भृंग
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भृड़्ग (भृंग)- [स. भृ+गन्, कित्, नुट्-आगम] पु. 1. भ्रमर। भौंरा। 2. भृंगराज(पौधा)। भैंगरा। 3. भृंगराज पक्षी। 4. लम्प्ट मनुष्य। 5. सुवर्ण का घट/पात्र। 6. एक कीड़ा जो किसी कीड़े को पकड़कर उसे मिट्टी से ढँक देता है और फिर उस पर बैठकर अपनी आवाज आदि से कीड़े को अपने समान ही बना लेता है। (छन्द.) एक समवर्णिक छ्न्द जिसके प्रत्येक चरण में क्रमश: 6 नगण और गुरु-लघु के योग से 20 वर्ण होते हैं तथा 6-6-8 पर यति होति है।