"प्रयोग:गोविन्द4": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (पन्ने को खाली किया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" | |||
|-</noinclude> | |||
| style="background:transparent;"| | |||
{| style="background:transparent; width:100%" | |||
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 4 सितम्बर 2012|भारतकोश सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font> | |||
|- | |||
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} | |||
{| style="background:transparent; width:100%" align="left" | |||
|- valign="top" | |||
| | |||
[[चित्र:Krishn-title.jpg|right|130px|link=भारतकोश सम्पादकीय 4 सितम्बर 2012]] | |||
<poem> | |||
[[भारतकोश सम्पादकीय 4 सितम्बर 2012|शाप और प्रतिज्ञा]] | |||
शिशुपाल को मारने में भी कृष्ण ने एक ऐसा संदेश दिया जिससे बहुत बड़ी राजनैतिक रणनीति की शिक्षा मिलती है। शिशुपाल कोई छोटा-मोटा राजा नहीं था जिसे मारना और मारकर शांत बैठ पाना आसान हो। निन्यानवे अपराध क्षमा करना कृष्ण की एक सोची समझी रणनीति थी जिसमें छिपे हुए संदेश को समझना बहुत आवश्यक है। [[भारतकोश सम्पादकीय 4 सितम्बर 2012|...पूरा पढ़ें]] | |||
</poem> | |||
<center> | |||
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3" | |||
|- | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] → | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 21 अगस्त 2012|यादों का फंडा]] · | |||
| [[भारतकोश सम्पादकीय 14 अगस्त 2012|ईमानदारी की क़ीमत]] · | |||
|}</center> | |||
|} | |||
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude> |
13:02, 4 सितम्बर 2012 का अवतरण
|