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*मद्रास में कम्पनी के पदाधिकारियों में जो भ्रष्टाचार व्याप्त था, लार्ड पिगट उसे समाप्त नहीं तो रोकना अवश्य चाहता था। परन्तु उसके अधीनस्थ भष्टाचारी पदाधिकारी उस ईमानदार गवर्नर से कहीं अधिक शक्तिशाली सिद्ध हुए। उन्होंने उसे अपदस्थ करके क़ेदख़ाने में डाल दिया।  
 
*मद्रास में कम्पनी के पदाधिकारियों में जो भ्रष्टाचार व्याप्त था, लार्ड पिगट उसे समाप्त नहीं तो रोकना अवश्य चाहता था। परन्तु उसके अधीनस्थ भष्टाचारी पदाधिकारी उस ईमानदार गवर्नर से कहीं अधिक शक्तिशाली सिद्ध हुए। उन्होंने उसे अपदस्थ करके क़ेदख़ाने में डाल दिया।  
 
*लार्ड पिगट की मद्रास के क़ैदख़ाने में ही मृत्यु हो गई।<ref>(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-241</ref>
 
*लार्ड पिगट की मद्रास के क़ैदख़ाने में ही मृत्यु हो गई।<ref>(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-241</ref>
 
 
  
  
 
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09:47, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • लार्ड पिगट (1775-78 ई.) में मद्रास का गवर्नर था।
  • मद्रास में कम्पनी के पदाधिकारियों में जो भ्रष्टाचार व्याप्त था, लार्ड पिगट उसे समाप्त नहीं तो रोकना अवश्य चाहता था। परन्तु उसके अधीनस्थ भष्टाचारी पदाधिकारी उस ईमानदार गवर्नर से कहीं अधिक शक्तिशाली सिद्ध हुए। उन्होंने उसे अपदस्थ करके क़ेदख़ाने में डाल दिया।
  • लार्ड पिगट की मद्रास के क़ैदख़ाने में ही मृत्यु हो गई।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-241

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