य तैयार खालों और चमड़े का सामान, सूती धागे, [[चाय]], कॉफी, [[मसाला|मसाले]], इंजीनियरिंग सामान, [[तंबाकू]], हस्तशिप वस्तुएं और काले ग्रेनाइट पत्थर का प्रमुख निर्यातक है। तमिलनाडु में देश के 60 प्रतिशत चमड़ा शोधन कारखाने हैं। तमिलनाडु राज्य में स्थित शहर [[तिरुप्पुर]], बुने हुए सूती वस्त्र के निर्माण का प्रमुख केंद्र बन गया है। चूना-पत्थर, [[बॉक्साइट]], [[जिप्सम]], लिग्नाइट, [[मैग्नेसाइट]] और [[लौह अयस्क]] महत्त्वपूर्ण खनिज हैं। [[कपास]] की ओटाई, कताई और बुनाई हमेशा से प्रमुख उद्योग रहे हैं।
| |
| ;औद्योगिक विकास
| |
| विकसित बंदरगाह सुविधाएँ और बिजली के प्रभावशाली उपयोग ने राज्य के औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु [[भारत]] के सर्वाधिक औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु भारत के सर्वाधिक औद्योगिक राज्यों में से एक है। वाहन, मोटर साइकिल, ट्रांसफ़ॉर्मर, चीनी, कृषि उपकरण, उर्वरक, सीमेंट, काग़ज़, रसायन और विद्युत मोटर के उत्पादन से जुड़े उद्योग आते हैं। पेरंबूर स्थित रेलगाड़ी के डिब्बे बनाने का कारख़ाना [[एशिया]] के सबसे बड़े कारख़ानों में से एक है। [[चेन्नई]] के निकट आवडि में स्थित भारी वाहन के कारख़ाने में तोपों का निर्माण होता है। चेन्नई में एक तेल परिशोधनशाला और नेवेली में एक तापविद्युत संयंत्र है, ये दोनों सरकारी उपक्रम हैं। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में [[केरल]] के बाद तमिलनाडु दूसरे स्थान पर आता है।
| |
| ;हस्तशिल्प
| |
| [[चित्र:Ramanathar-Temple.jpg|thumb|[[रामेश्वर ज्योतिर्लिंग|रामेश्वरम मन्दिर]]]]
| |
| तमिलनाडु हस्तशिल्प कला में समृद्ध है, जिसमें हथकरघे का रेशम, [[धातु]] की मूर्तियाँ चमड़े का काम, क़लमकारी (हाथ से छपाई किए [[वस्त्र]], जिनमें प्राकृतिक [[रंग|रंगों]] का उपयोग होता है), [[ताँबा]], पीतल और काँसे की वस्तुएँ, लकड़ी का काम, ताड़पत्र का काम और बेंत का सामान प्रमुख है।
| |
| | |
| ====सिंचाई====
| |
| विश्व बैंक की सहायता से कार्यान्वित ‘प्रणाली सुधार और किसान आय परियोजना’ के फलस्वरूप महत्वपूर्ण सिंचाई योजनाओं तथा वर्तमान पेरियार वैगई प्रणाली, पालार थाला प्रणाली और पैरंबीकुलम-अलियार प्रणाली के अलावा छह लाख एकड़ की अयकाट तथा वेल्लार, पेन्नायर, अरनियार अमरावती, चिथार थाला आदि छोटी सिंचाई प्रणालियां लाभान्वित हुई हैं। हाल ही में शुरू हुई और धीमी गति से चल रही नौ सिंचाई परियोजनाओं का काम समुचित धन और मार्गदर्शन के बाद तेजी से चल रहा है । तमिलनाडु के एक तिहाई क्षेत्र की सिंचाई करने वाली बडी सिंचाई प्रणाली - तालाब सिंचाई प्रणाली के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और सार्वजनिक निर्माण विभाग के पालार, वैगई तथा ताम्रपर्णी थालों में कार्यरत 620 तालाबों के पुनर्वास और विकास का काम किया जा रहा है। यह परियोजना पूरी होने वाली है और किसानों की पूरी संतुष्ष्टि की गई है।
| |
| | |
| तमिलनाडु ‘नदी थाला प्रबंधन’ प्रणाली करने वाला ऐसा पहला राज्य है जो ऐसी व्यक्तिगत संस्था द्वारा चलाया जा रहा है जिसमें थाला के प्रतिनिधियों के अलावा किसान भी हैं। आरंभ में पालार और तमरापरानी बेसिनों के लिए बेसिन प्रबंध बोर्ड बनाए गए हैं।
