"बरगद": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " भारत " to " भारत ") |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
[[चित्र:Banyan-Tree-Kolkata.jpg|बरगद का पेड़, कोलकाता <br />Banyan Tree, Kolkata|thumb|left|250px]] | [[चित्र:Banyan-Tree-Kolkata.jpg|बरगद का पेड़, कोलकाता <br />Banyan Tree, Kolkata|thumb|left|250px]] | ||
*जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना जाता है। | *जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना जाता है। | ||
*बरगद का वृक्ष भारत के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्य अंग है। | *बरगद का वृक्ष [[भारत]] के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्य अंग है। | ||
*अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है। | *अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है। | ||
09:38, 20 सितम्बर 2010 का अवतरण

Banyan Tree
बरगद / राष्ट्रीय वृक्ष
- भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है।
- इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।
- बरगद के वृक्ष की शाखाएं और जड़ें एक बड़े हिस्से में एक नए पेड़ के समान लगने लगती हैं।

Banyan Tree, Kolkata
- जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना जाता है।
- बरगद का वृक्ष भारत के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्य अंग है।
- अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है।
|
|
|
|
|
_ |
संबंधित लेख |