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भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
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अहम का वहम

              कहते हैं कि बादशाह अकबर वृन्दावन में स्वामी हरिदास के दर्शन करने संगीत सम्राट तानसेन के साथ आया था। स्वामी जी के मुख से यमुना की महिमा सुनकर अकबर की इच्छा यमुना पूजन करने की हुई। सभी पंडे पुजारी जानते थे कि जो भी अकबर को यमुना पूजन करवाएगा उसे अकबर बहुत बड़ा इनाम देगा। सभी में होड़ लगी थी कि कौन कराएगा पूजन ! ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख यमलोक में एक निर्भय अमानत 'दामिनी' · उसके सुख का दु:ख