| |
| ====बिजली====
| |
| राज्य में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता 8,249 मेगावाट है। राज्य क्षेत्र की स्थापित क्षमता 5,288 मेगावाट और निजी क्षेत्र की स्थापित क्षमता 1,058 मेगावाट है। इसके अलावा इसे केंद्र क्षेत्र से अपने हिस्से की 1903 मेगावाट बिजली मिलती है। दसवीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक मांग 8,890 मेगावाट हो जाने की उम्मीद है।
| |
| ==कला==
| |
| भारत की एक प्रमुख [[शास्त्रीय नृत्य]] शैली [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]] और कर्नाटक संगीत, दोनों का राज्य में व्यापक प्रचलन है। यद्यपि [[चित्रकला]] एवं मूर्तिकला कम विकसित है, फिर भी यहाँ पत्थर एवं कांसे की मूर्तियाँ बनाने की कला की शिक्षा के लिए विद्यालय हैं। तमिल साहित्य ने तेज़ी से लघु कथाओं व उपन्यासों के पश्चिमी साहित्यिक स्वरूप को अपनाया है। सुब्रहमण्यम सी. भारती (1882-1921) पारंपरिक तमिल कविता को आधुनिक बनाने वाले प्रारंभिक कवियों में एक थे। [[1940]] के दशक से चलचित्र जन मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम बना हुआ। यहाँ चलते-फिरते और स्थायी, दोनों प्रकार के सिनेमाघर हैं। भावनात्मक और भव्य फ़िल्मों, जिनमें प्रायः हल्का-फुल्का संगीत और नृत्य होता है, का निर्माण अधिकतर [[चेन्नई]] के आस-पास स्थित स्टूडियो में होता है।
| |
| [[चित्र:Vivekananda-Rock-Memorial.jpg|thumb|250px|left|[[विवेकानन्द रॉक मेमोरियल]], [[कन्याकुमारी]]]]
| |
| ;स्थापत्य कला
| |
| 580 ई. के लगभग पांडय शासक, जो मंदिर निर्माण कला में निपुण थे, शासन के प्रमुख हो गए और 150 सालों तक राज करते रहे। कांचीपुरम उनका प्रमुख केंद्र था। द्रविड़ स्थापत्य इस समय अपने चरम विकास पर था।
| |
| | |
| नौवीं सदी में चोल राजाओं का पुन: उदय हुआ। राजाराजा चोल और उसके पुत्र राजेंद्र चोल के नेतृत्व में चोल शासन [[एशिया]] के प्रमुख साम्राज्यों में गिना जाता था। उनका साम्राज्य बंगाल तक फैल गया। राजेंद्र चोल की नौ सेना ने बर्मा ([[म्यांमार]]), [[अंडमान और निकोबार द्वीप समूह]], सुमात्रा, जावा, मलय तथा [[लक्षद्वीप]] तक पर अधिकार कर लिया। चोल राजाओं ने भुवन (मंदिर) निर्माण में प्रवीणता हासिल कर ली। [[तंजावुर]] का वृहदेश्वर मंदिर इसका सुंदरतम उदाहरण है। 14वीं सदी के आरंभ में पांडय फिर सत्ता में आ गये, किन्तु अधिक दिनों तक सत्ता में रह ना सके। उन्हें उत्तर के मुस्लिम [[ख़िलजी राजवंश|ख़िलजी]] शासकों ने हरा दिया और उन्होंने [[मदुरै]] को लूट लिया गया।
| |
| | |
| [[मुसलमान|मुसलमानों]] ने भी धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूर कर ली जिसे चौदहवीं शताब्दी के मध्य में [[बहमनी सल्तनत]] कायम हुई। लगभग उसी समय [[विजयनगर साम्राज्य]] ने तेजी अपनी स्थिति मज़बूत बना ली और समूचे [[दक्षिण भारत]] तक अपना प्रभाव बढा लिया। शताब्दी के अंत तक विजयगर साम्राज्य दक्षिण की सर्वोच्च शाक्ति बन चुका था, किंतु 1564 में [[तालीकोटा का युद्ध|तालीकोटा की लडाई]] में दक्षिण के सुल्तानों की सामूहिक फ़ौजों से वह पराजित हो गया।
