प्रयोग:गोविन्द4

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

यादों का फंडा
          कुल-मिलाकर हमारी कहानी की हिरोइन पिंकी ने अपने बॉयफ्रेंड पिंकू को भुलाने की पूरी कोशिश की लेकिन जितना ज़्यादा भुलाने की कोशिश की जा रही थी उतनी ही पिंकू की याद और मजबूत होती जा रही थी। पिंकू को भुलाने की कोशिश ही उसको याद करना बनता जा रहा था। दिन-रात पिंकी के दिमाग में पिंकू का चेहरा, पिंकू की बातें वग़ैरा-वग़ैरा चलती रहती थीं। ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख ईमानदारी की क़ीमत · मौसम है ओलम्पिकाना