महाप्रजापति
महाप्रजापति कोलिया देश की राजकन्या तथा माया देवी की छोटी बहन का नाम था। राजकुमार सिद्धार्थ के जन्म के सातवें दिन मायादेवी स्वर्ग सिधारी और यह राजा शुद्धोदन की पटरानी हुई। गौतम गोत्र में उत्पन्न होने के कारण इन्हें गौतमी कहते थे। अपनी बड़ी बहन की मृत्यु के पश्चात उन्होंने सिद्धार्थ का लालन पालन किया था। प्रोफेसर भागवत के अनुसार, ‘गौतम बुद्ध की पिछली वय में ज्ञान, लालसा, दया, उत्साह, बुद्धि की तीव्रता, उद्योग, विशद दृष्टि, कार्य दक्षता, नेता बनने की कुशलता आदि जो गुण प्रकट हुए थे, उनका अधिकांश श्रेय गौतमी को ही है।’ महाप्रजापति शब्द का प्रयोग हिन्दी साहित्य में किया गया है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- पौराणिक कोश |लेखक- राणा प्रसाद शर्मा | पृष्ठ संख्या- 560
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