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-चीन के साथ संधि | -चीन के साथ संधि | ||
-पूर्वी यूरोप का सैन्यीकरण | -पूर्वी यूरोप का सैन्यीकरण | ||
||सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने 'पेरेस्त्रोइका' (पुनर्निमाण) और 'ग्लासनोस्त' (खुलापन) नामक कार्यक्रमों को प्रारंभ किया। पेरेस्त्रोइका के द्वारा गोर्बाचोव आर्थिक विकास को तेज करके आर्थिक पुननिर्माण चाहते थे। | ||[[सोवियत संघ]] के [[राष्ट्रपति]] मिखाइल गोर्बाचोव ने 'पेरेस्त्रोइका' (पुनर्निमाण) और 'ग्लासनोस्त' (खुलापन) नामक कार्यक्रमों को प्रारंभ किया। पेरेस्त्रोइका के द्वारा गोर्बाचोव आर्थिक विकास को तेज करके आर्थिक पुननिर्माण चाहते थे। ग्लासनॉस्त, पेरेस्त्रोइका का सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में विस्तार था। | ||
{राष्ट्र संघ की स्थापना निम्नांकित में से किस वर्ष हुई थी? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-19 | {राष्ट्र संघ की स्थापना निम्नांकित में से किस वर्ष हुई थी? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-19 | ||
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-1919 | -1919 | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||अमेरिकी राष्ट्रपति विल्सन की प्रेरणा से वर्ष 1920 में एक राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशंस) की स्थापना की गई जिससे भविष्य में | ||अमेरिकी [[राष्ट्रपति]] विल्सन की प्रेरणा से वर्ष 1920 में एक राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशंस) की स्थापना की गई जिससे भविष्य में युद्धों को रोका जा सके। | ||
{जीवन, स्वतंत्रता एवं सुखानुसरण तथ्य है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-195,प्रश्न-19 | {जीवन, स्वतंत्रता एवं सुखानुसरण तथ्य है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-195,प्रश्न-19 | ||
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||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया। | ||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया। | ||
{मैकाइवर के | {मैकाइवर के अनुसार राज्य को निम्न में से कौन से संबंधित कार्य नहीं करने चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-40 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+साहित्य एवं कला पर नियंत्रण | +[[साहित्य]] एवं [[कला]] पर नियंत्रण | ||
-पुस्तकालयों की व्यवस्था | -पुस्तकालयों की व्यवस्था | ||
-कानून व्यवस्था का प्रबंध | -कानून व्यवस्था का प्रबंध | ||
-प्राकृतिक संसाधनों का शोषण | -प्राकृतिक संसाधनों का शोषण | ||
||मैकाइवर ने अपनी पुस्तक 'द वेब ऑफ़ गवर्नमेंट' | ||मैकाइवर ने अपनी पुस्तक 'द वेब ऑफ़ गवर्नमेंट' में लिखा है कि राज्य को [[कला]], [[साहित्य]], [[संस्कृति]] व [[धर्म]] के क्षेत्र में नियंत्रण संबंधी कार्य नहीं करने चाहिए। मैकाइवर सेवाधर्मी राज्य का समर्थक था, उसने यह विश्वास प्रकट किया कि जब तक आधुनिक राज्य की लोकतंत्रीय व्यवस्था को अक्षुण्ण जाता है तब तक पूंजीवाद की बुराइयों से डरने की आवश्यकता नहीं है। | ||
{किस राजनीतिक विचारक ने 'राजनीतिक संप्रभुता' की अवधारणा सर्वप्रथम प्रस्तुत की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-16 | {किस राजनीतिक विचारक ने 'राजनीतिक संप्रभुता' की अवधारणा सर्वप्रथम प्रस्तुत की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-16 |
11:52, 9 जनवरी 2018 का अवतरण
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