| |
| [[चित्र:Mahisha-Mardini-Mantapa-Mahabalipuram-4.jpg|thumb|250px|महिषा मर्दनी मनतपा, [[महाबलीपुरम]]]]
| |
| [[तालीकोटा का युद्ध|तालीकोटा के युद्ध]] के बाद कुछ समय तक स्थिति अस्पष्ट रही, लेकिन इस बीच [[यूरोप]] के व्यापारी अपने व्यापारिक हितों के लिए दक्षिण भारत में अपने पैर जमाने के लिए एक-दूसरे से होड़ करने लगे थे। [[पुर्तग़ाल]], हॉलैंड, [[फ्रांस]] और [[इंग्लैंड]] के लोग एक के बाद एक जल्दी-जल्दी आए और उन्होनें अपने व्यापारिक केंद्र स्थापित कर लिए, जिन्हें उन दिनों फैक्ट्रीज़ कहा जाता था। [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने 1611 में मछलीपत्तनम (जो अब [[आंध्र प्रदेश]] में है) में अपनी फैक्ट्री लगाई और धीरे-धीरे उन्होंने स्थानीय शासकों को आपस में लडाकर उनके क्षेत्र हथिया लिए। ब्रिटिश लोगों ने भारत में सबसे पहले तमिलनाडु में अपनी बस्ती बसाई। सन् 1901 में मद्रास प्रेसीडेंसी बनी जिसमें दक्षिण [[प्रायद्वीप]] के अधिकतर हिस्से शामिल थे। बाद में संयुक्त मद्रास राज्य का पुनर्गठन किया गया और वर्तमान तमिलनाडु राज्य अस्तित्व में आया।
| |
| | |
| 16वीं सदी के मध्य में विजयनगर साम्राज्य के पतन के पश्चात कुछ पुराने मंदिरों का पुन:र्निमाण किया गया। 1670 तक राज्य का लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र [[मराठा|मराठों]] के अधिकार में आ गया। पर मराठे अधिक दिनों तक शासन में नहीं रह सके इसके 50 सालों के बाद [[मैसूर]] स्वतंत्र हो गया जिसके अधीन आज के तमिळनाडु का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र था। इसके अलावा दक्षिण के राज्य भी स्वतंत्र हो गए । सन् 1799 में चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में [[टीपू सुल्तान]] की मृत्यु के बाद यह अंग्रेज़ी शासन में आ गया। तमिल सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। तमिल यहाँ की आधिकारिक भाषा है और हाल में ही इसे जनक भाषा का दर्जा मिला। तमिळ भाषा का इतिहास काफ़ी प्राचीन है, जिसका परिवर्तित रूप आज सामान्य बोलचाल में प्रयुक्त होता है ।
| |
| | |
| तमिलनाडु की सांस्कृतिक विशेषता तंजावुर के भित्तिचित्र, [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]], मंदिर-निर्माण तथा अन्य स्थापत्य कलाएं हैं ।
| |
| संत कवि तिरूवल्लुवर का तिरुक्कुरल (तमिल - திருக்குறள் ), प्राचीन तमिल का प्रसिद्ध ग्रंथ है। संगम साहित्य, तमिल के साहित्यिक विकास का दस्तावेज है। तमिल का विकास 20वीं सदी के स्वतंत्रता संग्राम के में भी काफ़ी तेजी से हुआ ।
| |
| तमिलनाडु के उत्तर में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक, पश्चिम में [[केरल]], पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]] और दक्षिण में [[हिंद महासागर]] हैं।
| |
| | |
| ==परिवहन==
| |
| दक्षिण भारतीय राज्यों की परिवहन प्रणाली [[चेन्नई]] में केंद्रित है।
| |
| [[चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu-3.jpg|thumb|250px|left|[[महाबलीपुरम बीच|महाबलीपुरम बीच]], तमिलनाडु]]
