"साँचा:साप्ताहिक सम्पादकीय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
| style="background:transparent;"| | | style="background:transparent;"| | ||
{| style="background:transparent; width:100%" | {| style="background:transparent; width:100%" | ||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय | |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 2 जून 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | ||
|- | |- | ||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | {{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
|- valign="top" | |- valign="top" | ||
| | | | ||
[[चित्र: | [[चित्र:Retake-1.jpg|border|right|120px|link=भारतकोश सम्पादकीय 2 जून 2012]] | ||
<poem> | <poem> | ||
[[भारतकोश सम्पादकीय | [[भारतकोश सम्पादकीय 2 जून 2012|लेकिन एक रिटेक और लेते हैं]] | ||
प्यार-मुहब्बत के विषय पर हॉलीवुड में 'कासाब्लान्का' फ़िल्म को एक अधूरी प्रेम कहानी के बेजोड़ प्रस्तुति माना गया। इस फ़िल्म ने इंग्रिड बर्गमॅन को अभिनेत्री के रूप में सिनेमा-आकाश के शिखर पर पहुँचा दिया। इंग्रिड बर्गमॅन ने ढलती उम्र में इंगार बर्गमॅन की स्वीडिश फ़िल्म 'ऑटम सोनाटा' में भी उत्कृष्ठ अभिनय किया। यह फ़िल्म दो व्यक्तियों के परस्पर संवाद, अंतर्द्वंद, पश्चाताप, आत्मस्वीकृति, आरोप-प्रत्यारोप का सजीवतम चित्रण थी।। [[भारतकोश सम्पादकीय 2 जून 2012|पूरा पढ़ें]] | |||
</poem> | </poem> | ||
<center> | <center> | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
|- | |- | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012|कुछ तो कह जाते]] · | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 19 मई 2012|दोस्ती-दुश्मनी और मान-अपमान]] | ||
|}</center> | |}</center> | ||
|} | |} | ||
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> | |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> |
17:13, 2 जून 2012 का अवतरण
|