"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/4": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Sansad-Bhavan-2.jpg|right|100px|संसद भवन, नई दिल्ली]][[भारत]] में संसदात्मक शासन प्रणाली स्वीकार की गई है। अत: [[संसद]] की सर्वोच्चता भारतीय शासन की प्रमुख विशेषता है। संसद को 'विधायिका' अथवा 'व्यवस्थापिका' नाम से भी जाना जाता है। [[राष्ट्रपति]] अनुच्छेद 85 के तहत संसद के दोनों सदनों का सत्र बुला सकता है, दोनों सदनों का सत्रावसान कर सकता है तथा [[लोकसभा]] का विघटन कर सकता है। [[संविधान]] के द्वारा राष्ट्रपति पर यह कर्तव्य अधिरोपित किया गया है कि वह संसद के दोनों सदनों को ऐसे अंतराल पर आहूत करेगा कि एक सत्र की अंतिम बैठक और उसके बाद की पहली बैठक के लिए नियत तिथि के बीच छह मास का अन्तराल नहीं होना चाहिए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[संसद]] | |||
{ | {भारत की आज़ादी से पूर्व [[कांग्रेस]] का विभाजन किस वर्ष हुआ?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 782, प्र. 942) | ||
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-[[ | +[[1941]] | ||
-[[1945]] | |||
-[[ | -[[1940]] | ||
-[[ | -[[1942]] | ||
||[[चित्र:INC-Flag.jpg|right|100px|भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज ]]'[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की स्थापना [[28 दिसम्बर]], [[1885]] ई. में दोपहर बारह बजे [[बम्बई]] में 'गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज' के भवन में की गई थी। इसके संस्थापक 'आक्टेवियन ह्यूम' और प्रथम अध्यक्ष [[व्योमेश चन्द्र बनर्जी]] बनाये गए थे। 'भारतीय राष्ट्रीय संघ' (कांग्रेस की पूर्वगामी संस्था) की स्थापना का विचार सर्वप्रथम [[लॉर्ड डफ़रिन]] के दिमाग में आया था। [[कांग्रेस]] के प्रथम अधिवेशन में [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] ने हिस्सा नहीं लिया। [[1916]] ई. में [[लाला लाजपत राय]] ने 'यंग इण्डिया' में एक लेख में लिखा- "कांग्रेस लॉर्ड डफ़रिन के दिमाग की उपज है।" [[भारत]] की आज़ादी से पूर्व [[1941]] तक कांग्रेस पार्टी थोड़ी उभर चुकी थी। लेकिन वह दो खेमों में विभाजित हो गई, जिसमें एक खेमे के समर्थक [[बाल गंगाधर तिलक]] और दुसरे खेमे में [[मोतीलाल नेहरू]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] | |||
-[[ | |||
{'असम गण परिषद दल' किस राज्य विशेष से सम्बन्धित है?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 782, प्र. 947) | {'असम गण परिषद दल' किस राज्य विशेष से सम्बन्धित है?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 782, प्र. 947) | ||
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+[[असम]] | +[[असम]] | ||
-[[कर्नाटक]] | -[[कर्नाटक]] | ||
||[[चित्र:View-Of-Assam.jpg|right|100px|असम में चाय का बाग़]]'असम' या 'आसाम' उत्तर [[पूर्वी भारत]] में एक राज्य है। [[असम]] अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। यह भारत का एक सरहदी राज्य है। [[भारत]]-[[भूटान]] और [[भारत]]-[[बांग्लादेश]] सरहद कुछ हिस्सों में असम से जुडी हुई है। समग्र पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम की अर्थव्यवस्था सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। यह मुख्यतया [[कृषि]] और संबद्ध कार्यकलापों में लगी हुई है। इसकी भारत में [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]] की घाटी के साथ-साथ सबसे अधिक उर्वर भूमि फैली हुई है, जो कि वाणिज्यिक आधार पर विविध नकदी फसलों और खाद्य फसलों की पैदावार के लिए उपयुक्त है। राज्य की प्रमुख बाग़वानी फ़सलें [[संतरा]], [[केला]], [[अनन्नास]], सुपारी, [[नारियल]], [[अमरुद]], [[आम]], कटहल और [[नीबू]] आदि हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[असम]] | |||
{'[[जनता दल]]' की स्थापना किसके नेतृत्व में की गई थी?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 782, प्र. 950) | {'[[जनता दल]]' की स्थापना किसके नेतृत्व में की गई थी?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 782, प्र. 950) | ||
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-रामविलास पासवान | -रामविलास पासवान | ||
-उपरोक्त में से कोई नहीं | -उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:V-P-Singh.jpg|right|100px|विश्वनाथ प्रताप सिंह]]विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी सरकार के पतन के कारण बने विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आम चुनाव के माध्यम से 2 दिसम्बर, 1989 को प्रधानमंत्री पद प्राप्त किया था। सिंह बेहद महत्त्वाकांक्षी होने के अतिरिक्त कुटिल राजनीतिज्ञ भी कहे जाते हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विश्वनाथ प्रताप सिंह]] | |||
{किस वर्ष 'रक्षा विभाग' का नाम '[[रक्षा मंत्रालय]]' किया गया था?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 831, प्र. 355) | {किस वर्ष 'रक्षा विभाग' का नाम '[[रक्षा मंत्रालय]]' किया गया था?(यूजीसी राजनीति, पृ.सं- 831, प्र. 355) |
07:43, 2 अगस्त 2013 का अवतरण
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