कुल्लजम साहेब
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कुल्लजम साहेब अठारहवीं शताब्दी में विरचित संत साहित्य का एक ग्रंथ है। इसके रचयिता स्वामी प्राणनाथ हैं।[1]
- स्वामी प्राणनाथ ने इस ग्रंथ में बतलाया है कि भारत के सभी धर्म एक ही पुरुष (ईश्वर) में समाहित हैं।
- ईसाईयों के मसीहा, मुस्लिमों के महदी एवं हिन्दुओं के निष्कलंकावतार सभी एक ही व्यक्ति के रूप हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 193 |