"मंगोल": अवतरणों में अंतर

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*'''मंगोल''', छोटी आँख, पीली चमड़ी वाली एक जाती, जिसके दाढ़ी-मूँछ नहीं होती।
*'''मंगोल''', छोटी आँख, पीली चमड़ी वाली एक जाती, जिसके दाढ़ी-मूँछ बहुत कम होती है।
*मंगोलों के कई समूह विविध समयों में [[भारत]] में आये और उनमें से कुछ यहीं पर बस गए।
*मंगोलों के कई समूह विविध समयों में [[भारत]] में आये और उनमें से कुछ यहीं पर बस गए।
*[[चंगेज़ ख़ाँ]], जिसके भारत पर आक्रमण करने का ख़तरा 1211 ई. में उत्पन्न हो गया था, मंगोल था।
*[[चंगेज़ ख़ाँ]], जिसके भारत पर आक्रमण करने का ख़तरा 1211 ई. में उत्पन्न हो गया था, वह एक मंगोल था।
*इसी प्रकार से [[तैमूर]] भी, जिसने भारत पर 1398 ई. में हमला किया, मंगोल था।
*इसी प्रकार से [[तैमूर]] भी, जिसने भारत पर 1398 ई. में हमला किया, वह भी एक मंगोल था।
*परन्तु चंगेज ख़ाँ और उसके अनुयायी मुसलमान नहीं थे, तैमूर और उसके अनुयायी मुसलमान हो गए थे।
*चंगेज ख़ाँ और उसके अनुयायी मुसलमान नहीं थे, किन्तु तैमूर और उसके अनुयायी मुसलमान हो गए थे।
*मंगोल लोग ही मुसलमान बनने के बाद '[[मुग़ल]]' कहलाने लगे।
*'''मंगोल लोग ही मुसलमान बनने के बाद '[[मुग़ल]]' कहलाने लगे।'''
*1211 ई. में चंगेज ख़ाँ तो सिन्ध नदी से वापस लौट गया, किन्तु उसके बाद मंगोलों ने और कई आक्रमण किए।
*1211 ई. में चंगेज ख़ाँ तो सिन्ध नदी से वापस लौट गया, किन्तु उसके बाद मंगोलों ने और कई आक्रमण किए।
*[[दिल्ली]] के [[बलबन]] और [[अलाउद्दीन खिलजी]] जैसे शक्तिशाली सुल्तानों को भी मंगोलों का आक्रमण रोकने में एड़ी-चोट का पसीना एक कर देना पड़ा।
*[[दिल्ली]] के [[बलबन]] और [[अलाउद्दीन खिलजी]] जैसे शक्तिशाली सुल्तानों को भी मंगोलों का आक्रमण रोकने में एड़ी-चोट का पसीना एक कर देना पड़ा।

04:02, 10 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • मंगोल, छोटी आँख, पीली चमड़ी वाली एक जाती, जिसके दाढ़ी-मूँछ बहुत कम होती है।
  • मंगोलों के कई समूह विविध समयों में भारत में आये और उनमें से कुछ यहीं पर बस गए।
  • चंगेज़ ख़ाँ, जिसके भारत पर आक्रमण करने का ख़तरा 1211 ई. में उत्पन्न हो गया था, वह एक मंगोल था।
  • इसी प्रकार से तैमूर भी, जिसने भारत पर 1398 ई. में हमला किया, वह भी एक मंगोल था।
  • चंगेज ख़ाँ और उसके अनुयायी मुसलमान नहीं थे, किन्तु तैमूर और उसके अनुयायी मुसलमान हो गए थे।
  • मंगोल लोग ही मुसलमान बनने के बाद 'मुग़ल' कहलाने लगे।
  • 1211 ई. में चंगेज ख़ाँ तो सिन्ध नदी से वापस लौट गया, किन्तु उसके बाद मंगोलों ने और कई आक्रमण किए।
  • दिल्ली के बलबन और अलाउद्दीन खिलजी जैसे शक्तिशाली सुल्तानों को भी मंगोलों का आक्रमण रोकने में एड़ी-चोट का पसीना एक कर देना पड़ा।
  • 1398 ई. में तैमूर के हमले ने दिल्ली की सल्तनत की नींवें हिला दीं और मुग़ल वंश की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया, जिसने अठारहवीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन की स्थापना होने तक इस देश में राज्य किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-342