"पीपलेश्वर महादेव मथुरा": अवतरणों में अंतर
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*ये मथुरापुरी के पूर्व दिशा में [[विश्राम घाट]] के निकट स्थित हैं तथा मथुरा क्षेत्र की सदा रक्षा करते हैं। | *ये मथुरापुरी के पूर्व दिशा में [[विश्राम घाट मथुरा|विश्राम घाट]] के निकट स्थित हैं तथा मथुरा क्षेत्र की सदा रक्षा करते हैं। | ||
*तदनन्तर वेणी माधव, रामेश्वर, दाऊजी, मदनमोहन, [[तिन्दुक|तिन्दुक तीर्थ]], [[सूर्य तीर्थ|सूर्य घाट]], [[ध्रुव टीला]] का दर्शन कर सप्तऋषि टीले पर [[अत्रि]], [[मरीचि]], क्रतु, [[अंगिरा]], [[गौतम]], [[वसिष्ठ]], [[पुलस्त्य]] का दिव्य दर्शन है। | *तदनन्तर वेणी माधव, रामेश्वर, दाऊजी, मदनमोहन, [[तिन्दुक तीर्थ मथुरा|तिन्दुक तीर्थ]], [[सूर्य तीर्थ मथुरा|सूर्य घाट]], [[ध्रुव टीला मथुरा|ध्रुव टीला]] का दर्शन कर सप्तऋषि टीले पर [[अत्रि]], [[मरीचि]], क्रतु, [[अंगिरा]], [[गौतम]], [[वसिष्ठ]], [[पुलस्त्य]] का दिव्य दर्शन है। | ||
*ये सप्तऋषि मथुरा धाम में इसी स्थान पर रहकर भगवान [[श्रीकृष्ण]] की आराधना करते हैं। | *ये सप्तऋषि मथुरा धाम में इसी स्थान पर रहकर भगवान [[श्रीकृष्ण]] की आराधना करते हैं। | ||
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- मथुरा के चार क्षेत्रपालों में से एक हैं।
- ये मथुरापुरी के पूर्व दिशा में विश्राम घाट के निकट स्थित हैं तथा मथुरा क्षेत्र की सदा रक्षा करते हैं।
- तदनन्तर वेणी माधव, रामेश्वर, दाऊजी, मदनमोहन, तिन्दुक तीर्थ, सूर्य घाट, ध्रुव टीला का दर्शन कर सप्तऋषि टीले पर अत्रि, मरीचि, क्रतु, अंगिरा, गौतम, वसिष्ठ, पुलस्त्य का दिव्य दर्शन है।
- ये सप्तऋषि मथुरा धाम में इसी स्थान पर रहकर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं।