"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{देवनागरी का विकास किस लिपि से हुआ है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1126 | {'[[देवनागरी लिपि|देवनागरी]]' का विकास किस [[लिपि]] से हुआ है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1126 | ||
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-खरोष्ठी लिपि | -[[खरोष्ठी लिपि]] | ||
-कुटिल लिपि | -कुटिल लिपि | ||
+ब्राह्मी लिपि | +[[ब्राह्मी लिपि]] | ||
- | -[[गुप्त काल]] की [[लिपि]] | ||
{'ढुँढ़ाड़ी' | {'ढुँढ़ाड़ी बोली' किस स्थान की है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | ||
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-पश्चिमी राजस्थान | -पश्चिमी [[राजस्थान]] | ||
+पूर्वी राजस्थान | +पूर्वी राजस्थान | ||
-दक्षिणी राजस्थान | -दक्षिणी [[राजस्थान]] | ||
-उत्तरी राजस्थान | -उत्तरी राजस्थान | ||
{निम्न में से 'नासिक्य' व्यंजन कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | {निम्न में से 'नासिक्य' [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | ||
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-ष | -ष | ||
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+पराधीनता का बोध | +पराधीनता का बोध | ||
-ईसाई विरोध | -[[ईसाई]] विरोध | ||
-मुस्लिम विरोध | -[[मुस्लिम]] विरोध | ||
-परमाणु परीक्षण | -परमाणु परीक्षण | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{'कपीश' में प्रयुक्त सन्धि का नाम है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | {'कपीश' में प्रयुक्त [[सन्धि]] का नाम है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | ||
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-वृद्धि सन्धि | -वृद्धि सन्धि | ||
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+दीर्घ सन्धि | +दीर्घ सन्धि | ||
{'दोषहर्ता' में प्रत्यय का चयन कीजिए?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-53 | {'दोषहर्ता' में [[प्रत्यय]] का चयन कीजिए?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-53 | ||
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+हर्ता | +हर्ता | ||
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-तत्पुरुष | -तत्पुरुष | ||
{निम्न में से 'रूढ़' शब्द कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | {निम्न में से 'रूढ़' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | ||
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-मलयज | -मलयज | ||
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{'हिन्दी साहित्य का अतीत : भाग एक' के लेखक का नाम है-(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {'हिन्दी साहित्य का अतीत : भाग एक' के लेखक का नाम है-(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
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-आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी | -[[आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी]] | ||
+डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र | +डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र | ||
-डॉ. | -डॉ. माता प्रसाद गुप्त | ||
-डॉ. विद्यानिवास मिश्र | -[[विद्यानिवास मिश्र|डॉ. विद्यानिवास मिश्र]] | ||
{वस्तु, स्थान, भाव या विचार के द्योतक शब्द को क्या कहते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | {वस्तु, स्थान, भाव या विचार के द्योतक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को क्या कहते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | ||
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+संज्ञा | +[[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] | ||
-सर्वनाम | -[[सर्वनाम]] | ||
-विशेषण | -[[विशेषण]] | ||
-विशेष्य | -विशेष्य | ||
{'कुरुक्षेत्र' (काव्य) के रचयिता का नाम है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | {'कुरुक्षेत्र' ([[काव्य]]) के रचयिता का नाम है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | ||
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-नागार्जुन | -[[नागार्जुन]] | ||
-आरसी प्रसाद सिंह | -[[आरसी प्रसाद सिंह]] | ||
-जयशंकर प्रसाद | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
+रामधारी सिंह 'दिनकर' | +[[रामधारी सिंह 'दिनकर']] | ||
{"सिर हथेली पर रखना" का क्या अर्थ है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-136 | {"सिर हथेली पर रखना" का क्या अर्थ है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-136 | ||
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-अहं का विसर्जन करना | -अहं का विसर्जन करना | ||
{जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {[[जॉर्ज ग्रियर्सन]] ने पश्चिमोत्तर समुदाय की [[भाषा]] को आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं की किस उपशाखा में रखा है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