| |
| ;सड़क मार्ग
| |
| *सड़कों के संजाल की कुल लंबाई क़्ररीब 1,93,918 कि.मी. है।
| |
| *यहाँ वाहनों के योग्य सड़कों का संजाल है।
| |
| *यात्री-बस परिवहन को राष्ट्रीकृत किया जा रहा है, द्रुत एक्सप्रेस बसें यात्रियों को सभी महत्त्वपूर्ण शहरों और दर्शनीय स्थलों तक ले जाती हैं।
| |
| ;रेल मार्ग
| |
| *[[तमिलनाडु]] से कई रेल गाड़ियाँ चलती हैं।
| |
| *राज्य में चेन्नई, [[मदुरै]], [[तिरुचिरापल्ली]], [[कोयंबत्तुर]] और [[तिरुनेल्वेली]] मुख्य जंक्शन हैं।
| |
| *तमिलनाडु राज्य की रेलवे लाइनों की कुल लंबाई 4,181 किलोमीटर है।
| |
| [[चित्र:Chennai-Egmore.jpg|thumb|250px|चेन्नई एगमोर, [[चेन्नई]]]]
| |
| ;हवाई मार्ग
| |
| *चेन्नई हवाई अड्डा दक्षिणी क्षेत्र का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने की वजह से वायुमार्ग का मुख्य केंद्र बन गया है।
| |
| *चेन्नई हवाई अड्डा के अलावा तिरुचिरापल्ली, मदुरै, कोयंबतूर और सलेम में भी हवाई अड्डे हैं।
| |
| *इसके समीप स्थित मीनंबाक्कम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अलावा तीन और हवाई अड्डे क्रमशः तिरुचिराप्पल्ली, मदुरै और कोयंबत्तूर में हैं।
| |
| ;बंदरगाह
| |
| *चेन्नई के निर्मित बंदरगाह से समुद्री यातायात संचालित होता है।
| |
| *चेन्नई और तूतीकोरिन राज्य के प्रमुख बंदरगाह हैं तथा कुड्डालूर और [[नागपट्टिनम]] सहित सात छोटे बंदरगाह हैं।
| |
| | |
| ==शिक्षा==
| |
| तमिलनाडु का साक्षरता दर लगभग 73.47 प्रतिशत (2001) है। यहाँ प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालय और कला एवं विज्ञान महाविद्यालयों के साथ- साथ चिकित्सा महाविद्यालय, अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पॉलीटेक्निक संस्थाएं तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं हैं। तमिलनाडु में 21 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें [[चेन्नई]] में मद्रास विश्वविद्यालय; अन्ना विश्वविद्यालय; डॉ. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय; [[चिदंबरम]] में अन्नामलाई विश्वविद्यालय; कोयंबत्तूर में भरथियार विश्वविद्यालय, तिरूचिराप्पल्ली में भारतीदसन विश्वविद्यालय; मदुरै में मदुरै कामराज विश्वविद्यालय; [[कोडैकनाल]] में मदर टेरेसा वीनस विश्वविद्यालय; सेलम में पेरियार विश्वविद्यालय और तंजावुर में तमिल विश्वविद्यालय शामिल हैं। चेन्नई स्थित दक्षिण भारत हिदीं प्रचार सभा(1918) और गांधीग्राम स्थित गांधीग्राम रूरल इंस्टिट्यूट (1956) राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान हैं, जो क्रमश: [[हिन्दी भाषा]] और [[महात्मा गांधी]] की ग्रामीण उच्च शिक्षा की अवधारणा को लोकप्रिय बनाने में लगे हुए हैं। विश्वविद्यालयीय स्तर पर अंग्रेज़ी की जगह तमिल को शिक्षा का माध्यम बनाने के तीव्र प्रयास हो रहे हैं।
| |
| | |
| ==सांस्कृतिक जीवन==
| |
