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{किस महान [[कवि]] तथा [[उपन्यासकार]] को '''भारत का एलेक्जेंडर ड्यूमा''' कहा जाता है?
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-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
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+[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
+[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
-इनमें से कोई नहीं
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||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg |border|right|100px|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' 19वीं [[शताब्दी]] के [[बंगाल]] के प्रकाण्ड विद्वान, महान [[कवि]] और [[उपन्यासकार]] थे। [[1874]] में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत '[[वन्देमातरम्]]' की रचना उन्होंने की थी। उनकी लेखनी से बंगला साहित्य तो समृद्ध हुआ ही, [[हिन्दी]] भी अपकृत हुई है। [[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]] ऐतिहासिक [[उपन्यास]] लिखने में सिद्धहस्त थे। वे "भारत के एलेक्जेंडर ड्यूमा" माने जाते हैं। उन्होने [[1865]] में अपना पहला उपन्यास 'दुर्गेश नन्दिनी' लिखा था। राष्‍ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' के रचयिता बंकिमचन्द्र का नाम [[इतिहास]] में युगों-युगों तक अमर रहेगा, क्योंकि यह गीत उनकी एक ऐसी कृति है जो आज भी प्रत्येक भारतीय के हृदय को आन्दोलित करने की क्षमता रखती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg |border|right|100px|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' 19वीं [[शताब्दी]] के [[बंगाल]] के प्रकाण्ड विद्वान, महान् [[कवि]] और [[उपन्यासकार]] थे। [[1874]] में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत '[[वन्देमातरम्]]' की रचना उन्होंने की थी। उनकी लेखनी से बंगला साहित्य तो समृद्ध हुआ ही, [[हिन्दी]] भी अपकृत हुई है। [[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]] ऐतिहासिक [[उपन्यास]] लिखने में सिद्धहस्त थे। वे "भारत के एलेक्जेंडर ड्यूमा" माने जाते हैं। उन्होने [[1865]] में अपना पहला उपन्यास 'दुर्गेश नन्दिनी' लिखा था। राष्‍ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' के रचयिता बंकिमचन्द्र का नाम [[इतिहास]] में युगों-युगों तक अमर रहेगा, क्योंकि यह गीत उनकी एक ऐसी कृति है जो आज भी प्रत्येक भारतीय के हृदय को आन्दोलित करने की क्षमता रखती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
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14:04, 30 जून 2017 के समय का अवतरण