"लार्ड लैन्सडाउन": अवतरणों में अंतर
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06:38, 28 अगस्त 2010 का अवतरण
साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का लैन्सडाउन 1888 ई0 में डफ़रिन के बाद भारत का वायसराय बना। उसके समय में सर ड्यूरण्ड को अफ़ग़ानिस्तान भेजा गया, जिनके प्रयास से भारत और अफ़ग़ानिस्तान के मध्य सीमा का निर्धारण हुआ, जिसे डुरण्ड लाइन के नाम से जाना जाता है। मणिपुर में हुए विद्रोह को शान्त करने का श्रेय लैन्सडाउन को दिया जाता है। लैन्सडाउन के समय 1891 ई0 में दूसरी फैक्ट्री एक्ट लाया गया। इससे स्त्रियों को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया। 1892 ई0 में इंडियन कौंसिल एक्ट पास किया गया। एक्ट के अन्तर्गत केन्द्रीय व प्रान्तीय कौंसिल में भारतीयों की संख्या में वृद्धि की गई और इसके साथ ही कौंसिल के सदस्यों को अब बजट पर बहस करने का अधिकार दे दिया गया।
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