जपुजी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:37, 18 दिसम्बर 2012 का अवतरण (''''जपजी''' सिक्ख धर्म का प्रसिद्ध नित्यपाठ का ग्रंथ ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जपजी सिक्ख धर्म का प्रसिद्ध नित्यपाठ का ग्रंथ है। इसमें पद्य एवं भजनों का संग्रह है। 'जपजी' का सिक्खों के लिए वही महत्त्व है, जो हिन्दुओं के लिए 'गीता' का है।

  • इस ग्रंथ में संग्रहित पदों को गुरु नानक ने भगवान की स्तुति एवं अपने अनुयायियों की दैनिक प्रार्थना के लिए रचा था।
  • गुरु अर्जुन देव ने अपने कुछ भजनों को इसमें जोड़ा था।
  • 'जपजी' सिक्खों की पाँच प्रार्थना पुस्तकों में से प्रथम है तथा प्रात:कालीन प्रार्थना के लिए व्यवहृत होता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 275 |

संबंधित लेख