"सदस्य:आकाश महेशपुरी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(गीत - बादल ना उत्पात करो)
 
No edit summary
पंक्ति 2: पंक्ति 2:


देख हमारा हाल नहीँ यूँ
देख हमारा हाल नहीँ यूँ
गरज गरज के बात करो
गरज गरज के बात करो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो
बादल ना उत्पात करो


किस नगरी से आये हो तुम
किस नगरी से आये हो तुम
आँखोँ मेँ भी छाये हो तुम
आँखोँ मेँ भी छाये हो तुम
आये हो तुम नीर बहाने
आये हो तुम नीर बहाने
या दुखिया की पीर बढ़ाने
या दुखिया की पीर बढ़ाने
पानी ही पानी लाये हो
पानी ही पानी लाये हो
ऐसे ना आघात करो-
ऐसे ना आघात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो
बादल ना उत्पात करो


साजन मेरे दूर गये हैँ
साजन मेरे दूर गये हैँ
हो कर के मजबूर गये हैँ
 
हो कर के मजबूर गये हैँ  
 
तुम आये हो विरह जगाने
तुम आये हो विरह जगाने
इक विधवा को और सताने
इक विधवा को और सताने
साजन से जाकर मिल जाऊँ
साजन से जाकर मिल जाऊँ
या ऐसे हालात करो-
या ऐसे हालात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो
बादल ना उत्पात करो


सपने थे झूठे झूठे से
सपने थे झूठे झूठे से
अपने भी रूठे रूठे से
अपने भी रूठे रूठे से
जबसे माँग हुई है खाली
जबसे माँग हुई है खाली
लोगोँ की बजती है ताली
लोगोँ की बजती है ताली
बहुत उजाले से डरती हूँ
बहुत उजाले से डरती हूँ
अब अंधेरी  रात करो-
अब अंधेरी  रात करो-
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो
बादल ना उत्पात करो
बादल ना उत्पात करो


गीत - आकाश महेशपुरी
गीत - आकाश महेशपुरी
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश
  09919080399
  09919080399

10:22, 18 जुलाई 2013 का अवतरण

गीत

देख हमारा हाल नहीँ यूँ

गरज गरज के बात करो

दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो

बादल ना उत्पात करो

किस नगरी से आये हो तुम

आँखोँ मेँ भी छाये हो तुम

आये हो तुम नीर बहाने

या दुखिया की पीर बढ़ाने

पानी ही पानी लाये हो

ऐसे ना आघात करो-

दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो

बादल ना उत्पात करो

साजन मेरे दूर गये हैँ

हो कर के मजबूर गये हैँ

तुम आये हो विरह जगाने

इक विधवा को और सताने

साजन से जाकर मिल जाऊँ

या ऐसे हालात करो-

दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो

बादल ना उत्पात करो

सपने थे झूठे झूठे से

अपने भी रूठे रूठे से

जबसे माँग हुई है खाली

लोगोँ की बजती है ताली

बहुत उजाले से डरती हूँ

अब अंधेरी रात करो-

दुखिया के कुछ दुख भी सुन लो

बादल ना उत्पात करो

गीत - आकाश महेशपुरी . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी

ग्राम- महेशपुर

पोस्ट- कुबेरस्थान

जनपद- कुशीनगर

उत्तर प्रदेश

09919080399