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अष्टभुजा शुक्ल का जन्म भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जनपद के दीक्षापार गांव में 1954 में हुआ था। वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय चित्राखोर (बस्ती), उत्तरप्रदेश में अध्यापन कार्य करते हैं। इनके अब तक तीन काव्य संग्रह आ चुके हैं| कविता के अतिरिक्त लिलत निबंधों व पदों की रचना के कारण वे अपनी विशेष पहचान हिन्दी जगत् में बना चुके हैं|
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अष्टभुजा शुक्ल का जन्म भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जनपद के दीक्षापार गांव में 1954 में हुआ था । वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय चित्राखोर (बस्ती), उत्तरप्रदेश में अध्यापन कार्य करते हैं । इनके अब तक तीन काव्य संग्रह आ चुके हैं | कविता के अतिरिक्त लिलत निबंधों व पदों की रचना के कारण वे अपनी विशेष पहचान हिन्दी जगत् में बना चुके हैं |
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केदार शोध पीठ न्यास, बाँदा व सचिव, केदार सम्मान समिति नरेंद्र पुंडरीक के बताया है कि कवि अष्टभुजा शुक्ल को उनके कविता संग्रह "दु:स्वप्न भी आते है" के लिए वर्ष 2009 का केदार सम्मान देने का निर्णय किया गया है । प्रति वर्ष दिया जाने वाला यह चौदहवाँ केदार सम्मान है। इस से पूर्व समकालीन कविता के चर्चित 13 कवियों को केदार सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है । अष्टभुजा शुक्ल का ये संकलन "दु:स्वप्न भी आते हैं" वर्ष २००४ में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है ।

08:55, 16 अक्टूबर 2010 का अवतरण

अष्टभुजा शुक्ल का जन्म भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जनपद के दीक्षापार गांव में 1954 में हुआ था । वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय चित्राखोर (बस्ती), उत्तरप्रदेश में अध्यापन कार्य करते हैं । इनके अब तक तीन काव्य संग्रह आ चुके हैं | कविता के अतिरिक्त लिलत निबंधों व पदों की रचना के कारण वे अपनी विशेष पहचान हिन्दी जगत् में बना चुके हैं |

केदार शोध पीठ न्यास, बाँदा व सचिव, केदार सम्मान समिति नरेंद्र पुंडरीक के बताया है कि कवि अष्टभुजा शुक्ल को उनके कविता संग्रह "दु:स्वप्न भी आते है" के लिए वर्ष 2009 का केदार सम्मान देने का निर्णय किया गया है । प्रति वर्ष दिया जाने वाला यह चौदहवाँ केदार सम्मान है। इस से पूर्व समकालीन कविता के चर्चित 13 कवियों को केदार सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है । अष्टभुजा शुक्ल का ये संकलन "दु:स्वप्न भी आते हैं" वर्ष २००४ में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है ।