"प्रयोग:राधिका सोनी": अवतरणों में अंतर
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राधिका सोनी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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- मछुआरे | - मछुआरे | ||
{गुप्तकाल के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य कहा जा सकता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्तकाल के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य कहा जा सकता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न985) | ||
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- गुप्त के सोने के सर्वाधिक सिक्के जारी किए। | - गुप्त के सोने के सर्वाधिक सिक्के जारी किए। | ||
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+उपर्युक्त तीनों सत्य है। | +उपर्युक्त तीनों सत्य है। | ||
{श्रेणियों के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {श्रेणियों के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न986) | ||
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-श्रेणियों के अपने चिन्ह, पाताकायें एंव ध्वज थे। | -श्रेणियों के अपने चिन्ह, पाताकायें एंव ध्वज थे। | ||
पंक्ति 83: | पंक्ति 83: | ||
+ उपर्युक्त तीनों सत्य है। | + उपर्युक्त तीनों सत्य है। | ||
{निम्नलिखित में से किस शासक ने वीणा-वादन प्रकार की मुद्राएँ चलाईं-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {निम्नलिखित में से किस शासक ने वीणा-वादन प्रकार की मुद्राएँ चलाईं-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न987) | ||
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- चंद्रगुप्त | - चंद्रगुप्त | ||
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- रामगुप्त | - रामगुप्त | ||
{निम्नलिखित में से किस राज्य को रोम के साथ व्यापार का सर्वाधिक लाभ हुआ-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {निम्नलिखित में से किस राज्य को रोम के साथ व्यापार का सर्वाधिक लाभ हुआ-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न988) | ||
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+ सातवाहन | + सातवाहन | ||
पंक्ति 97: | पंक्ति 97: | ||
- कुषाण | - कुषाण | ||
{रेशम मार्ग की कुल तीन शाखाएँ थीं, निम्नलिखित में से कौन सत्य नही है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {रेशम मार्ग की कुल तीन शाखाएँ थीं, निम्नलिखित में से कौन सत्य नही है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न989) | ||
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- मर्व से फरात नदी से होकर रुम सागर तक का मार्ग। | - मर्व से फरात नदी से होकर रुम सागर तक का मार्ग। | ||
पंक्ति 104: | पंक्ति 104: | ||
+ शूपरिक से बारबेरिकम होकर जाने वाला मार्ग। | + शूपरिक से बारबेरिकम होकर जाने वाला मार्ग। | ||
{निम्नलिखित में से किसका साम्राज्य अंतर्राष्टीय था-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {निम्नलिखित में से किसका साम्राज्य अंतर्राष्टीय था-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न990) | ||
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+ कुषाण | + कुषाण | ||
पंक्ति 111: | पंक्ति 111: | ||
- इण्डोशिक | - इण्डोशिक | ||
{निम्नलिखित में से किनके द्वारा श्रेणियाँ अपने सदस्यों पर नियंत्रण रखती थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {निम्नलिखित में से किनके द्वारा श्रेणियाँ अपने सदस्यों पर नियंत्रण रखती थी-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 233प्रश्न991) | ||
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- शक्ति द्वारा | - शक्ति द्वारा | ||
पंक्ति 118: | पंक्ति 118: | ||
- महाश्रेष्ढी द्वारा | - महाश्रेष्ढी द्वारा | ||
{गुप्तोतर काल के बारे में क्या असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्तोतर काल के बारे में क्या असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1000) | ||
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- इस काल मे गाँव भी अपनी मुद्रा जारी करने लगे। | - इस काल मे गाँव भी अपनी मुद्रा जारी करने लगे। | ||
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+ राष्ट्र्कूटों ने सेनिकों को भूमि अनुदान नहीं दिया। | + राष्ट्र्कूटों ने सेनिकों को भूमि अनुदान नहीं दिया। | ||
{किस इतिहास ने गुत्तोतरकालीन सामाजिक आर्थिक संगढन एंव संरचना के लिये सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {किस इतिहास ने गुत्तोतरकालीन सामाजिक आर्थिक संगढन एंव संरचना के लिये सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1001) | ||
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- ए. एस. अल्तेकर | - ए. एस. अल्तेकर | ||
पंक्ति 132: | पंक्ति 132: | ||
- इनमे से कोई नही | - इनमे से कोई नही | ||
{गुप्त काल के 18 करो में वह प्रमुख कर कौन-सा था जो 16 से 25 प्रतिशत तक वसूला जाता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्त काल के 18 करो में वह प्रमुख कर कौन-सा था जो 16 से 25 प्रतिशत तक वसूला जाता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1002) | ||
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- भोग | - भोग | ||
पंक्ति 139: | पंक्ति 139: | ||
- प्रणय | - प्रणय | ||
{गुपप्तोत्तरकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त “ आभ्यान्तर सिद्ध” से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुपप्तोत्तरकालीन ग्रंथो में प्रयुक्त “ आभ्यान्तर सिद्ध” से ध्वनित होता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1004) | ||
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+ फौजदारी एंव दीवनी मामले | + फौजदारी एंव दीवनी मामले | ||
पंक्ति 146: | पंक्ति 146: | ||
- इनमे से कोई नहीं | - इनमे से कोई नहीं | ||
{निम्नलिखित ग्रंथो में से किसके गुप्तोत्तरकालिन भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नही पड़्त-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {निम्नलिखित ग्रंथो में से किसके गुप्तोत्तरकालिन भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नही पड़्त-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1005) | ||
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- हर्षचरित | - हर्षचरित | ||
पंक्ति 153: | पंक्ति 153: | ||
+ काव्यादर्श | + काव्यादर्श | ||
{गुप्त्कालीन भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्त्कालीन भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1006) | ||
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- गुप्त्काल मे भूमि ‘हस्ते’ से नापी जाती थी। | - गुप्त्काल मे भूमि ‘हस्ते’ से नापी जाती थी। | ||
पंक्ति 160: | पंक्ति 160: | ||
+ उपयुक्त तीनों सत्य हैं | + उपयुक्त तीनों सत्य हैं | ||
{गुप्तोत्तरकालीन करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्तोत्तरकालीन करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1007) | ||
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- परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रुप मे लिखा जाता था। | - परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रुप मे लिखा जाता था। | ||
पंक्ति 167: | पंक्ति 167: | ||
+ हलिराकर हलवाइयों पर लगने वाला कर था। | + हलिराकर हलवाइयों पर लगने वाला कर था। | ||
{गुप्त काल में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागत स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. | {गुप्त काल में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागत स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है-(यू.जी.सी. इतिहास पृष्ठ. 234प्रश्न1008) | ||
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+ भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम। | + भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम। |
06:36, 1 सितम्बर 2016 का अवतरण
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