| [[ब्राह्मण]] जाति के पुरोहितों के धार्मिक व राजनीतिक वर्चस्व को तोड़ने के प्रयासों के बावजूद [[हिंदू धर्म]] संस्कृति का केन्द्र बना हुआ है। हिंदू धार्मिक और सेवार्थ विभाग अपने अंतर्गत आने वाले 9,300 से भी ज़्यादा बड़े मंदिरों पर प्रशासनिक नियंत्रण रखता है। विशेषकर चिदंबरम, कांचीपुरम, तंजावुर (भूतपूर्व तंजौर) और मदुरै सहित अधिकांश नगरों में गोपुरम (द्वारमीनार) छाए हुए हैं। मंदिर उत्सव-चक्र श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध रथ उत्सव है, जिसमें मूर्तियों से सज्जित रथों की शोभायात्रा के साथ मंदिर के चारों ओर परिक्रमा कराई जाती है। हिंदू परिवार विभिन्न मतों के प्रमुख संस्थानों या मठों से जुड़े हुए हैं। कुंबकोणम का शंकर मठ सबसे महत्त्वपूर्ण है।
| |
| ====त्योहार====
| |
| [[चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu-8.jpg|thumb|220px|[[महाबलीपुरम बीच]], तमिलनाडु]]
| |
| फ़सल कटाई के त्योहार [[पोंगल]] में जनवरी माह में किसान अपनी अच्छी फ़सल के लिए आभार प्रकट करने हेतु [[सूर्य देवता|सूर्य]], [[पृथ्वी देवी|पृथ्वी]] और पशुओं की पूजा करते हैं। पोंगल के बाद दक्षिण तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में ‘जल्लीकट्टू’ (तमिलनाडु शैली की सांडो की लडाई) होता है। तमिलनाडु में अलंगनल्लूर ‘जल्लीकट्टू’ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘चित्तिरै’ मदुरै का लोकप्रिय त्योहार है। यह पांडय राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर के अलैकिक परिणय बंधन का समृति में मनाया जाता है। तमिल महीने ‘आदि’ के अठारहवें दिन नदियों के किनारे ‘आदिपेरूकु’ पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही नई फ़सल की बुवाई से संबंधित काम भी शुरू हो जाता है। नृत्य महोत्सव ‘ममल्लापुरम’ एक अद्भुत महोत्सव है। समुद्र तट से लगे प्राचीन नगर ममल्लापुरम में पल्लव राजाओं द्वारा 13 शताब्दी पूर्व चट्टानों से काटकर बनाए गए स्तंभों का एक खुला मंच है, जिस पर लोकनृत्यों के अलावा नृत्यकला के सर्वश्रेष्ठ और सुविख्यात कलाकारों द्वारा भरतनाट्यम, [[कुची पुडी नृत्य|कुचीपुडी]], [[कथकली नृत्य|कथकली]] और [[ओडिसी नृत्य]] प्रस्तुत किए जाते हैं। ‘नाट्यांजलि’ नृत्य महोत्सव में मंदिरों की नगरी चिदंबरम के निवासी सृष्टि के आदि नर्तक [[नटराज|भगवान नटराज]] को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।<br />
| |
| [[चित्र:Brihadeeshwara-Temple-Tanjore.jpg|thumb|220px|left|बृहदेश्वर मंदिर, [[तंजौर]]]]
| |
| '''महामाघम'''<br />
| |
| | |
| महामाघम एक पवित्र पर्व है, जो बारह वर्ष में एक बार होता है। मंदिरों की नगरी [[कुंभकोणम]] को यह नाम दैवी पात्र ‘कुंभ’ से मिला है। ग्रीष्म महोत्सव हर वर्ष ‘पर्वतीय स्थलों की रानी’ सदाबहार [[उटी]], विशिष्ट स्थल [[कोडैकनाल]] या येरूकाड की स्वास्थ्यवर्द्धक ऊंची पहाडियों पर मनाया जाता है। कंथूरी उत्सव वास्तव में धर्मनिरपेक्ष त्योहार है, जिसमें विभिन्न समुदायों के श्रद्धालु संत फ़कीर कादिरवाली की दरगाह पर इकट्ठे होते हैं। संत कादिरवाली के शिष्य-वंशजों में से किसी एक को 'पीर' अथवा आध्यात्मिक नेता चुना जाता है और उसकी अर्चना की जाती है। इस उत्सव के दसवें दिन फ़कीर की दरगाह पर चंदन घिसा जाता है और उस पवित्र चंदन को सब लोगों में बांट