"विश्व डाक दिवस": अवतरणों में अंतर
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'''विश्व डाक दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Post Day'') प्रत्येक [[वर्ष]] [[9 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए ही हर वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें | '''विश्व डाक दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Post Day'') प्रत्येक [[वर्ष]] [[9 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए ही हर वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन सहज रूप से हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए [[9 अक्टूबर]], [[1874]] को जनरल पोस्टल यूनियन के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था। इसी वजह से बाद में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। यह संधि [[1 जुलाई]], [[1875]] को अस्तित्व में आई। [[1 अप्रैल]], [[1879]] को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम बदलकर यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) कर दिया गया। | सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन सहज रूप से हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए [[9 अक्टूबर]], [[1874]] को जनरल पोस्टल यूनियन के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था। इसी वजह से बाद में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। यह संधि [[1 जुलाई]], [[1875]] को अस्तित्व में आई। [[1 अप्रैल]], [[1879]] को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम बदलकर यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) कर दिया गया। | ||
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[[1 जुलाई]], [[1876]] को [[भारत]] यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना। सदस्यता लेने वाला भारत प्रथम [[एशिया|एशियाई]] देश था। भारत में डाक सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना [[1 अक्तूबर]], 1854 को [[लार्ड डलहौजी]] के काल में हुई। डाकघरों में बुनियादी डाक सेवाओं के अतिरिक्त बैंकिंग, वित्तीय व बीमा सेवाएं भी उपलब्ध हैं। एक तरफ जहां डाक-विभाग सार्वभौमिक सेवा दायित्व के तहत सब्सिडी आधारित विभिन्न डाक सेवाएं देता है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी, जनजातीय व दूरस्थ अंडमान व निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों में भी उसी दर पर डाक सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।<ref>{{cite web |url=http://days.jagranjunction.com/2012/10/09/world-post-day-2012-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%95-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8/ |title=कहीं खो तो नहीं जाएगा डाकिया |accessmonthday=11 जून |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref> | [[1 जुलाई]], [[1876]] को [[भारत]] यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना। सदस्यता लेने वाला भारत प्रथम [[एशिया|एशियाई]] देश था। भारत में डाक सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना [[1 अक्तूबर]], 1854 को [[लार्ड डलहौजी]] के काल में हुई। डाकघरों में बुनियादी डाक सेवाओं के अतिरिक्त बैंकिंग, वित्तीय व बीमा सेवाएं भी उपलब्ध हैं। एक तरफ जहां डाक-विभाग सार्वभौमिक सेवा दायित्व के तहत सब्सिडी आधारित विभिन्न डाक सेवाएं देता है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी, जनजातीय व दूरस्थ अंडमान व निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों में भी उसी दर पर डाक सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।<ref>{{cite web |url=http://days.jagranjunction.com/2012/10/09/world-post-day-2012-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%A1%E0%A4%BE%E0%A4%95-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8/ |title=कहीं खो तो नहीं जाएगा डाकिया |accessmonthday=11 जून |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref> | ||
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भारतीय डाक विभाग के अनुसार 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाने का उद्देश्य | भारतीय डाक विभाग के अनुसार 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाने का उद्देश्य आम जन को भारतीय डाक विभाग के योगदान से अवगत कराना है। सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाये जाते हैं। 10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को मेल दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस मनाया जाता है। सेविंग दिवस पर ग्राहकों को डाक बचत योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। ग्राहकों को बताया जाता है कि कौन सी बचत योजना लाभदायक है। डाक सप्ताह दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-story-0-0-195182.html |title=विश्व डाक दिवस समारोह |accessmonthday=11 जून |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=लाइव हिंदुस्तान |language=हिंदी }}</ref> | ||
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13:58, 16 अक्टूबर 2015 का अवतरण
विश्व डाक दिवस
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विवरण | यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए ही हर वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। |
शुरुआत | 9 अक्टूबर, 1874 |
उद्देश्य | ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। |
विश्व डाक सप्ताह | 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है। |
संबंधित लेख | डाक टिकट, डाक संचार, डाक सूचक संख्या, भारतीय दूरसंचार उद्योग |
अन्य जानकारी | विश्व डाक सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाये जाते हैं। 10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को मेल दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस मनाया जाता है। |
बाहरी कड़ियाँ | यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन |
विश्व डाक दिवस (अंग्रेज़ी: World Post Day) प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए ही हर वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।
इतिहास
सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन सहज रूप से हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए 9 अक्टूबर, 1874 को जनरल पोस्टल यूनियन के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था। इसी वजह से बाद में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। यह संधि 1 जुलाई, 1875 को अस्तित्व में आई। 1 अप्रैल, 1879 को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम बदलकर यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) कर दिया गया।
भारत में डाक सेवा
1 जुलाई, 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना। सदस्यता लेने वाला भारत प्रथम एशियाई देश था। भारत में डाक सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 1854 को लार्ड डलहौजी के काल में हुई। डाकघरों में बुनियादी डाक सेवाओं के अतिरिक्त बैंकिंग, वित्तीय व बीमा सेवाएं भी उपलब्ध हैं। एक तरफ जहां डाक-विभाग सार्वभौमिक सेवा दायित्व के तहत सब्सिडी आधारित विभिन्न डाक सेवाएं देता है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी, जनजातीय व दूरस्थ अंडमान व निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों में भी उसी दर पर डाक सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।[1]
राष्ट्रीय डाक सप्ताह
भारतीय डाक विभाग के अनुसार 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाने का उद्देश्य आम जन को भारतीय डाक विभाग के योगदान से अवगत कराना है। सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाये जाते हैं। 10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को मेल दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस मनाया जाता है। सेविंग दिवस पर ग्राहकों को डाक बचत योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। ग्राहकों को बताया जाता है कि कौन सी बचत योजना लाभदायक है। डाक सप्ताह दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कहीं खो तो नहीं जाएगा डाकिया (हिंदी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2013।
- ↑ विश्व डाक दिवस समारोह (हिंदी) लाइव हिंदुस्तान। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख