सरहपा
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==शीर्षक उदाहरण 1 == सरहपा
===शीर्षक उदाहरण 2 ===सरहपा का चौरासी सिद्धों की तालिका में छठा स्थान है। इनके सरहपाद, सरोजवज्र, राहुल भद्र नाम भी मिलते हैं। ====शीर्षक उदाहरण 3 ====जन्म श्री राहुल सांकृत्यायन ने इनका जन्म काल सन् 769 ईस्वी माना है। ऐसी मान्यता है कि वे पाल वंश के राजा धर्मपाल (सन् 770 से 810 ईस्वी) के समकालीन थे। इस आधार पर इनका समय आठवीं एवं नौवीं शताब्दी ठहरता है।
=====शीर्षक उदाहरण 4 ===== इनको बौद्ध धर्म की वज्रयान और सहजयान शाखा का प्रवर्तक माना जाता है। इनकी 20 से अधिक रचनाओं के नाम मिलते हैं किन्तु भाषा के अध्ययन की दृष्टि से इनका दोहा कोश अधिक चर्चित है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- [प्रोफेसर महावीर सरन जैन - अपभ्रंश एवं आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के संक्रमण-काल की रचनाएँ (हिन्दी के विशेष संदर्भ में)- http://www.pravakta.com/apabhra%E1%B9%83sa-modern-indian-aryan-languages-transition-period-of-compositions]
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