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-भातरी उपशाखा | -भातरी उपशाखा | ||
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-उपरोक्त में से कोई नहीं | -उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | {निम्नलिखित में से कौन-सी [[भाषा]] [[देवनागरी लिपि]] में लिखी जाती है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | ||
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+मराठी | +[[मराठी भाषा|मराठी]] | ||
-गुजराती | -[[गुजराती भाषा|गुजराती]] | ||
-उड़िया | -[[उड़िया भाषा|उड़िया]] | ||
-सिन्धी | -[[सिन्धी भाषा|सिन्धी]] | ||
{'ए', 'ऐ' वर्ण क्या कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | {'ए', 'ऐ' [[वर्णमाला (व्याकरण)|वर्ण]] क्या कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | ||
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+कंठ-तालव्य | +कंठ-तालव्य | ||
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-हिमांशु जोशी | -हिमांशु जोशी | ||
-मोहन राकेश | -[[मोहन राकेश]] | ||
+कमलेश्वर | +[[कमलेश्वर]] | ||
-मन्मथनाथ गुप्त | -[[मन्मथनाथ गुप्त]] | ||
{'सदैव' में प्रयुक्त सन्धि का नाम है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | {'सदैव' में प्रयुक्त [[सन्धि]] का नाम है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | ||
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-व्यंजन सन्धि | -व्यंजन सन्धि | ||
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-कर्मधारय | -कर्मधारय | ||
{'बिहारी सतसई' पर किस ग्रंथ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | {'बिहारी सतसई' पर किस [[ग्रंथ]] का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | ||
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+गाथा सप्तशती | +गाथा सप्तशती | ||
- | -अमरूफ़ शतक | ||
-आर्या सप्तशती | -आर्या सप्तशती | ||
-उपर्युक्त में किसी का नहीं | -उपर्युक्त में किसी का नहीं | ||
{'लेखक' शब्द के अंत में कौन-सा प्रत्यय लगा हुआ है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | {'लेखक' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] के अंत में कौन-सा [[प्रत्यय]] लगा हुआ है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | ||
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-क | -क | ||
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+अक | +अक | ||
{'परीक्षा' शब्द निम्नलिखित वर्गों में से किस वर्ग में आता है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | {'परीक्षा' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] निम्नलिखित वर्गों में से किस वर्ग में आता है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | ||
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+तत्सम | +तत्सम | ||
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-विदेशज | -विदेशज | ||
{हज़ारीप्रसाद द्विवेदी का वह कौन-सा ग्रन्थ है, जिसमें मात्र आदिकालीन हिन्दी साहित्य सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {[[हज़ारीप्रसाद द्विवेदी]] का वह कौन-सा [[ग्रन्थ]] है, जिसमें मात्र आदिकालीन [[हिन्दी साहित्य]] सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
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-हिन्दी साहित्य की भूमिका | -हिन्दी साहित्य की भूमिका | ||
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+हिन्दी साहित्य का आदिकाल | +हिन्दी साहित्य का आदिकाल | ||
{व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के कितने भेद होते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | {व्युत्पत्ति के आधार पर [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] के कितने भेद होते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | ||
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+तीन | +तीन | ||
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-खड़ी बोली | -खड़ी बोली | ||
{'श', 'ष', 'स', 'ह' कौन-से व्यंजन कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | {'श', 'ष', 'स', 'ह' कौन-से [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | ||
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-प्रकंपी | -प्रकंपी | ||
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+पवन | +पवन | ||
{'अनुज' शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस प्रत्यय का प्रयोग करना होगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | {'अनुज' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस [[प्रत्यय]] का प्रयोग करना होगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | ||
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-इक | -इक | ||
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-ई | -ई | ||
{फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म स्थान है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | {[[फणीश्वरनाथ रेणु]] का जन्म स्थान है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+औराही हिंगना | +औराही हिंगना | ||
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-कर्मधारय | -कर्मधारय | ||
{'मजिस्ट्रेट' शब्द है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | {'मजिस्ट्रेट' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-तत्सम | -तत्सम | ||
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+विदेशज | +विदेशज | ||
{'स्त्रीत्व' शब्द में कौन-सी संज्ञा है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | {'स्त्रीत्व' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में कौन-सी [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-74 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जातिवाचक संज्ञा | -जातिवाचक संज्ञा | ||
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-द्रव्यवाचक संज्ञा | -द्रव्यवाचक संज्ञा | ||
{'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात अग्रसरीभूत अपभ्रंश को ' | {'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को '[[अपभ्रंश]]' तथा 'परवर्ती' अर्थात 'अग्रसरीभूत अपभ्रंश' को '[[अवहट्ट]]' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1126 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जॉर्ज ग्रियर्सन | -[[जॉर्ज ग्रियर्सन]] | ||
-भोलानाथ तिवारी | -भोलानाथ तिवारी | ||
+सुनीति कुमार चटर्जी तथा सुकुमार सेन | +[[सुनीति कुमार चटर्जी]] तथा [[सुकुमार सेन]] | ||
-उदयनारायण तिवारी | -उदयनारायण तिवारी | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी | {निम्नलिखित में से कौन-सी [[संस्कृत भाषा]] की [[अपभ्रंश]] है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-खड़ी बोली | -[[खड़ी बोली]] | ||
+पालि | +[[पालि भाषा|पालि]] | ||
-ब्रजभाषा | -[[ब्रजभाषा]] | ||
-अवधी | -[[अवधी भाषा|अवधी]] | ||
{निम्नांकित में से | {निम्नांकित में से नवीन विकसित ध्वनियाँ कौन-सी हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ख, ग | +ख, ग | ||
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-अपकिर्ति | -अपकिर्ति | ||
{निम्नांकित में से कौन-सा शब्द वृद्धि सन्धि का उदाहरण नहीं है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | {निम्नांकित में से कौन-सा [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] वृद्धि सन्धि का उदाहरण नहीं है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सदैव | -सदैव | ||
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-परमौदार्य | -परमौदार्य | ||
{आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो ग्रन्थ लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है-(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने '[[रीतिकाल]]' को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो [[ग्रन्थ]] लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है-(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रीतिकाव्य की भूमिका | -रीतिकाव्य की भूमिका | ||
पंक्ति 286: | पंक्ति 286: | ||
+हिन्दी साहित्य का इतिहास : भाग-2 | +हिन्दी साहित्य का इतिहास : भाग-2 | ||
{'चाँद का मुँह टेढ़ा है' नामक काव्य के रचयिता कौन हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-225 | {'चाँद का मुँह टेढ़ा है' नामक [[काव्य]] के रचयिता कौन हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-225 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | -[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | ||
-नरेश मेहता | -नरेश मेहता | ||
-गिरिजा कुमार माथुर | -गिरिजा कुमार माथुर | ||
+गजानन माधव 'मुक्तिबोध' | +[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] | ||
{'सुत्' शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस प्रत्यय का प्रयोग किया जायेगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | {'सुत्' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस [[प्रत्यय]] का प्रयोग किया जायेगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-ई | -ई | ||
पंक्ति 307: | पंक्ति 307: | ||
-तत्पुरुष | -तत्पुरुष | ||
{जॉर्ज ग्रियर्सन का इतिहास ग्रन्थ 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन कब हुआ था?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {[[जॉर्ज ग्रियर्सन]] का इतिहास [[ग्रन्थ]] 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन कब हुआ था?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1887 | -[[1887]] | ||
+1888 | +[[1888]] | ||
-1889 | -[[1889]] | ||
-1890 | -[[1890]] | ||
{'निशा निमंत्रण' के रचनाकार कौन थे?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | {'निशा निमंत्रण' के रचनाकार कौन थे?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+हरिवंशराय | +[[हरिवंशराय बच्चन]] | ||
-महादेवी वर्मा | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
-श्यामनारायण पाण्डेय | -[[श्यामनारायण पाण्डेय]] | ||
-जयशंकर प्रसाद | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द देशज है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] देशज है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अग्नि | -अग्नि | ||
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-खेत | -खेत | ||
{'खर' का पर्यायवाची निम्न में से कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-82 | {'खर' का [[पर्यायवाची शब्द|पर्यायवाची]] निम्न में से कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-82 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रावण | -[[रावण]] | ||
-कुंठित | -कुंठित | ||
+गधा | +गधा | ||
-मूर्ख | -मूर्ख | ||
{वर्ष 2008 निम्न में से किसकी जन्म शताब्दी है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | {[[वर्ष]] [[2008]] निम्न में से किसकी जन्म शताब्दी है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जयशंकर प्रसाद | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
-सुमित्रानन्दन पन्त | -[[सुमित्रानन्दन पन्त]] | ||
-प्रेमचन्द | -[[प्रेमचन्द]] | ||
+रामधारी सिंह 'दिनकर' | +[[रामधारी सिंह 'दिनकर']] | ||
{'हरिश्चंद्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रन्थ में किया है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {'हरिश्चंद्री हिन्दी' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का प्रयोग किस [[इतिहासकार]] ने अपने इतिहास ग्रन्थ में किया है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मिश्रबंधु | -मिश्रबंधु | ||
-शिवसिंह 'सेंगर' | -शिवसिंह 'सेंगर' | ||
+रामचन्द्र शुक्ल | +[[रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
-रामविलास शर्मा | -[[रामविलास शर्मा]] | ||
{अधिकांश भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | {अधिकांश भारतीय भाषाओं का विकास किस [[लिपि]] से हुआ है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-19) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-शारदा लिपि | -[[शारदा लिपि]] | ||
-खरोष्ठी लिपि | -[[खरोष्ठी लिपि]] | ||
-कुटिल लिपि | -कुटिल लिपि | ||
+ब्राह्मी लिपि | +[[ब्राह्मी लिपि]] | ||
{निम्नलिखित में से किसने प्रसिद्ध पत्रिका 'सरस्वती' का सम्पादन किया?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | {निम्नलिखित में से किसने प्रसिद्ध पत्रिका '[[सरस्वती (पत्रिका)|सरस्वती]]' का सम्पादन किया?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+महावीर प्रसाद द्विवेदी | +[[महावीर प्रसाद द्विवेदी]] | ||
- | -[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] | ||
-शांति प्रसाद द्विवेदी | -शांति प्रसाद द्विवेदी | ||
-भगवती प्रसाद द्विवेदी | -भगवती प्रसाद द्विवेदी | ||
पंक्ति 384: | पंक्ति 384: | ||
+दैत्यरि | +दैत्यरि | ||
{'स्पृश्य' शब्द को विलोमार्थक बनाने के लिए किस उपसर्ग का प्रयोग करेंगे?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | {'स्पृश्य' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को [[विलोम शब्द|विलोमार्थक]] बनाने के लिए किस [[उपसर्ग]] का प्रयोग करेंगे?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नि | -नि | ||
पंक्ति 391: | पंक्ति 391: | ||
-कु | -कु | ||
{'अनामदास का पोथा' नामक उपन्यास के रचयिता कौन हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-224 | {'अनामदास का पोथा' नामक [[उपन्यास]] के रचयिता कौन हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-224 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-माखनलाल चतुर्वेदी | -[[माखनलाल चतुर्वेदी]] | ||
-सोहनलाल द्विवेदी | -सोहनलाल द्विवेदी | ||
+हज़ारी प्रसाद द्विवेदी | +[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] | ||
-महावीर प्रसाद द्विवेदी | -[[महावीर प्रसाद द्विवेदी]] | ||
{'मुख-दर्शन' में कौन-सा समास है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-58 | {'मुख-दर्शन' में कौन-सा समास है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-58 | ||
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-कर्मधारय | -कर्मधारय | ||
{स्वतंत्र सत्ता धारण न करने वाले शब्द क्या कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | {स्वतंत्र सत्ता धारण न करने वाले [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] क्या कहलाते हैं?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-65 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रूढ़ | -रूढ़ | ||
पंक्ति 412: | पंक्ति 412: | ||
-उपरोक्त में से कोई नहीं | -उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{'निम्न में से कौन-सा 'अनन्त' का पर्यायवाची होगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-82 | {'निम्न में से कौन-सा 'अनन्त' का [[पर्यायवाची शब्द|पर्यायवाची]] होगा?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-82 | ||
