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[[चित्र:Vishwa-Hindi-Patrika-2015.jpg|right|100px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 17 मार्च 2016]]
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         साइबर दुनिया में हिन्दी कितनी और कैसी है यह किसी से छुपा नहीं है। इंटरनेट के सर्च इंजन स्थानीय भाषा को कितनी वरीयता दे रहे हैं और कितनी देनी चाहिए यह जानना आवश्यक है। इंटरनेट पर सर्च इंजनों की अपनी सीमाएँ हैं जिन्हें अधिक विकसित करना होगा। जैसे कि सामान्यत: लोग हिन्दी की सामग्री खोजने में भी रोमन याने अंग्रेज़ी की लिपि का प्रयोग करते हैं। ऐसा करने से अंग्रेज़ी की वेबसाइटें ही परिणाम में दिखाई देती हैं। जबकि होना यह चाहिए कि हिन्दी या भारत से संबंधित शब्द या वाक्य को खोजने पर सर्च इंजनों को परिणाम देने के साथ-साथ यह भी विकल्प दिखाना चाहिए कि प्रयोक्ता को किस भाषा में परिणाम चाहिए और इससे अच्छा यह रहेगा कि सभी भाषाओं का विकल्प भी दिया जाए … [[भारतकोश सम्पादकीय 17 मार्च 2016|पूरा पढ़ें]]
         इंटरनेट आज के समाज का पाँचवा स्तम्भ है। गुज़रे ज़माने में समाज पर असर डालने वाले माध्यमों में समाचार पत्रों, पुस्तकों और फ़िल्मों को ज़िम्मेदार समझा जाता रहा है लेकिन आज के समाज को प्रभावित करने में इंटरनेट की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। मोबाइल ‘नेटवर्क’ के लिए गली-मुहल्ले-देहात की भाषा में ‘नटवर’ शब्द लोकप्रिय है। हमारे घर में खाना बनाने वाली के पास दो स्मार्टफ़ोन हैं लेकिन उसका स्मार्टफ़ोन उसके नौकरी में उसका सहायक नहीं है। जिसका कारण है कि स्मार्टफ़ोन को मनोरंजन को वरीयता देकर बनाया गया है। होना यह चाहिए कि कंप्यूटर और स्मार्टफ़ोन प्रयोक्ता की ज़रूरत के हिसाब से बनाया जाए जिसमें कि वरीयता उसकी नौकरी या कामकाज हो… [[भारतकोश सम्पादकीय 17 मार्च 2016|पूरा पढ़ें]]
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14:57, 17 मार्च 2016 का अवतरण

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
हिन्दी के ई-संसार का संचार

        इंटरनेट आज के समाज का पाँचवा स्तम्भ है। गुज़रे ज़माने में समाज पर असर डालने वाले माध्यमों में समाचार पत्रों, पुस्तकों और फ़िल्मों को ज़िम्मेदार समझा जाता रहा है लेकिन आज के समाज को प्रभावित करने में इंटरनेट की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। मोबाइल ‘नेटवर्क’ के लिए गली-मुहल्ले-देहात की भाषा में ‘नटवर’ शब्द लोकप्रिय है। हमारे घर में खाना बनाने वाली के पास दो स्मार्टफ़ोन हैं लेकिन उसका स्मार्टफ़ोन उसके नौकरी में उसका सहायक नहीं है। जिसका कारण है कि स्मार्टफ़ोन को मनोरंजन को वरीयता देकर बनाया गया है। होना यह चाहिए कि कंप्यूटर और स्मार्टफ़ोन प्रयोक्ता की ज़रूरत के हिसाब से बनाया जाए जिसमें कि वरीयता उसकी नौकरी या कामकाज हो… पूरा पढ़ें

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