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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'ऑप्टिकल मिक्सचर' किस आंदोलन से संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-24 | | {'संचारी भाव' का संबंध किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-11 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[प्रभाववाद]] | | -सौन्दर्य |
| -[[यथार्थवाद]] | | +[[रस]] |
| -बिंदुवाद | | -शिल्पशास्त्र |
| -प्रतीकवाद
| | -अभिव्यक्ति |
| ||'ऑप्टिकल मिक्सचर' प्रभाववादी कला आंदोलन से संबंधित है। इसमें एक जीवंत सतह तैयार करते हुए, [[रंग|रंगों]] को यथासंभव कम मिश्रित करते हुए पास-पास लगाया जाता है। रंगों का [[दृश्य]] मिश्रण दर्शकों की आंखों में होता है। | | ||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से [[रस]] की निष्पत्ति होती है। |
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| {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफ़ाओं]] में 'एक हजार बुद्ध' किस संख्या की गुफ़ा में चित्रित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-19 | | {'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -19 | | -लियोनार्दो द विंची |
| -27 | | -बोत्तिचेल्ली |
| +2 | | +माइकेल एंजेलो |
| -18 | | -रेन्वा |
| ||[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफ़ा]] संख्या 2 में 'एक हजार बुद्ध' का चित्र है। चट्टानों को काटकर बनाए गए बौद्ध गुफ़ा मंदिर व मठ, अजंता गाँव के समीप, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र, पश्चिमी भारत में स्थित है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफ़ाओं]] | | ||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार माइकल एंजेलो द्वारा चित्रित एक भित्ति चित्र है। 'द लास्ट जजमेंट का चित्र सिस्टीन चैपेल (वेटिकन सिटी) की छत पर चित्रित किया गया है। |
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| {महाराजा संसारचंद एक चित्र शैली के प्रमुख पोषक उन्नायक रहे, वह शैली है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-13 | | {आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[गुलेरी चित्रकला|गुलेर]]
| | +ज्योत्तो |
| +[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]] | | -बॉरदे |
| -कोटा
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| -[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]]
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| ||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में [[पहाड़ी चित्रकला]] शैली को संरक्षण प्रदान किया। [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्रकला प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा संगीत के मर्मज्ञ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे।
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| {'द स्कूल ऑफ़ एथेंस' के [[चित्रकार]] हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-31
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| |type="()"}
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| -रेम्ब्रां
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| -मंच | |
| -टिशियन | | -टिशियन |
| +राफेल
| | -लियोनार्दो द विंची |
| ||पुनरुत्थानवादी [[चित्रकार]] (इटालियन) राफेल सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि। | | ||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो की उत्तम कला-कौशल के ज्वलंत दृष्टांत हैं। |
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| {माने के चित्र 'ओलम्पिया' में स्त्री की लेटी हुई आकृति किसकी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-34
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| |type="()"}
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| -राजकुमारी
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| +वेश्या
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| -चित्रकार की पत्नी
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| -सामंती औरत
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| ||एडवर्ड माने द्वारा चित्रित 'ओलम्पिया-1863' में वेश्या का चित्रांकन किया गया है।
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| {रेमंड डयुशॉ विलों की 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति किससे बनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-37 | | {कौन प्रसिद्ध महिला प्रभाववादी कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-21 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -स्टील | | -एडवर्ड ली |
| +कांसा | | +मैरी कैसेट |
| -ग्रेनाइट | | -कैसेट मूर |
| -मार्बल | | -ब्रुक शियेल्ड |
| ||रेमंड डयुशॉ विलों की 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति कांसा से बनी है। इन्होंने 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति वर्ष [[1914]] में बनाई थी। रेमंड डयुशॉ आधुनिक कलाकारों में से एक थे जिन्होंने [[मूर्तिकला]] में क्यूबिज्म सिद्धांत को लागू किया। 'द लार्ज हार्स' या 'हार्स' नामक मूर्ति उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति है, जिसे फिलाडेल्फिया म्यूजियम आर्ट में रखा गया है। इन्होंने स्टोन [[मूर्तिकला]] तथा ब्रांज मूर्तिकला दोनों पर अपनी मजबूत क्षमता प्रदर्शित की। | | ||मैरी कैसेट प्रमुख प्रभाववादी 'डेगा' की शिष्या थीं, जिसे 'डेगा' ने [[1879]] ई. की प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इस प्रदर्शनी में मैरी कैसेट ने अपने हिस्से की राशि से 'रेंवार' व 'डेगा' का एक चित्र खरीदा। |
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| {प्रगतिवादी समूह के कलाकार गायतोंडें किस रूप में जाने जाते थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-47 | | {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफाएं]] कब प्रकाश में आईं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-14 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +पेंटर
| | -1818 |
| -प्रिंट मेकर | | -1816 |
| -[[मूर्तिकार]] | | +1819 |
| -धातु ढलाईकार
| | -1800 |
| ||प्रगतिवादी समूह के कलाकार 'गायतोंडें' (जो बाद में 'बॉम्बे ग्रुप' नामक नए समूह से जुड़ गए थे) एक पेंटर के रूप में जाने जाते थे। इन्होंने वस्तु- जनित संयोजन और श्रेष्ठ पोत का निर्माण किया।
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| {सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ण कौन से हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-14
| | ||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता की गुफ़ा]] तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण 'रॉयल सोसाइटी लंदन' को भेजा। |
| |type="()"} | |
| -[[पीला रंग|पीला]]-[[नारंगी रंग|नारंगी]]
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| +[[लाल रंग|लाल]]-[[हरा रंग|हरा]]
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| -[[सफेद रंग|सफेद]]-[[काला रंग|काला]]
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| -[[लाल रंग|लाल]]-[[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]]
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| ||सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ण हैं- [[लाल रंग|लाल]]-[[हरा रंग|हरा]], सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ण प्रकृति में पाए जाते हैं जो देखने में काफी सुखद महसूस होते हैं। रंग चक्र में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में रहने वाले रंग पूरक रंग कहलाते हैं। जैसे- [[लाल रंग|लाल]] और [[हरा रंग|हरा]]।
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| {दो बिन्दुओं के मध्य की दूरी को क्या कहते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-53
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| |type="()"}
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| -आकार
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| -संयोजन
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| +रेखा
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| -लय
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| ||दो बिंदुओं के मध्य की दूरी की 'रेखा' कहते है यानि रेखा दो बिंदुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी है, जो बहुत सूक्ष्म होती है तथा गति का दिशा-निर्देश करती है।
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| {पेस्टल [[रंग|रंगों]] के लिए उपयुक्त [[काग़ज़]] क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-54
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| |type="()"}
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| -चिकना सफ़ेद
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| -मोटा हस्त निर्मित
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| +भूरा खुरदुरा
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| -टेक्स्चर्ड काग़ज़
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| ||पेस्टल चित्रण हेतु खुरदुरा व कड़ा धरातल अधिक उपयुक्त होता है। प्राय: विभिन्न घूमिल रंगतों की चित्रभूमि पर पेस्टल रंगों से चित्रण किया जाता है।
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| {[[जामिनी राय]] का जन्म कब हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-71
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| |type="()"}
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| +1887 में
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| -1897 में
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| -1877 में
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| -1880 में
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| ||[[जामिनी राय]] एक भारतीय [[चित्रकार]] हैं। वे [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] के शिष्य थे। इनका जन्म [[11 अप्रैल]], [[1887]] को पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिले के बेलियातोर ग्राम में हुआ था। [[24 अप्रैल]], [[1972]] को इनकी मृत्यु हुई। उन्हें वर्ष [[1954]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया।
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| {प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के [[चित्रकार]] हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-44 | | {संसारचंद के चित्र किस शैली में बने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-10 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -दिनकर कौशिक | | -मुग़ल |
| -अर्पणा कौर | | -राजस्थानी |
| +जॉर्ज सोरा | | +पहाड़ी |
| -[[अंजलि इला मेनन]] | | -कंपनी |
| ||प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के चित्रकार जॉर्ज सोरा हैं। नवप्रभाववाद के प्रणेता सोरा ने तैल रंगों से लगभग 250 अध्ययन-चित्र बनाए। सोरा की [[कला]] की तुलना दक्ष गृहिणी के गृहकार्य से की जा सकती है। सूत्र रूप में सोरा की शैली के तीन प्रमुख पहलू हैं-नैसर्गिक, आकारों का सरलीकृत, ज्यामितीय तथा मूल रंगों का समाकार बिंदुओं में रंगांकन। | | ||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) ने पहाड़ी चित्रकला शैली को संरक्षण प्रदान किया। कांगड़ा शैली (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा सगीत के मर्मज्ञ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे। |
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| {[[वात्स्यायन]] के 'कामसूत्र' में कितनी कलाओं का उल्लेख है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-27 | | {'एगनी एंड एक्सटेसी' फ़िल्म किस [[चित्रकार]] की कहानी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-28 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +चौंसठ
| | -विन्सेंट वान गॉग |
| -साठ | | -पाल सेजां |
| -बहत्तर
| | +माइकल एंजिलो |
| -सत्तर | | -[[एम.एफ. हुसैन]] |
| ||'कामसूत्र' [[वात्स्यायन]] द्वारा लिखा गया [[भारत]] का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। | | ||'एगनी एंड इक्सटेसी' फ़िल्म वर्ष [[1965]] में करोल रीड ने निर्देशित की थी। यह चित्रकार माइकेल एंजिलो के जीवन पर निर्देशित की गई थी। |
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| {निम्नलिखित में से कौन [[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-97 | | {'जार्ज भूर का व्यक्ति चित्र' किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-31 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +समकालीन कला | | -क्लॉड मोने |
| -कथ्यरूप
| | +एडुवर्ड माने |
| -हंस | | -डेगा |
| -आजकल | | -बेकमैन |
| ||[[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन 'समकालीन कला' है जिसका प्रकाशन वर्ष [[1982]] में शुरू हुआ। | | ||[[1879]] ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले रंगों का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला शैली विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं- 'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'। |
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| {चित्र में प्राण आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-46 | | {'गोएर्निका' चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-34 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -रंग से | | -ब्राक |
| -रेखा से | | +पिकासो |
| -लय से | | -आग्युस्ट माक |
| +उक्त सभी से
| | -सेजां |
| ||चित्र में प्राण प्रवाह रंग, रेखा और लय के संयोजन से होता है, सतत आंतरिक एकीकरण में ही चित्र भावपूर्ण होता है और लय चित्र का प्राण ही नहीं बल्कि उसके आकार और आलेखन आदि की अंतिम अवस्था भी होती है। | | ||गोएर्निका का चित्र पाब्लो पिकासो द्वारा चित्रित एक तैल चित्र है जो युद्ध की त्रासदी तथा उसके द्वारा व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है। यह चित्र वर्ष [[1937]] में [[स्पेन]] के गृह युद्ध के समय बनाया गया था। वर्तमान में यह मैड्रिड के 'रेने सोफिया संग्रहालय' में सुरक्षित है। |
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| {'मोनालिसा' चित्र किसने बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-41 | | {प्रगतिवादी समूह का कौन [[चित्रकार]] पेरिस में बस गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-44 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -राफेल | | -आरा |
| -मोने | | -गायतोंडे |
| +[[लियोनार्डो दा विंची]] | | +रज़ा |
| -फ्रा-फिल्लिप्पो-लिप्पी | | -सूजा |
| ||मोनालिया इटैलियन चित्रकार [[लियोनार्डो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है। | | ||भारतीय चित्रकार तथा 'पैग' के सदस्य [[सैयद हैदर रज़ा]] फ्रांसीसी सरकार से उच्च पुरस्कार मिलने के बाद [[वर्ष]] [[1950]] में पेरिस में बस गए। [[एस.एच. रज़ा]] ने फ्रेंच चित्रकार निकोल दस्ताल के समान विस्तृत क्षेत्रों पर चित्रण, चाकू से मूल रंगों का प्रयोग करके, मोटी परतों की चौड़ी धज्जियों में दृश्य चित्र बनाएं। |
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| {सूर्यमुखी चित्रित किया है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-54 | | {कौन-सा रंग ठंडा होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-11 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -पिकासो ने | | -पीला |
| +वान गॉग ने
| | -लाल |
| -गॉगिन ने | | -काला |
| -राफेल ने
| | +नीला |
| ||'[[सूरजमुखी]] के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रखा हुआ है। | | ||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ वर्ण गरम और शीतल माने जाते हैं। लाल और नारंगी वर्ण उष्ण (गर्म) हैं, नीला एवं हरा वर्ण शीतल (ठंडा)। पीला एवं बैंगनी न उष्ण हैं, न शीतल। |
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| {'3 मई' किस [[चित्रकार]] की रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-75 | | {एक पूर्ण चित्र में कितने ग्राउंड (सतह) हो सकता हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-50 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +गोया | | -एक |
| -पिकासो
| | +तीन |
| -मोने | | -पांच |
| -कूर्बे | | -अनगिनत |
| ||'3 मई' चित्र के [[चित्रकार]] गोया हैं। इनका चित्र '2 मई' भी प्रसिद्ध है। युद्ध के विषय पर उन्होंने 'युद्ध के दृष्परिणाम' नाम से कुछ तैल चित्र भी बनाए जिनमें से 'दो मई' एवं 'तीन मई' विशेष प्रसिद्ध हैं और वे उनके समाजवादी चित्रण की स्फोटकता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। | | ||एक पूर्ण चित्र में तीन ग्राउंड (सतह) हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं- अग्रभूमि, मध्यभूमि, तथा पृष्ठभूमि परिदृश्य चित्रों में पूर्ण चित्र वास्तव में इन तीन सतहों से ही निर्मित होता है। |
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| {पॉल सेजां किस कला आंदोलन के अंतर्गत आते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-67 | | {खनिज रंग में बाइंडर मिला होता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-51 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[प्रभाववाद]] | | -अलसी का तेल |
| -उत्तरप्रभाववाद | | -तारपीन का तेल |
| +नवप्रभाववाद | | +प्राकृतिक ग्लू |
| -स्वच्छंदवाद | | -कोई नहीं |
| ||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। चित्रकार सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार प्रभाववाद से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए। | | ||[[खनिज]] रंग में प्राकृतिक ग्लू का बाइंडर मिला होता है। प्राकृतिक ग्लू (गोंद) का प्रयोग पेंटिंगों को आपस में जोड़ने के लिए प्रतिवर्ती रंगों को बनाने के लिए किया जाता है। |
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