"साँचा:साप्ताहिक सम्पादकीय": अवतरणों में अंतर
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|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय | |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 25 जून 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | ||
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[[चित्र: | [[चित्र:Vigyapan-lok.png|border|right|110px|link=भारतकोश सम्पादकीय 25 जून 2012]] | ||
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[[भारतकोश सम्पादकीय | [[भारतकोश सम्पादकीय 25 जून 2012|विज्ञापन लोक]] | ||
जैसे नेताओं को हम वोटर और वकीलों को हम क्लाइंट दिखाई देते हैं, वैसे ही विज्ञापन एजेंसियों और विक्रेता को हम ग्राहक और उपभोक्ता दिखाई देते हैं। हरेक दुकानदार मरने से पहले अपनी औलाद को वसीयत के साथ साथ एक नसीहत भी देकर मरता है- | |||
"मेरे बच्चों हमेशा ध्यान रखना कि मौत और ग्राहक का क्या पता कब आ जाये।" [[भारतकोश सम्पादकीय 25 जून 2012|पूरा पढ़ें]] | |||
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| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 17 जून 2012|चमचारथी]] · | ||
| [[भारतकोश सम्पादकीय | | [[भारतकोश सम्पादकीय 10 जून 2012|लक्ष्य और साधना]] | ||
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15:01, 25 जून 2012 का अवतरण
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