दिया जाता है। ‘वेलंकन्नी’ उत्सव के बारे में अनेक आश्चर्यजनक दंतकथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक यह है कि सोलहवीं शताब्दी में [[पुर्तग़ाली]] नाविकों ने कुंवारी मेरी के लिए एक विशाल गिरजाघर बनवाने का संकल्प लिया था, क्योंकि उन्हीं की कृपा से भयंकर समुद्री तूफ़ान से उनके जीवन की रक्षा हुई थी। ‘वेलंकन्नी’ उत्सव देखने के लिए हज़ारों लोग नारंगी पट्टिया डालकर उस पवित्र स्थान पर एकत्र होते हैं, जहां जहाज़ आकर ज़मीन पर लगा था। कुंवारी मेरी द्वारा रोगियों को ठीक कर देने की चमत्कारी शाक्तियों से संबंधित अनेक बातें भी इतनी ही प्रचलित हैं और इसके लिए यह गिरजाघर, पूर्व का लार्डसौ के नाम से भी प्रसिद्ध है।<br />
| |
| [[चित्र:Pancha-Rathas-Mahabalipuram-15.jpg|thumb|250px|[[पंचरथ]], [[महाबलीपुरम]]]]
| |
| '''नवरात्र'''<br />
| |
| | |
| [[नवरात्र]] पर्व का शाब्दिक अर्थ ‘नौ रात्रियां’ है जो भारत के विभिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न रूपों में और अनोखे ढंग से मनाया जाता है। यह पर्व शक्ति, धन और ज्ञान के लिए देवी 'शक्ति' को संतुष्ट करने के लिए मनाया जाता है। तमिलनाडु का प्रकाश पर्व ‘कार्तिगै दीपम्’ भी बहुत प्रसिद्ध है। इसमें घरों के बाहर [[मिट्टी]] के [[दीपक|दीए]] जलाए जाते है और उल्लासपूर्वक पटाखे छोड़े जाते हैं। तमिलनाडु का संगीत महोत्सव चेन्नई में दिसंबर में मनाया जाता है। इसमें कर्नाटक संगीत की महान और अमूल्य पंरपरा का निर्वाह किया जाता है और इस समारोह में नए और पुराने कलाकारों द्वारा संगीत और नृत्य की अविस्मरणीय प्रस्तुतियां पेश होती हैं।
| |
| | |
| ==पर्यटन स्थल==
| |
| [[चेन्नई]], ममल्लापुरम, पूंपुहार, [[कांचीपुरम]], [[कुंभकोणम]], धारासुरम, [[चिदंबरम]], तियअन्नामलै, [[श्रीरंगम]], [[मदुरै]], [[रामेश्वरम]], तिरूनेलवेली , [[कन्याकुमारी]], [[तंजावुर]], वेलंकन्नी, नागूर चित्तान वसाल, कलुगुमलै (स्मारक केंद्र), कोर्टलम, होगेनक्कल, पापनाशम, सुरूली (जल-प्रपात), [[ऊटी]] (उटकमंडलम), [[कोडैकनाल]], यरकाड, इलागिरि कोल्लिहिल्स (पर्वतीय स्थल), गुइंडी (चेन्नई), मुदुमलाई, [[अन्नामलाई पहाड़ी|अन्नामलाई]], मुंदांथुरै, [[वेल्लोर]], [[मदुरांतक तमिलनाडु|मदुरांतक]], कालाकाड (वन्य जीवन अभयारण्य), वेदंथंगल तथा प्वाइंट केलिमियर (पक्षी अभयारण्य) और चेन्नई के समीप [[अरिनगर अन्ना चिड़ियाघर चेन्नई|अरिनगर अन्ना चिड़ियाघर]] आदि पर्यटन की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं।
| |
| | |
| {{लेख प्रगति
| |
| |आधार=
| |
| |प्रारम्भिक=
| |
| |माध्यमिक=माध्यमिक2
| |
| |पूर्णता=
| |
| |शोध=
| |
| }}
| |
| ==वीथिका==
| |
| <gallery>
| |
| चित्र:Mookambika-Temple-Kollur.jpg|मुकाम्बिका मंदिर, [[कोल्लूर]]
| |
| चित्र:Brihadeeshwarar-Temple-Gangaikondacholapuram.jpg|बृहदेश्वर मन्दिर, [[गंगैकोंडचोलपुरम]]
| |
| चित्र:Pancha-Rathas-Mahabalipuram-7.jpg|[[पंचरथ]], [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:University-of-Madras.jpg|[[मद्रास विश्वविद्यालय]], [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Kapaleeswarar-Temple-Chennai.jpg|[[कपालेश्वर मंदिर चेन्नई|कपालेश्वर मंदिर]], [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu-7.jpg|[[महाबलीपुरम बीच]], तमिलनाडु
