"प्रयोग:गोविन्द4": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(पन्ने को खाली किया)
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
|-</noinclude>
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{| style="background:transparent; width:100%" align="left"
|- valign="top"
|
[[चित्र:Court-of-nand.jpg|border|120px|right|link=भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012]]
<poem>
[[भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012|कुछ तो कह जाते]]
      अगर इनमें से कुछ भी ऐसा नहीं है जो कि आप कर सकते हों तो आप नेता नहीं बन सकते।"
उन्होंने एक लम्बी सांस ली और फिर बोलने लगे "बोलो क्‍या कहते हो, बनना है नेता ?"
"वो तो ठीक है लेकिन नेता बनने के बाद करना क्या होगा... मेरा मतलब है कि मान लीजिए मंत्री बन गए तो फिर पॉलिसी क्या अपनाएँगे हम ?"[[भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012|पूरा पढ़ें]]
</poem>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
|-
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
| [[भारतकोश सम्पादकीय 19 मई 2012|दोस्ती-दुश्मनी और मान-अपमान]] ·
| [[भारतकोश सम्पादकीय 12 मई 2012|काम की खुन्दक]]
|}</center>
|}
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>

14:37, 26 मई 2012 का अवतरण

साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

कुछ तो कह जाते
      अगर इनमें से कुछ भी ऐसा नहीं है जो कि आप कर सकते हों तो आप नेता नहीं बन सकते।"
उन्होंने एक लम्बी सांस ली और फिर बोलने लगे "बोलो क्‍या कहते हो, बनना है नेता ?"
"वो तो ठीक है लेकिन नेता बनने के बाद करना क्या होगा... मेरा मतलब है कि मान लीजिए मंत्री बन गए तो फिर पॉलिसी क्या अपनाएँगे हम ?"पूरा पढ़ें

पिछले लेख दोस्ती-दुश्मनी और मान-अपमान · काम की खुन्दक