आकाशगंगा
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आकाश निर्मल रहने पर कृष्ण पक्ष की रात्रि में एक चौड़ी मेखला पर तारे अधिक संख्या में दिखाई पड़ते हैं। यह मेखला क्षितिज के एक किनारे से निकलकर हमारे ऊपर से होती हुई क्षितिज के ठीक दूसरी ओर जाकर मिलती जान पड़ती है। इससे ज्ञात होता है कि यह मेखला एक पूर्ण, विशाल चक्र के समान पृथ्वी को घेरे हुए है। इसे 'आकाशगंगा' कहते हैं
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