| |
| चित्र:Suchindram-Temple-Kanyakumari.jpg|सुचिन्द्रम मंदिर, [[कन्याकुमारी]]
| |
| चित्र:Market-Mahabalipuram-3.jpg|[[महाबलीपुरम]] के बाज़ार का एक दृश्य
| |
| चित्र:Nilgiri-Hills.jpg|[[नीलगिरि पहाड़ियाँ]]
| |
| चित्र:Crocodile-Bank-Chennai.jpg|[[मगरमच्छ बैंक चेन्नई|मगरमच्छ बैंक]], [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Sarangapani-Swami-Temple-Kumbakonam.jpg|सारंगपणि स्वामी मंदिर, [[कुम्भकोणम]]
| |
| चित्र:Market-Mahabalipuram-2.jpg|[[महाबलीपुरम]] के बाज़ार का एक दृश्य
| |
| चित्र:Art-Gallery-Chennai.jpg|[[राष्ट्रीय कला दीर्घा चेन्नई|नेशनल आर्ट गैलरी]], [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Mahisha-Mardini-Cave-Mahabalipuram-5.jpg|महिषा मर्दनी गुफा, [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:Parthasarathy-Temple-Chennai.jpg|[[पार्थसारथी मंदिर चेन्नई|पार्थसारथी मंदिर]], [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Meenakshi-Temple-Madurai.jpg|[[मीनाक्षी मंदिर]], [[मदुरई]]
| |
| चित्र:Sree-Ramakrishna-Madh-Chennai.jpg|श्री रामकृष्ण मठ, [[चेन्नई]]
| |
| चित्र:Sunset-Kanyakumari.jpg|सूर्यास्त का दृश्य, [[कन्याकुमारी]]
| |
| चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu.jpg|[[महाबलीपुरम बीच|महाबलीपुरम बीच]], तमिलनाडु
| |
| चित्र:Rayar Gopuram-Mahabalipuram.jpg|रायर गोपुरम, [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:Thirumanancheri-Temple-Kumbakonam.jpg|थिरुमनाचरी मंदिर, [[कुम्भकोणम]]
| |
| चित्र:Shore-Temple-Mahabalipuram.jpg|[[शोर मंदिर]], [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:Srirangam-Temple-Srirangam.jpg|श्रीरंगम मंदिर, [[श्रीरंगम]]
| |
| चित्र:Rayar Gopuram-Mahabalipuram-4.jpg|रायर गोपुरम, महाबलीपुरम
| |
| चित्र:Vellore-Tamil-Nadu.jpg|[[वेल्लोर]], तमिलनाडु
| |
| चित्र:Shore-Temple-1.jpg|[[शोर मंदिर]], [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:Shore-Temple.jpg|[[शोर मंदिर]], [[महाबलीपुरम]]
| |
| चित्र:Rameswaram-Bridge.jpg|[[रामेश्वरम ब्रिज]], तमिलनाडु
| |
| चित्र:Tamil-Nadu-Legislative-Assembly.jpg|तमिलनाडु विधानसभा
| |
| </gallery>
| |
| | |
| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| |
| <references/>
| |
| ==संबंधित लेख==
| |
| {{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}}
| |
| {{तमिलनाडु के नगर}}{{तमिलनाडु के ऐतिहासिक स्थान}}{{तमिलनाडु प्रदेश के ज़िले}}{{राज्य और के. शा. प्र.}}{{राज्य और के. शा. प्र.2}}
| |
| [[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]]
| |
| [[Category:तमिलनाडु]]
| |
| [[Category:दक्षिण भारत]]
| |
| [[Category:चुनाव अद्यतन]]
| |
| __INDEX__
| |
| __NOTOC__
| |