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+निस्सीम | +निस्सीम | ||
-भगवान | -भगवान | ||
-शेषनाग | -[[शेषनाग]] | ||
-बन्धन | -बन्धन | ||
{आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
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-ग्रंथों की प्रसिद्धि | -[[ग्रंथ|ग्रंथों]] की प्रसिद्धि | ||
+ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि | +ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि | ||
-ग्रंथों की उपलब्धता | -ग्रंथों की उपलब्धता | ||
-रचनाकारों की संख्या | -रचनाकारों की संख्या | ||
{"जिस काल खण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है।" यह मान्यता निम्न में से किस इतिहासकार की है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | {"जिस काल खण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है।" यह मान्यता निम्न में से किस [[इतिहासकार]] की है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1127 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-डॉ. श्यामसुंदर दास | -[[श्यामसुंदर दास|डॉ. श्यामसुंदर दास]] | ||
+आचार्य रामचन्द्र शुक्ल | +[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
-डॉ. हज़ारीप्रसाद द्विवेदी | -[[हज़ारीप्रसाद द्विवेदी|डॉ. हज़ारीप्रसाद द्विवेदी]] | ||
-डॉ. रामविलास शर्मा | -[[डॉ. रामविलास शर्मा]] | ||
{वर्तमान हिन्दी का प्रचलित रूप कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-20) | {वर्तमान [[हिन्दी]] का प्रचलित रूप कौन-सा है?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-20) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अवधी | -[[अवधी]] | ||
-ब्रजभाषा | -[[ब्रजभाषा]] | ||
+खड़ी बोली | +[[खड़ी बोली]] | ||
-देवनागरी | -[[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] | ||
{'क़', 'ग़', 'ज़', 'फ़' ध्वनियाँ किस भाषा की हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | {'क़', 'ग़', 'ज़', 'फ़' ध्वनियाँ किस [[भाषा]] की हैं?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-23) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-संस्कृत | -[[संस्कृत]] | ||
+अरबी-फ़ारसी | +[[अरबी भाषा|अरबी]]-[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] | ||
-अंग्रेज़ी | -[[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] | ||
-दक्षिणी भाषाओं की | -दक्षिणी भाषाओं की | ||
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-तरून | -तरून | ||
{'पवित्र' में प्रयुक्त सन्धि का नाम है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | {'पवित्र' में प्रयुक्त [[सन्धि]] का नाम है-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-44 | ||
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-यण सन्धि | -यण सन्धि | ||
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-वृद्धि सन्धि | -वृद्धि सन्धि | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा भूषण का लक्षण ग्रन्थ है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[भूषण]] का लक्षण [[ग्रन्थ]] है?(प्रतियो.द.,जनवरी-2011,पृ.सं.-1128 | ||
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+शिवराज भूषण | +शिवराज भूषण | ||
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-छत्रसाल दशक | -छत्रसाल दशक | ||
{'प्रतिकूल | {'प्रतिकूल' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] में कौन-सा [[उपसर्ग]] प्रयुक्त हुआ है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-52 | ||
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-प्र | -प्र | ||
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+प्रति | +प्रति | ||
{कौन-सा शब्द बहुव्रीहि समास का सही उदाहरण है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-58 | {कौन-सा [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] बहुव्रीहि समास का सही उदाहरण है?(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-58 | ||
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-निशिदिन | -निशिदिन | ||
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-योगी | -योगी | ||
{निम्नलिखित में से बिहार के कवि हैं-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | {निम्नलिखित में से कौन [[बिहार]] के [[कवि]] हैं-(ल्युसेन्ट सा.हि.,पृ.सं-308 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जेनेन्द्र कुमार | -जेनेन्द्र कुमार | ||
-मुक्तिबोध | -[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध'|मुक्तिबोध]] | ||
+नागार्जुन | +[[नागार्जुन]] | ||
-अज्ञेय | -[[अज्ञेय]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
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12:35, 7 दिसम्बर 2013 का अवतरण
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