पारादीप बंदरगाह
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पारादीप बंदरगाह उड़ीसा के जगतसिंहपुर ज़िले में स्थित है। यह भारत के पूर्वी समुद्री किनारे पर स्थित सबसे बड़े समुद्र तटों में से एक है। यह 'पारादीप पोर्ट ट्रस्ट' द्वारा संचालित किया जाता है। यह बंदरगाह एक कृत्रिम हार्बर पर बनाया गया है। पारादीप गहरे पानी वाला बंदरगाह है, जो बंगाल की खाड़ी तथा महानदी के संगम पर स्थित है।[1]
'पारादीप पोर्ट ट्रस्ट' भारत सरकार के स्वामित्व में है। यह बंदरगाह राघवेन्द्र के द्वारा स्थापित किया गया था।
- इस बंदरगाह को उड़ीसा राज्य का सबसे पहला बंदरगाह माना जाता है।
- बंदरगाह से पारागमित होने वाला प्रमुख सामान (माल) थर्मल कोल और लोहा है।
- प्रत्येक वर्ष 55 लाख टन से अधिक कार्गो के निपटान की क्षमता इस बंदरगाह में है।
- पारादीप बंदरगाह गहरे पानी वाला पोर्ट है, जो बंगाल की खाड़ी और महानदी के मिलन स्थल पर ही स्थित है और जहाज मानव निर्मित लैगून के माध्यम से लाभ पाते हैं।
- एक दिलचस्प बात यह है कि यह बंदरगाह एक कृत्रिम हार्बर पर बनाया गया है। 43 फीट के एक न्यूनतम ड्राफ्ट के साथ 14-बर्थ बंदरगाह में 70,000 डीडब्ल्यूटी के जहाजों को धारण करने की अद्भुत क्षमता है।
- पारादीप का पोर्ट क्षेत्र इस्पात संयंत्रों, एल्यूमिना रिफाइनरी, एक पेट्रोकेमिकल परिसर, ताप विद्युत संयंत्रों आदि के साथ अब एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होने जा रहा है। इन सभी के लिए योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पारादीप पोर्ट, पारादीप (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 07 जून, 2014।