आज का दिन - 18 जून 2025
राष्ट्रीय शाके 1947, 28 गते 04, आषाढ़ , बुधवार
विक्रम सम्वत् 2082, आषाढ़ , कृष्ण पक्ष , सप्तमी , बुधवार , पूर्वाभाद्रपद
इस्लामी हिजरी 1446, 21, ज़िलहिज्ज , बुध, सऊद
दादा धर्माधिकारी (जन्म) , अनुग्रह नारायण सिंह (जन्म) , के एस सुदर्शन (जन्म) , होमी मोतीवाला (जन्म) , सी. विजय राघवा चारियर (जन्म) , अली अकबर ख़ाँ (मृत्यु) , मिलखा सिंह (मृत्यु) , नसीम बानो (मृत्यु) , सेठ गोविन्द दास (मृत्यु) , युधवीर सिंह (मृत्यु) , गोवा क्रान्ति दिवस
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विशेष आलेख
वाराणसी
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
एक पर्यटन स्थल
खजुराहो
खजुराहो मंदिर
भारत में, ताजमहल के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम खर्जुरवाहक है।
खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई मालूम होती हैं।
खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्चिम मध्य प्रदेश में स्थित है। .... और पढ़ें
मनुष्य में तीनों चीज़ें वास करती हैं- मनुष्यता, पशुता और दिव्यता। -शिवानंद (दिव्योपदेश 2।26)
जीवन स्वयं में न तो अच्छा होता है, न बुरा। जैसा तुम इसे बना दो, यह तो वैसा ही अच्छा या बुरा बन जाता है। -मांतेन (निबंध) .... और पढ़ें
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
भारत कोश हलचल
समाचार
एक व्यक्तित्व
सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत के राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी , सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था। श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और वरदासुन्दरी की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं । वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी , हिन्दी , बांग्ला या गुजराती भाषा में देती थीं।
13 वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने 1300 पदों की 'झील की रानी' नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेज़ी भाषा पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
सरोजिनी नायडू को विशेषत: 'भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
2 मार्च सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर थीं। .... और पढ़ें