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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 1 जुलाई 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
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| [[चित्र:Jugad-2.jpg|border|right|130px|link=भारतकोश सम्पादकीय 1 जुलाई 2012]]
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| [[भारतकोश सम्पादकीय 1 जुलाई 2012|कहता है जुगाड़ सारा ज़माना]]
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| "अरे यार ! सब जानते हैं कि इंडिया में जुगाड़ टेक्नीक यूज़ होती है, लेकिन ये टेक्नीक है क्या ? और हम कैसे इसे सीख सकते हैं ? ये पता नहीं चल पा रहा है... इस 'जुगाड़' की वजह से ही हम परेशान हैं। भारत ये जुगाड़ टेक्नोलॉजी, वर्ल्ड में किसी को नहीं देता। जबकि उन्होंने कोई पेटेन्ट भी नहीं करा रखा है और उनका सारा विकास इसी टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है। जब भी हम कोई नई टेक्नोलॉजी लाते हैं, वो हमारी टेक्नोलॉजी को इस जुगाड़ से फ़ेल कर देते हैं।" [[भारतकोश सम्पादकीय 1 जुलाई 2012|पूरा पढ़ें]]
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 25 जून 2012|विज्ञापन लोक]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 17 जून 2012|चमचारथी]]
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| |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
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