"मुअन जो दड़ो": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:King-priest-mohenjo-daro.jpg|thumb|150px|प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.]] | [[चित्र:King-priest-mohenjo-daro.jpg|thumb|150px|प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.]] | ||
*मोहन जोदड़ो, जिसका कि अर्थ मुर्दो का टीला है 2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। | *मोहन जोदड़ो, जिसका कि अर्थ मुर्दो का टीला है 2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। | ||
*[[हड़प्पा]], मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में मोहन जोदड़ो में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया। | *[[हड़प्पा]], मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में मोहन जोदड़ो में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया। | ||
*यहाँ [[मिस्र]] और [[मैसोपोटामिया]] जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। | *यहाँ [[मिस्र]] और [[मैसोपोटामिया]] जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। | ||
*इसकी खोज 1922 में रखालदास बद्योपाध्याय द्वारा की गई। वर्तमान में यह [[पाकिस्तान]] के सिन्ध प्रान्त में स्थित है। | *इसकी खोज [[1922]] में रखालदास बद्योपाध्याय द्वारा की गई। वर्तमान में यह [[पाकिस्तान]] के सिन्ध प्रान्त में स्थित है। | ||
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11:33, 26 अगस्त 2010 का अवतरण

- मोहन जोदड़ो, जिसका कि अर्थ मुर्दो का टीला है 2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी।
- हड़प्पा, मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में मोहन जोदड़ो में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया।
- यहाँ मिस्र और मैसोपोटामिया जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है।
- इसकी खोज 1922 में रखालदास बद्योपाध्याय द्वारा की गई। वर्तमान में यह पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में स्थित है।
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