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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
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| [[चित्र:Anti.jpg|border|right|120px|link=भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012]]
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| [[भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012|लक्ष्य और साधना]]
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| [[महात्मा गांधी]] और [[भगत सिंह|सरदार भगत सिंह]] का एक ही लक्ष्य था, लेकिन तरीक़े अलग थे। क्या था ये लक्ष्य ? अंग्रेज़ों को भारत से भगाना ? नहीं ऐसा नहीं था। उनका लक्ष्य था, भारत को आज़ाद कराना... स्वतंत्रता। इन दोनों बातों में बड़ा फ़र्क़ है। एक सकारात्मक है और एक नकारात्मक। अंग्रेज़ों को भगाना नकारात्मक है और स्वतंत्रता पाना सकारात्मक। लक्ष्य वही है जो सकारात्मक हो। [[भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012|पूरा पढ़ें]]
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 2 जून 2012|लेकिन एक रिटेक और लेते हैं]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 26 मई 2012|कुछ तो कह जाते]]
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