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साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

लक्ष्य और साधना
        जब सब ध्यानमग्न हो गए तो स्वामी जी ने एक पास में रखा हुआ डंडा उठाया और एक डंडा उस नौजवान संन्यासी की पीठ पर मारा, जब उसने आँखें खोली तो दो-तीन डण्डे और जमा दिए। वह एकदम उत्तेजित और परेशान हो गया। उसके साथ में जो तीन-चार लोग थे, वह भी एकदम से चौंक गए। वो खड़े हुए और कहने लगे-
"ये आप क्या रहे हैं ? आपने इस तरह से क्यों पीटना शुरू कर दिया ? पूरा पढ़ें

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